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क्या अब चैतन्य को गिरफ्तार करेगी ED ? शराब घोटाला केस में 14 ठिकानों पर रेड से लटकी तलवार, जानिए नोटिस पर क्या बोले Bhupesh Baghel ?

Chhattisgarh liquor scam ED Bhupesh Baghel Chaitanya Baghel: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में छापेमारी के बाद ईडी ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को समन जारी किया है। ईडी ने 15 मार्च को चैतन्य को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन इस पर भूपेश बघेल ने कहा कि कोई नोटिस नहीं आया है, इसलिए जाने का सवाल ही नहीं उठता।

Chhattisgarh liquor scam ED Bhupesh Baghel Chaitanya Baghel: भूपेश बघेल ने कहा कि अगर नोटिस आएगा तो जरूर जाएंगे। ईडी का काम मीडिया हाइप क्रिएट करना है। नोट गिनने वाली मशीन, किसी ने नोट गिनते हुए दिखा दिया। इस तरह की मीडिया हाइप क्रिएट करना ईडी का काम है। यह सब बीजेपी की बदनाम करने की साजिश है।

अब जानिए क्या है पूरा मामला?

Chhattisgarh liquor scam ED Bhupesh Baghel Chaitanya Baghel: दरअसल 10 मार्च यानी सोमवार को सुबह 8 बजे ईडी की टीम 4 गाड़ियों में भूपेश और उनके बेटे चैतन्य के भिलाई-3 पदुमनगर स्थित घर पहुंची। यह जांच करीब 10 घंटे तक चली। टीम के जाने के बाद भूपेश बघेल ने बताया था कि टीम 32-33 लाख रुपए और दस्तावेज ले गई है।

Chhattisgarh liquor scam ED Bhupesh Baghel Chaitanya Baghel: भूपेश बघेल ने बताया था कि हम संयुक्त परिवार में 140 एकड़ जमीन पर खेती करते हैं। हमारे पास सिर्फ वही था जो हमने घोषित किया था। ईडी ने इसकी जांच की। अलग-अलग लोगों से, मेरी पत्नी, बेटे, बहू और बेटियों से 33 लाख रुपए नकद मिले।

Chhattisgarh liquor scam ED Bhupesh Baghel Chaitanya Baghel: बघेल ने बताया कि हम खेती भी करते हैं और डेयरी भी चलाते हैं। इसमें स्त्रीधन भी शामिल है। ऐसा माहौल बनाया गया कि नोट गिनने वाली मशीनें लाई गईं, मुझे नहीं लगता कि यह बहुत बड़ी रकम है।

चैतन्य से जुड़े 14 ठिकानों पर छापेमारी

चैतन्य बघेल से जुड़े कई ठिकानों समेत 14 ठिकानों पर छापेमारी की गई। दावा किया गया है कि 2100 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में चैतन्य बघेल को भी फायदा हुआ है। चैतन्य के करीबी और सहयोगी लक्ष्मीनारायण बंसल और पप्पू बंसल के ठिकानों पर भी कार्रवाई की गई।

Chhattisgarh liquor scam ED Bhupesh Baghel Chaitanya Baghel: इसके अलावा भिलाई के नेहरू नगर में मनोज राजपूत, चरोदा में अभिषेक ठाकुर और संदीप सिंह, कमल अग्रवाल किशोर राइस मिल दुर्ग, सुनील अग्रवाल सहेली ज्वेलर्स दुर्ग और बिल्डर अजय चौहान के खिलाफ भी ईडी की कार्रवाई हुई।

भूपेश के घर के बाहर हुआ प्रदर्शन

जांच के दौरान भिलाई के पदुमनगर में भूपेश बघेल के घर के बाहर बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद रहे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मुताबिक, प्रदेश के गृहमंत्री सवालों से घिरे हुए हैं, वे विधानसभा में किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे पा रहे हैं। इसीलिए ईडी का दुरुपयोग भूपेश बघेल के खिलाफ कर रही है।

अब समझिए क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला

Chhattisgarh liquor scam ED Bhupesh Baghel Chaitanya Baghel: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले की जांच ईडी कर रही है। ईडी ने एसीबी में एफआईआर दर्ज की है। दर्ज एफआईआर में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही जा रही है।

