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महादेव सट्टा ऐप केस पर CBI की एंट्री: छत्तीसगढ़ के 70 थानों में FIR, फाइलों में दफन खुलेंगे काले राज, जानिए क्या बोले गृहमंत्री विजय शर्मा ?

Chhattisgarh Mahadev Satta App CBI Investigation: छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा एप की जांच अब सीबीआई करेगी। गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार महादेव एप मामले को सीबीआई को सौंपने जा रही है। करीब 70 थानों में अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई है।

Chhattisgarh Mahadev Satta App CBI Investigation: बीरनपुर और सीजी पीएससी घोटाले के बाद यह तीसरा मामला होगा जिसे विष्णुदेव सरकार सीबीआई को सौंपने जा रही है। ईडी के मुताबिक इस मामले में राज्य के कई वरिष्ठ नेताओं, अधिकारियों और कारोबारियों के नाम दर्ज हैं।

16 महीने से ईडी कर रही थी जांच

Chhattisgarh Mahadev Satta App CBI Investigation: महादेव एप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच ईडी करीब 16 महीने से कर रही है। राज्य में कांग्रेस सरकार के दौरान ईडी ने आरोप लगाया था कि इस सिंडिकेट को संरक्षण देने वालों में उच्च पदस्थ राजनेता और नौकरशाह शामिल हैं।

Chhattisgarh Mahadev Satta App CBI Investigation: ईडी के मुताबिक इस मामले में करीब 6,000 करोड़ रुपये की आय होने का अनुमान है। डिप्टी सीएम विजय शर्मा के मुताबिक जल्द ही इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया जाएगा।

Chhattisgarh Mahadev Satta App CBI Investigation: शेयर बाजार में लगाया पैसा ईडी, ईओडब्ल्यू के अलावा सेबी भी महादेव ऐप मामले की जांच कर रही है। ईडी की चार्जशीट में खुलासा हुआ है कि महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल और शुभम सोनी ने सट्टे की काली कमाई को सफेद करने के लिए शेयर बाजार में 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) इसकी जांच कर रहा है।

महादेव सट्टा ऐप क्या है?

Chhattisgarh Mahadev Satta App CBI Investigation: महादेव सट्टा ऐप सट्टे के लिए बनाया गया है। इस पर यूजर पोकर, कार्ड गेम, चांस गेम नाम के लाइव गेम खेलते हैं। ऐप के जरिए क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल और चुनाव जैसे खेलों में भी अवैध सट्टा लगाया जाता है।

Chhattisgarh Mahadev Satta App CBI Investigation: अवैध सट्टे के नेटवर्क के जरिए ऐप का नेटवर्क तेजी से फैला। सबसे ज्यादा खाते छत्तीसगढ़ में खोले गए। ऐप को फ्रेंचाइजी के तौर पर चलाया जाता था महादेव बेटिंग ऐप को कई ब्रांच से चलाया जाता था।

Chhattisgarh Mahadev Satta App CBI Investigation: छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल महादेव ऑनलाइन बुक ऐप के मुख्य प्रमोटर हैं। वे दुबई से अपनी गतिविधियों का संचालन करते थे। सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल हर ब्रांच को फ्रेंचाइजी के तौर पर बेचते थे।

Chhattisgarh Mahadev Satta App CBI Investigation: यूजर को शुरुआत में मुनाफा होता था और बाद में घाटा होता था। दोनों ही मुनाफे का 80 फीसदी हिस्सा अपने पास रख लेते थे। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया था कि सिर्फ 30 फीसदी यूजर ही जीतेंगे, बाकी हार जाएंगे। इस ऐप से होने वाली कमाई को हवाला के जरिए होटल बिजनेस और फिल्मों में लगाया जाता था।

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