
Chhattisgarh Kanker Pregnant woman walked 4 km: छत्तीसगढ़ के कांकेर ज़िले में एक गर्भवती महिला को कीचड़ भरे रास्ते पर लगभग 4 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। फिर एक एम्बुलेंस मिली और उसे अस्पताल पहुँचाया गया। आज़ादी के बाद से गाँव में पक्की सड़क नहीं बनी है। घटना का वीडियो वायरल हो रहा है। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि गाँव की आबादी कम है, इसलिए सड़क नहीं बनी।
मामला कोयलीबेड़ा विकासखंड का है। पंडरीपानी गाँव से गुमड़ीपारा जाने वाली कच्ची सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। इस सड़क की हालत इतनी खराब है कि बाइक और कार भी नहीं चल सकती। इससे पहले, जशपुर ज़िले में प्रसव के बाद मितानिन ने गर्भवती महिला को पीठ पर लादकर नदी पार कराई थी।

4 किलोमीटर दूर रुकी एम्बुलेंस
कांकेर की घटना की बात करें तो मंगलवार को 9 महीने की गर्भवती सुनीता कोमरा को प्रसव पीड़ा हुई। परिजनों ने महिला को नज़दीकी अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस को फ़ोन किया। सड़क की खराब हालत के कारण एम्बुलेंस 4 किलोमीटर दूर ही रुक गई। गर्भवती सुनीता कोमरा को इस कीचड़ भरे रास्ते पर पैदल चलना पड़ा।
महिला का पति और परिवार की चार महिलाएँ भी उसके साथ पैदल चलीं। परतापुर पहुँचने पर एक एम्बुलेंस मिली, जिससे महिला को पखांजूर सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहाँ महिला का इलाज चल रहा है। अभी तक उसकी डिलीवरी नहीं हुई है।
सरपंच और सचिव के खिलाफ जाँच की माँग
ग्रामीण देवनिधि नरवास ने बताया कि सरपंच को इस समस्या से कई बार अवगत कराया जा चुका है। लेकिन सरपंच और सचिव ने कभी इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। ग्रामीणों ने सरकार से माँग की है कि पंचायत को मिले सरकारी धन के खर्च की जाँच की जाए।
ग्रामीणों ने सड़क की मरम्मत और बुनियादी सुविधाओं की माँग की है। साथ ही, ग्रामीण सरपंच और सचिव की लापरवाही की जाँच और कार्रवाई की माँग कर रहे हैं।
100 लोगों की अनुपस्थिति के कारण नहीं बनी सड़क
इस पूरे मामले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के भानुप्रतापपुर संभाग प्रभारी जागेश्वर ध्रुव का कहना है कि केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत 500 की आबादी वाले गांवों में सड़कें बनाई गई हैं। अब 100 की आबादी वाले गांवों तक सड़कें बनाई जा रही हैं। परतापुर के आश्रित गांव पंडरीपानी में 100 से कम आबादी होने के कारण सड़क नहीं बन पाई।
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