Chhattisgarh liquor scam ED Bhupesh Baghel Chaitanya Baghel: ईडी ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।

A, B और C कैटेगरी में बांटकर किया गया घोटाला

A: डिस्टलरी संचालकों से कमीशन

  • 2019 में डिस्टलरी संचालकों से प्रति पेटी 75 रुपए और बाद के सालों में 100 रुपए कमीशन लिया जाता था। कमीशन देने में डिस्टलरी संचालकों को नुकसान ना हो, इसलिए नए टेंडर में शराब की कीमतों को बढ़ाया गया। साथ ही फर्म में सामान खरीदी करने के लिए ओवर बिलिंग करने की राहत दी गई।

B: नकली होलोग्राम वाली शराब को सरकारी दुकानों से बिकवाना

  • डिस्टलरी मालिक से ज्यादा शराब बनवाई। नकली होलोग्राम लगाकर सरकारी दुकानों से बिक्री करवाई गई। नकली होलोग्राम मिलने में आसानी हो, इसलिए एपी त्रिपाठी के माध्यम से होलोग्राम सप्लायर विधु गुप्ता से भी कॉन्टैक्ट किया गया। होलोग्राम के साथ ही शराब की खाली बोतल की जरूरत थी। खाली बोतल डिस्टलरी पहुंचाने की जिम्मेदारी अरविंद सिंह और उसके भतीजे अमित सिंह को दी गई।
  • खाली बोतल पहुंचाने के अलावा अरविंद सिंह और अमित सिंह को नकली होलोग्राम वाली शराब के परिवहन की जिम्मेदारी भी मिली। सिंडिकेट में दुकान में काम करने वाले और आबकारी अधिकारियों को शामिल करने की जिम्मेदारी एपी त्रिपाठी को सिंडिकेट के कोर ग्रुप के सदस्यों ने दी।
  • शराब बेचने के लिए प्रदेश के 15 जिलों को चुना गया। शराब खपाने का रिकॉर्ड सरकारी कागजों में ना चढ़ाने की नसीहत दुकान संचालकों को दी गई। डुप्लीकेट होलोग्राम वाली शराब बिना शुल्क अदा किए दुकानों तक पहुंचाई गई। इसकी MRP सिंडिकेट के सदस्यों ने शुरुआत में प्रति पेटी 2880 रुपए रखी थी। इनकी खपत शुरू हुई, तो सिंडिकेट के सदस्यों ने इसकी कीमत 3840 रुपए कर दी।
  • डिस्टलरी मालिकों को शराब सप्लाई करने पर शुरुआत में प्रति पेटी 560 रुपए दिया जाता था, जो बाद में 600 रुपए कर दिया गया था। ACB को जांच के दौरान साक्ष्य मिला है कि सिंडिकेट के सदस्यों ने दुकान कर्मचारियों और आबकारी अधिकारियों की मिलीभगत से 40 लाख पेटी से अधिक शराब बेची है।

C: डिस्टलरीज के सप्लाई एरिया को कम/ज्यादा कर अवैध धन उगाही करना

  • देशी शराब को CSMCL के दुकानों से बिक्री करने के लिए डिस्टलरीज के सप्लाई एरिया को सिंडिकेट ने 8 जोन में बांटा। इन 8 जोन में हर डिस्टलरी का जोन निर्धारित होता था। 2019 में सिंडिकेट की ओर से टेंडर में नए सप्लाई जोन का निर्धारण प्रतिवर्ष कमीशन के आधार पर किया जाने लगा।
  • एपी त्रिपाठी ने सिंडिकेट को शराब बिक्री का जोन अनुसार विश्लेषण मुहैया कराया था, ताकि क्षेत्र को कम-ज्यादा करके पैसा वसूल किया जा सके। इस प्रक्रिया को करके सिंडिकेट डिस्टलरी से कमीशन लेने लगा।
  • EOW के अधिकारियों को जांच के दौरान साक्ष्य मिले हैं कि तीन वित्तीय वर्ष में देशी शराब की सप्लाई के लिए डिस्टलरीज ने 52 करोड़ रुपए पार्ट C के तौर पर सिंडिकेट को दिया है।ृ

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