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Chhattisgarh: हाईकोर्ट का फिर तीन IAS अफसरों को अवमानना नोटिस, आदेश के बाद भी अधिकारी का नहीं किया था तबादला

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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने तीन आईएएस अफसरों के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया है। कोर्ट के आदेश के बावजूद स्वास्थ्य अधिकारी का तबादला नहीं किया गया था। कोर्ट ने तीन सप्ताह के भीतर मामले के निराकरण के आदेश दिए थे। जिन अफसरों को नोटिस दिया गया है, उनमें सचिव स्थानांतरण समिति मनोज पिंगुआ, सचिव स्वास्थ्य विभाग आर प्रसन्ना और अवर सचिव स्वास्थ्य विभाग राजेन्द्र गौर शामिल हैं। खास बात यह है कि ऐसा दूसरी बार है, जब अन्य मामले में इन्हीं तीनों अफसरों को कोर्ट ने फिर नोटिस दिया है। 

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दरअसल बलौदाबाजार जिले के लवन में पदस्थ ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. राकेश प्रेमी का तबादला 30 सितंबर 2022 को जिला अस्पताल कबीरधाम कर दिया गया था। तबादला आदेश के विरुद्ध डॉ. प्रेमी ने हाईकोर्ट में रिट याचिका लगाई। इसमें कहा कि, उनके माता-पिता को गंभीर बीमारियां हैं। वे पूर्ण रुप से याचिकाकर्ता पर ही निर्भर हैं। उनकी पत्नी आत्मानंद विद्यालय में व्याख्याता के पद पर पदस्थ हैं। उनकी 13 साल की बेटी और चार साल का पुत्र की भी उनके ऊपर जवाबदारी है। 

याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि, मिड सेशन में ट्रांसफर किए जाने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने तीन सप्ताह के भीतर अभ्यावेदन का निराकरण करने का आदेश दिया था। निर्धारित अवधि में आदेश का पालन नहीं होने पर डॉ. राकेश प्रेमी ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की। अधिवक्ताओं ने यह भी तर्क दिया गया कि आईएएस अधिकारियों के हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किए जाने से अवमानना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

इसके पहले भी कोर्ट ने तीनों अफसरों को दिया था नोटिस

इसके पहले डॉ. वंदना भेले के स्थानांतरण के मामले में भी तीनों आईएएस अधिकारियों को हाईकोर्ट ने दो मार्च को अवमानना का नोटिस जारी किया था। डॉ. वंदना भेले बेमेतरा जिले में सिविल सर्जन व अस्पताल अधीक्षक के पद पर पदस्थ थीं। 30 सितंबर 2022 को स्वास्थ विभाग ने आदेश जारी कर उनका तबादला बेमेतरा से दुर्ग जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र झीट में कर दिया। जिसके खिलाफ डॉ वंदना ने हाईकोर्ट  में याचिका दाखिल की। याचिका में बताया था, कि वह 15 सालों से प्रथम श्रेणी के पद पर हैं, व स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में सेवाएं दे रही हैं। उन्हें हटाकर उनकी जगह उनसे काफी जूनियर व द्वितीय श्रेणी के मेडिकल ऑफिसर को पदस्थ कर दिया गया है। 

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