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Kawasi Lakhma ED Raid इनसाइड स्टोरी: कवासी लखमा हो सकते हैं गिरफ्तार, ED बोली- कमीशन के सबूत और आपत्तिजनक रिकॉर्ड मिले

Chhattisgarh Liquor Scam Case ED Raid Kawasi Lakhma House: ईडी छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाला मामले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार कर सकती है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने आधिकारिक बयान में दावा किया है कि उसे शराब घोटाले में लखमा की संलिप्तता और अवैध शराब बिक्री पर कमीशन मिलने के अहम सबूत मिले हैं।

Chhattisgarh Liquor Scam Case ED Raid Kawasi Lakhma House: जब कवासी लखमा मंत्री थे, तब सुशील ओझा हमेशा उनकी गाड़ी में उनके साथ घूमते थे। वे कांग्रेस में प्रदेश प्रतिनिधि के पद पर हैं। ईडी ने रायपुर स्थित उनके घर पर छापा मारा। लेकिन ओझा विदेश यात्रा पर हैं। वहां पार्टी करते हुए वे सोशल मीडिया पर रील अपलोड कर रहे हैं।

लखमा के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है ईडी

Chhattisgarh Liquor Scam Case ED Raid Kawasi Lakhma House: इससे पहले ईडी ने शराब कारोबारी और रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, आबकारी विभाग के अधिकारी एपी त्रिपाठी समेत 5 लोगों को सबूतों का दावा करते हुए गिरफ्तार किया है।

Chhattisgarh Liquor Scam Case ED Raid Kawasi Lakhma House: इसी तरह लखमा के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई कर सकती है। हालांकि अब लखमा ने मीडिया से कहा है कि मैं 3 जनवरी को ईडी दफ्तर जाऊंगा।

क्या कहा लखमा ने, पूरा बयान पढ़ें

Chhattisgarh Liquor Scam Case ED Raid Kawasi Lakhma House: कवासी लखमा ने कहा कि, ईडी वाले जब आए थे तो मुझसे कागजात मांग रहे थे, सारे कागजात गांव में थे। मैंने समय मांगा था। वे जो भी कागजात मांग रहे हैं, मैं दे दूंगा। हर व्यक्ति को कानून का सम्मान करना चाहिए। मैं भी उनका सम्मान करूंगा।

Chhattisgarh Liquor Scam Case ED Raid Kawasi Lakhma House: जब भी वे मुझे बुलाएंगे, मैं जाऊंगा। मैं सच बोलूंगा। मैं सच्चा आदमी हूं। मैं अभी राजनीतिक मुद्दों और मीडिया के सवालों का जवाब नहीं दूंगा। मैं नियम और कानून का सम्मान करता रहूंगा।

ईडी ने कार्रवाई के बारे में क्या खुलासा किया

Chhattisgarh Liquor Scam Case ED Raid Kawasi Lakhma House: 28 दिसंबर 2024 को ईडी ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, उनके बेटे हरीश कवासी के घर पर छापा मारा था। टीम रायपुर के धरमपुरा स्थित कवासी लखमा के बंगले पर पहुंची थी।

Chhattisgarh Liquor Scam Case ED Raid Kawasi Lakhma House: पूर्व मंत्री की गाड़ी को घर से बाहर निकालकर तलाशी ली गई थी। चौबे कॉलोनी स्थित कवासी के करीबी सुशील ओझा के घर, सुकमा जिले में हरीश कवासी और नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू के घर पर भी छापेमारी की गई।

आपत्तिजनक रिकॉर्ड भी मिले

Chhattisgarh Liquor Scam Case ED Raid Kawasi Lakhma House: ईडी ने एक्स पर लिखा है कि, छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत रायपुर, धमतरी और सुकमा जिलों में स्थित 7 परिसरों में तलाशी अभियान चलाया गया।

Chhattisgarh Liquor Scam Case ED Raid Kawasi Lakhma House: ईडी घोटाले की प्रासंगिक अवधि के दौरान कवासी लखमा द्वारा अपराध की आय (पीओसी) का नकद उपयोग करने से संबंधित साक्ष्य जुटाने में सफल रही है। इसके अलावा, तलाशी में कई डिजिटल डिवाइस बरामद और जब्त की गईं, जिनमें आपत्तिजनक रिकॉर्ड होने का अनुमान है।

कवासी को मिला 2161 करोड़ का कमीशन

Chhattisgarh Liquor Scam Case ED Raid Kawasi Lakhma House: लखमा के खिलाफ कार्रवाई के बारे में निदेशालय ने कहा कि, ईडी की जांच में पहले ही पता चला था कि अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अन्य का शराब सिंडिकेट छत्तीसगढ़ राज्य में चल रहा था।

Chhattisgarh Liquor Scam Case ED Raid Kawasi Lakhma House: इस घोटाले की रकम 2161 करोड़ रुपए है। जांच में पता चला है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले से पीओसी से हर महीने कमीशन मिला है।

विदेश में रील बना रहा ओझा

वहीं, दूसरी तरफ मामले में फंसे इनके करीब सुशील ओझा विदेश में पार्टी कर रहे हैं। खुद वहां से वीडियो रील बनाकर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपलोड कर रहे।

माफिया-डॉन वाले डायलॉग और रॉबदार म्यूजिक बैकग्राउंड में अपने वीडियो बना रहा है। ED ने इसके चौबे कॉलोनी स्थित घर से कई दस्तावेज जब्त करने की बात कही है।

गिरफ्तार कर पूछताछ कर सकती है

वहीं, अब ईडी लखमा, उनके बेटे और करीबी ओझा को अरेस्ट कर उनसे पूछताछ हो सकती है। दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस से ED घपले में करोड़ों के लेन-देन को साबित करने का प्रयास कोर्ट में करेगी।

कवासी को 2161 करोड़ कमीशन मिला

निदेशालय की ओर से लखमा के खिलाफ एक्शन को लेकर कहा गया कि, ED की जांच में पहले पता चला था कि अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अन्य लोगों का शराब सिंडिकेट छत्तीसगढ़ राज्य में काम कर रहा था। इस घोटाले की रकम 2161 करोड़ रुपए है। जांच में पता चला है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले से पीओसी से हर महीने कमिशन मिला है ।

  • 2019 से 2022 के बीच चले शराब घोटाले में ED के मुताबिक ऐसे होती थी अवैध कमाई।
  • भाग-ए कमीशन: सीएसएमसीएल यानी शराब की खरीद और बिक्री के लिए राज्य निकाय द्वारा उनसे खरीदी गई शराब के प्रति ‘केस’ के लिए डिस्टिलर्स से रिश्वत ली जाती थी।
  • भाग-बी कच्ची शराब की बिक्री: बेहिसाब “कच्ची ऑफ-द-बुक” देशी शराब की बिक्री हुई। इस मामले में सरकारी खजाने में एक भी रुपया नहीं पहुंचा और बिक्री की सारी रकम सिंडिकेट ने हड़प ली। अवैध शराब सरकारी दुकानों से ही बेची जाती थी।
  • पार्ट-सी कमीशन: शराब बनाने वालों से रिश्वत लेकर उन्हें कार्टेल बनाने और बाजार में निश्चित हिस्सेदारी दिलाने के लिए रिश्वत ली जाती थी। एफएल-10ए लाइसेंस धारकों से कमीशन ली गई जिन्हें विदेशी शराब के क्षेत्र में कमाई के लिए लाया गया था।

क्या है शराब घोटाला ?

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।

ED की ओर से दर्ज कराई गई FIR की जांच ACB कर रही है। ACB से मिली जानकारी के अनुसार साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई। इससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है।

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