
Chhattisgarh Korba girl raped by minor: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक 13 साल के लड़के ने ढाई साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। बच्ची की मां ने मकान मालिक के बेटे को रंगे हाथों पकड़ लिया। वह बच्ची के घर में उस समय घुसा जब वह अकेली थी। आरोपी मोबाइल इस्तेमाल करने का आदी है। मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है।
मिली जानकारी के अनुसार, पीड़िता का परिवार आरोपी के घर में किराए पर रह रहा था। आरोपी को बच्ची के माता-पिता के ड्यूटी टाइमिंग की पूरी जानकारी थी, जिसका उसने फायदा उठाकर वारदात को अंजाम दिया। हंगामे के बाद आरोपी के पिता ने पीड़िता के परिवार को घर से निकाल दिया है।
जानिए क्या है पूरा मामला?
दरअसल, बुधवार को हर दिन की तरह बच्ची के माता-पिता काम पर गए थे। इस दौरान बच्ची घर पर अकेली थी। बच्ची की मां एक निजी अस्पताल में बिलिंग का काम करती हैं, जबकि पिता एक निजी कंपनी में कर्मचारी हैं।
इस बीच, बच्ची दोपहर में खाना खाने के लिए घर आई। इस दौरान उसने देखा कि घर का दरवाज़ा खुला था। जब वह अंदर गई तो मकान मालिक के बेटे को देखा। वह बच्ची के साथ बलात्कार कर रहा था। बच्ची की माँ ने आरोपी को पकड़ लिया और शोर मचाना शुरू कर दिया। इससे मोहल्ले के लोगों की भीड़ जमा हो गई।
बच्ची की माँ ने मोहल्ले के लोगों और मकान मालिक को पूरी घटना की जानकारी दी। इसके बाद सिविल लाइन पुलिस को सूचना दी गई। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँची। बच्ची को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा गया। साथ ही, घटना के बारे में पूछताछ की गई।
मकान मालिक के बेटे ने पहले भी की थी घिनौनी हरकत
जांच में यह भी पता चला कि मकान मालिक के बेटे ने पहले भी बच्ची के साथ ऐसी ही हरकत की थी। यह सुनकर मोहल्ले के लोग हैरान रह गए। घटना के बाद मकान मालिक ने पीड़िता के परिवार को धमकाया और घर खाली करवा लिया। परिवार अब कहीं और शरण लेने को मजबूर है।
पीड़िता के माता-पिता की शिकायत पर प्राथमिकी
कोरबा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नितीश ठाकुर ने बताया कि पीड़िता के माता-पिता ने शिकायत दर्ज कराई है। घटना की गंभीरता को देखते हुए नाबालिग आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एएसपी ने बताया कि आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। इस दौरान आरोपी ने अपराध करना स्वीकार कर लिया है। फिलहाल आरोपी को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है और आगे की जाँच जारी है।
डिजिटल लत बच्चों को गलत रास्ते पर धकेल रही
इस बीच, बाल कल्याण समिति के सदस्य मनोज ठाकुर ने बताया कि मामला समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। अभिभावकों को छोटे बच्चों को अकेला न छोड़ने और उनकी सुरक्षा के प्रति अधिक सतर्क रहने की चेतावनी दी जा रही है।
यह घटना न केवल एक परिवार के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए गहरी चिंता का विषय है। डिजिटल लत और निगरानी का अभाव नाबालिगों को गलत रास्ते पर धकेल रहा है। अभिभावकों को बच्चों पर लगातार नज़र रखनी चाहिए, खासकर जब वे मोबाइल या इंटरनेट की ओर आकर्षित हों।
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