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5 लोगों ने गैंगरेप कर लड़की को मार डाला: पिता और बच्ची का भी किया कत्ल, 5 हत्यारे-बलात्कारियों को फांसी, एक को उम्र कैद

Chhattisgarh Korba Minor Rape Murder 5 Accused Sentenced To Death: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में 4 साल पहले 16 साल की पहाड़ी कोरवा नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई थी। उसके पिता और 4 साल की बेटी की भी हत्या कर दी गई थी। कोर्ट ने 5 हत्यारों और दुष्कर्मियों को फांसी और एक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामला लेमरू थाना क्षेत्र का है।

Chhattisgarh Korba Minor Rape Murder 5 Accused Sentenced To Death: हत्यारों में सतरेंगा गांव निवासी संतराम मंझवार (45), अनिल कुमार सारथी (20), आनंद दास (26), परदेशी दास (35) और जब्बार उर्फ ​​विक्की (21) शामिल हैं। वहीं एक आरोपी उमाशंकर यादव (22) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। वह हत्या में शामिल था, उसने दुष्कर्म नहीं किया था।

जानिए क्या है पूरा मामला

Chhattisgarh Korba Minor Rape Murder 5 Accused Sentenced To Death: 29 जनवरी 2021 को गढ़-उपरोड़ा के कोरई जंगल में एक परिवार के 3 सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। मृतकों में देवपहरी गांव के धरमू उर्फ ​​झकड़ी राम (45), उसकी बेटी (16) और पोती सतमती (4) शामिल हैं। तीनों के शव 30 जनवरी को जंगल में मिले थे।

धरमू संतराम के यहां मवेशी चराता था

धरमू का परिवार हत्यारे संतराम मंझवार के घर पर रहता था और उसके मवेशी चराता था। बदले में उसने 8000 रुपए सालाना और हर महीने 10 किलो चावल देने का वादा किया था, लेकिन संतराम मंझवार ने सिर्फ 600 रुपए और 10 किलो चावल दिया, इसलिए 29 जनवरी 2021 को हिसाब-किताब हुआ।

बलात्कार की साजिश

इसके बाद परिवार घर जाने के लिए सतरेंगा के बस स्टैंड गया। इसी बीच हत्यारा संतराम मंझवार अपने साथियों के साथ आया। उसने कहा कि वह सभी को बाइक से घर छोड़ देगा। उसने अपनी पत्नी को बाइक से आगे भेज दिया। उसने उसके पति, नाबालिग बेटी और पोती को रोक लिया।

इसके बाद संतराम मंझवार ने रास्ते में धर्मू को रोककर उसे शराब पिलाई। फिर साजिश के तहत सभी ने बारी-बारी से उसकी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म किया। घटना के बाद उन्होंने उस पर लाठी-डंडों और पत्थरों से हमला कर दिया। उसे मरा समझकर फेंक दिया। इसके बाद उसके पिता और पोती की भी पत्थरों से हमला कर हत्या कर दी।

आरोपियों की निशानदेही पर शव बरामद

इसके बाद जब तीनों घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने संतराम से पूछा। उसने बताया कि वह उन्हें गांव के पास छोड़ गया है। परिजनों की शिकायत पर 4 दिन बाद पुलिस ने संतराम को हिरासत में लेकर पूछताछ की। इसके बाद मामले का खुलासा हुआ। सभी शव बरामद किए गए।

जज ने कहा- समाज की सामूहिक चेतना को ठेस पहुंची

जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायालय (पॉक्सो) की विशेष न्यायाधीश डॉ. ममता भोजवानी ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अमानवीय और निर्ममता से किया गया कृत्य वीभत्स, क्रूर और कायरतापूर्ण है। हवस की पूर्ति के लिए निर्दोष और कमजोर लोगों की हत्या की गई, जिससे पूरे समाज की सामूहिक चेतना को ठेस पहुंची है।

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