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छत्तीसगढ़ के हसदेव में 2 लाख पेड़ों की बलि ? 500 कर्मचारी हाईटेक मशीनों से काट रहे, PKEB कोल ब्लॉक से आंदोलनकारी उठाए गए

Chhattisgarh Hasdeo 2 Lakh Trees Felling PKEB Coal Block: छत्तीसगढ़ के सरगुजा में पीकेईबी फेज 2 कोल ब्लॉक के लिए हसदेव के जंगलों की कटाई शुक्रवार को फिर शुरू हो गई है। करीब 500 मजदूर मशीनों से पेड़ों को काटने में लगे हैं। इस दौरान विरोध प्रदर्शन करने जा रहे ग्रामीणों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। फेज-2 में 2 लाख से ज्यादा पेड़ काटे जाने हैं।

Chhattisgarh Hasdeo 2 Lakh Trees Felling PKEB Coal Block: बताया जा रहा है कि स्थानीय ग्रामीणों को गुरुवार रात को ही पेड़ काटने की भनक लग गई थी। इसके बाद करीब 150 ग्रामीण उदयपुर के घाटबर्रा के जंगल में पहुंच गए थे। शुक्रवार को जब फोर्स पहुंची तो ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद सभी को बस से दरिमा थाने ले जाया गया है।

खदान का विरोध करने वाले कब्जे में

Chhattisgarh Hasdeo 2 Lakh Trees Felling PKEB Coal Block: हसदेव जंगल को बचाने के लिए ग्रामीण 2 अक्टूबर 2022 से आंदोलन कर रहे हैं। शुक्रवार को भी प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। प्रदर्शनकारियों में रामलाल करियाम, जयसिंह खुसरो, मुनेश्वर पोर्ते, सुनीता पोर्ते सहित गांव के करीब 150 लोग शामिल हैं।

दो-तीन दिन तक चल सकती है पेड़ों की कटाई

Chhattisgarh Hasdeo 2 Lakh Trees Felling PKEB Coal Block: पीकेईबी फेज 2 में कितने क्षेत्र में कितने पेड़ काटे जाने हैं, इसका आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। शुक्रवार को हजारों पेड़ों को काटने के लिए चेन सॉ मशीनों से कटाई शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि पेड़ों की कटाई दो से तीन दिन तक चल सकती है।

भूपेश सरकार ने पेड़ों की कटाई पर लगाई थी रोक

Chhattisgarh Hasdeo 2 Lakh Trees Felling PKEB Coal Block: भूपेश सरकार के कार्यकाल में पेड़ों की कटाई की अनुमति बंद कर दी गई थी। सरकार बदलने के बाद 91.2 हेक्टेयर के साथ शेष क्षेत्र में कोयला उत्खनन की अनुमति दे दी गई है। इसके लिए राजस्थान सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार से कई बार संपर्क कर चर्चा की थी।

खदान का एमडीओ एक बड़ी निजी कंपनी है

Chhattisgarh Hasdeo 2 Lakh Trees Felling PKEB Coal Block: उदयपुर, सरगुजा में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड को आवंटित परसा ईस्ट केटे बासेन कोल ब्लॉक के लिए 2,682 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। इसका 70 प्रतिशत क्षेत्र वन भूमि है। हसदेव अरण्य क्षेत्र के इस कोल ब्लॉक में 2013 से कोयला उत्पादन हो रहा है।

खदान का एमडीओ एक बड़ी निजी कंपनी है। 2022 में छत्तीसगढ़ सरकार ने खदान क्षेत्र में 134.84 हेक्टेयर भूमि पर कोयला खनन की अनुमति दी थी। सितंबर 2022 में 43.6 हेक्टेयर भूमि से 8000 पेड़ काटे गए। वहीं, दिसंबर 2023 में 91.2 हेक्टेयर में 15703 पेड़ काटे गए। यह अधिकृत आंकड़ा है। अनुमान के मुताबिक पेड़ों की संख्या इससे कहीं अधिक है।

सुप्रीम कोर्ट ने खनन अनुमति को बरकरार रखा है

Chhattisgarh Hasdeo 2 Lakh Trees Felling PKEB Coal Block: एक दशक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ में अपने खनन अधिकार बरकरार रखने के निर्देश दिए हैं। इससे छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में सरकारी राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की परसा ईस्ट केटे बेसन (पीईकेबी) खदान पर मंडरा रही अनिश्चितता खत्म हो गई है।

Chhattisgarh Hasdeo 2 Lakh Trees Felling PKEB Coal Block: सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा दी गई अनुमति में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था। इससे पीईकेबी खदान के दूसरे चरण में खनन जारी रखने का रास्ता साफ हो गया।

पर्यावरण मंत्रालय ने दी थी खनन की अनुमति

जुलाई 2021 की परिषद की जैव विविधता आकलन रिपोर्ट और दिसंबर 2021 की वन सलाहकार समिति की अनुशंसाओं के आधार पर पर्यावरण मंत्रालय ने 2 फरवरी 2022 को पीईकेबी कोयला खदान के लिए चरण-2 खनन कार्य को मंजूरी दी थी। पर्यावरण मंत्रालय की उक्त मंजूरी के अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार ने भी 25 मार्च 2022 को पीईकेबी खदान में कोयला खनन की अनुमति दे दी थी।

चार गांवों और जंगल की जमीन

परसा ईस्ट-केटे-बसेन कोल ब्लॉक में कुल 2711 हेक्टेयर क्षेत्र में कोयला उत्खनन को मंजूरी दी गई थी। पीईकेबी चरण 2 में 1898 हेक्टेयर वन भूमि है, जिसमें परसा, हरिहरपुर, फतेहपुर और घाटबर्रा के 750 परिवारों को विस्थापित करने का प्रस्ताव है। हसदेव बचाओ आंदोलन से जुड़े आलोक शुक्ला ने बताया कि पेड़ों की कटाई का विरोध करने वालों को पुलिस ने उठा लिया है। पेड़ों की कटाई शुरू हो गई है।

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