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शराब-कोयला घोटाला केस में ACB-EOW की रेड:रायपुर में कारोबारी के ठिकानों पर दबिश; अकलतरा में कोल व्यापारी के घर कार्रवाई, दस्तावेज खंगाल रही टीम

Chhattisgarh Liquor Scam ACB EOW Raid in Raipur Avadhesh Yadav Jaychand Kosle: छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले और शराब घोटाले मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की कार्रवाई जारी है। रविवार को कोयला घोटाला मामले में जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा में अधिकारियों ने दबिश दी है। वहीं, शराब घोटाले मामले में EOW ने रायपुर में छापा मारा है।

Chhattisgarh Liquor Scam ACB EOW Raid in Raipur Avadhesh Yadav Jaychand Kosle: जानकारी के मुताबिक, EOW की टीम रायपुर के शिव विहार कॉलोनी स्थित अवधेश यादव के घर पहुंची है। अवधेश शराब कारोबार से जुड़ा हुआ है। कारोबारी के 2 ठिकानों पर टीम पहुंची है। अफसर दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं।

Chhattisgarh Liquor Scam ACB EOW Raid in Raipur Avadhesh Yadav Jaychand Kosle: जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा में EOW की 12 सदस्यीय टीम ने दबिश दी है। कोयला व्यापारी जयचंद कोसले के अंबेडकर चौक स्थित घर में रेड की कार्रवाई की गई। जानकारी के अनुसार जय चंद कोसल के पिता खनिज विभाग में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ हैं।

Chhattisgarh Liquor Scam ACB EOW Raid in Raipur Avadhesh Yadav Jaychand Kosle: ACB-EOW की एक टीम जयचंद कोसले के रायपुर स्थित घर भी पहुंची है। सेजबहार स्थित अविनाश स्मार्ट सिटी के कॉलोनी में टीम ने दबिश दी है। 2 गाड़ियों में अफसर पहुंचे हैं। जयचंद कोसले पूर्व सीएम भूपेश बघेल की उप सचिव रही सौम्या चौरसिया का करीबी बताया जा रहा है।

2 दिन पहले शराब घोटाला केस में रिटायर्ड IAS अरेस्ट

2 दिन पहले ही शराब घोटाला केस में ACB-EOW ने रिटायर्ड IAS निरंजन दास को गिरफ्तार किया था। पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास कांग्रेस सरकार के दौरान आबकारी आयुक्त थे। निरंजन पर सिंडिकेट ऑपरेट करने में अहम रोल निभाने का आरोप है। घोटाले से उन्हें हर महीने 50 लाख मिलते थे।

Chhattisgarh Liquor Scam ACB EOW Raid in Raipur Avadhesh Yadav Jaychand Kosle: शुक्रवार को निरंजन दास को रायपुर की ACB-EOW कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट के आदेश के अनुसार निरंजन दास 25 सितंबर तक EOW की रिमांड पर रहेंगे।

Chhattisgarh Liquor Scam ACB EOW Raid in Raipur Avadhesh Yadav Jaychand Kosle: EOW की जांच में सामने आया है कि, रिटायर्ड IAS निरंजन दास ने पूर्व IAS अनिल टुटेजा, तत्कालीन विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर और अन्य के साथ मिलकर शराब घोटाले का सिंडिकेट खड़ा किया था।

Chhattisgarh Liquor Scam ACB EOW Raid in Raipur Avadhesh Yadav Jaychand Kosle: EOW के मुताबिक सिंडिकेट ने सरकारी शराब दुकानों में कमीशन तय करने, डिस्टलरियों से अतिरिक्त शराब बनवाने, विदेशी ब्रांड की अवैध सप्लाई कराने और डुप्लीकेट होलोग्राम के जरिए शराब बेचने जैसी गतिविधियों से राज्य सरकार को हजारों करोड़ का नुकसान पहुंचाया।

जानिए क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।

फरवरी 2019 में बना था शराब घोटाला सिंडिकेट

ED के मुताबिक कारोबारी अनवर ढेबर ने सिंडिकेट बनाने के लिए फरवरी 2019 में जेल रोड स्थित होटल वेनिंगटन में प्रदेश के 3 डिस्टलरी मालिकों को बुलाया। इस मीटिंग में छत्तीसगढ़ डिस्टलरी से नवीन केडिया, भाटिया वाइंस प्राइवेट लिमिटेड से भूपेंदर पाल सिंह भाटिया और प्रिंस भाटिया शामिल हुए।

Chhattisgarh Liquor Scam ACB EOW Raid in Raipur Avadhesh Yadav Jaychand Kosle: साथ ही वेलकम डिस्टलरी से राजेंद्र जायसवाल उर्फ चुन्नू जायसवाल के साथ हीरालाल जायसवाल और नवीन केडिया के संपर्क अधिकारी संजय फतेहपुरिया पहुंचे। मीटिंग में इनके अलावा एपी त्रिपाठी और अरविंद सिंह भी मौजूद थे।

मीटिंग में अनवर ढेबर ने तय किया कि डिस्टलरी से जो शराब सप्लाई की जाती है, उसमें प्रति पेटी कमीशन देना होगा। कमीशन के बदले रेट बढ़ाने का आश्वासन डिस्टलरी संचालकों को दिया गया। पैसे का हिसाब-किताब करने के लिए आरोपियों ने पूरे कारोबार को ए, बी और सी पार्ट में बांटा।

सरकारी कागजों पर रिकॉर्ड नहीं चढ़ाने की हिदायत

Chhattisgarh Liquor Scam ACB EOW Raid in Raipur Avadhesh Yadav Jaychand Kosle: ED के मुताबिक शराब दुकान संचालकों को सरकारी कागजों पर शराब की खपत दर्ज न करने की सलाह दी गई थी। बिना शुल्क चुकाए दुकानों तक डुप्लीकेट होलोग्राम वाली शराब पहुंचाई गई। जांच एजेंसी ने आरोप पत्र में कहा है कि आबकारी विभाग में भ्रष्टाचार फरवरी 2019 से शुरू हुआ था।

ऐसे हुई थी अवैध शराब बेचने की शुरुआत

Chhattisgarh Liquor Scam ACB EOW Raid in Raipur Avadhesh Yadav Jaychand Kosle: शुरुआत में डिस्टलरी से हर महीने 800 पेटी शराब से भरे 200 ट्रक निकलते थे। एक पेटी 2840 रुपए में बिकती थी। उसके बाद, हर महीने 400 ट्रक शराब की आपूर्ति होने लगी। शराब 3,880 रुपए प्रति पेटी बेची गई। EOW की शुरुआती जांच में पता चला है कि 3 साल में 60 लाख से ज़्यादा पेटी शराब अवैध रूप से बेची गई।

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