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छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र: सदन में गूंजा जेपी कॉलेज के खेल मैदान का मुद्दा, फिर मंत्री ने दिया ये जवाब

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छत्तीसगढ़ विधानसभा में बजट सत्र की कार्यवाही के दिन सदन में जेपी वर्मा कॉलेज के खेल मैदान का मुद्दा गूंजा। बिलासपुर विधायक शैलेश पांडे ने बिलासपुर के जेपी वर्मा महाविद्यालय के खेल मैदान का मुद्दा उठाया। जवाब में मंत्री ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद मामले में हम इससे ऊपर कोई कार्रवाई नहीं कर सकते। इसमें चर्चा कराए जाने की जरूरत है। 

विधायक पांडेय ने मंत्री से सवाल करते हुए पूछा कि खेल के मैदान के विवादित प्रकरण में राजस्व विभाग ने तीन सालों में क्या-क्या फैसले लिए। कॉलेज को किसने जमीन दान की है और कब तक कितनी जमीन दान में दी गई थी? मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि ट्रस्टियों ने कोई जमीन बेची नहीं है। मामले हाईकोर्ट से आदेश हुआ है जिसके ऊपर कोई नहीं है। क्योंकि सिंगल बैंच का ऑर्डर है।

विधायक ने पूर्ववर्ती सरकार को भी घेरा

इस पर विधायक ने कहा कि पूर्व की बीजेपी सरकार में उसका नाम बदलकर ट्रस्टियों को पहले ही दुखी कर दिया गया है। जमीन शासन की है, फिर यह मामला हाईकोर्ट तक क्यों पहुंचा? इस पर मंत्री ने कहा कि यह जमीन दान में नहीं दी गई है। विधायक ने जानकारी को सही नहीं मानते हुए कहा कि जिस जमीन का जिक्र कर रहे हैं, वो अलग-अलग है। दान दी हुई जमीन अलग है और जिसकी ये बात कर रहे हैं वो अलग है।

नियमितीकरण और घोटालेबाजी का मुद्दा भी उठा

दूसरी ओर विधानसभा में नियमितीकरण और घोटालेबाजी का मुद्दा भी उठा। मामले में सहायक आयुक्त को निलंबित कर दिया गया है। चर्चा है कि विधानसभा में मुद्दा उठने से पहले ही सहायक आयुक्त बद्रीनाथ सुखदेवे को भनक लग गई थी। फिलहाल वो अस्पताल में भर्ती हैं। पात्र कर्मचारियों को पात्र करने वाले सहायक आयुक्त पर भी कार्रवाई की गई है।  

सहायक आयुक्त को निलंबित करने की घोषणा

राजिम विधायक अमितेष शुक्ल ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया, जिसके बाद कार्रवाई हुई। आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने सहायक आयुक्त को निलंबित करने की घोषणा की है। अमितेश शुक्ल ने गरियाबंद जिले में आदिवासी विकास विभाग की ओर से संचालित छात्रावास और आश्रमों में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी के अपात्र दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित करने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि मंत्री की ओर से जानकारी आई है कि नियमित नहीं किया गया है, जबकि मेरे पास इसका आदेश है। पैसे लेकर नियमित किया गया है। चार साल से ज्यादा समय से गायब एक कर्मचारी को भी नियमित किया गया है। इसके बाद मंत्री टेकाम ने सहायक आयुक्त को निलंबित करने और मामले की जांच कराने की घोषणा की है। 

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