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गरियाबंद में जिल्लत भरी जिंदगी की कहानी: 40 वाटर प्लांट, 7 करोड़ खर्च और फ्लोराइड युक्त पानी, घूंट-घूंट में बीमारी, रिश्तेदार करते हैं जलील

गिरीश जगत, गरियाबंद। बेबसी…लाचारी…जलील भरी जिंदगी…और रिश्ते ठुकरते रिश्तेदार। कहने को तो गांवों में 40 वाटर प्लांट लगे हैं, जिसमें कुछ दिन अमृत की धारा निकली, लेकिन महज 4 महीने में करप्शन की धारा बहने लगी। सरकार ने 7 करोड़ खर्च किए, ताकि जलील भरी जिंदगी खुशहाल हो जाए, लेकिन सिस्टम के हुक्मरान और जीभ लपलपाते ठेकेदारों ने पलभर में 7 करोड़ को चाट लिया। इसमें सरकारी सिस्टम भी खूब साथ दिया। एक के बाद एक हस्ताक्षर कर जेब भरते गए। अब फिर 40 गावों में हलक के नीचे जहरीला पानी उतर रहा है।

Chhattisgarh Gariaband Teeth Turn Yellow Due To Fluoride containing Water In 40 Villages: दरअसल, ये कहानी छत्तीसगढ़ के गरियाबंद की है। देवभोग तहसील के 40 गांव के लोग फ्लोराइड युक्त पानी पीने को बेबस हैं। फ्लोराइड की पुष्टि 7 साल पहले हो गई थी, लेकिन आज भी लोग परेशानी से जूझ रहे हैं। फ्लोराइड युक्त पानी को पीने से लोगों के दांत पीले हो रहे हैं। हड्डियों की बीमारी हो रही है।

बच्चे से लेकर 55 साल के बुजुर्ग पर फ्लोराइड का असर

Chhattisgarh Gariaband Teeth Turn Yellow Due To Fluoride containing Water In 40 Villages: देवभोग तहसील के नांगलदेही गांव में हर घर में प्रभावित हैं। 5 साल के बच्चे से लेकर 55 साल के बुजुर्ग पर फ्लोराइड का असर दिखा। ग्रामीणों का दावा है कि 700 की आबादी वाले गांव में 300 से ज्यादा लोगों पर फ्लोराइड का असर है। 60 से ज्यादा ऐसे लोग हैं, जिनकी हड्डियों में समस्याएं आ गई हैं।

40 गांव के पानी में फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा

स्कूलों में लगे वाटर सोर्स की जांच में इसका खुलासा हुआ था। इसके बाद PHE विभाग ने सभी 40 स्कूलों में 6 करोड़ रुपए खर्च कर फ्लोराइड रिमूवल प्लांट लगवाया। इनमें से 9 ऐसे हैं, जो सोर्स और अन्य तकनीकी खामियों के कारण शुरू भी नहीं हो सके।

4 माह चले और देख-रेख के अभाव में बंद हो गए

Chhattisgarh Gariaband Teeth Turn Yellow Due To Fluoride containing Water In 40 Villages: स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक ज्यादातर प्लांट 3 से 4 माह चले और देख-रेख के अभाव में बंद हो गए। पिछड़े डेढ़ साल से ग्रामीणों के पास फ्लोराइड युक्त पानी पीने के अलवा कोई दूसरा विकल्प नही है।

नांगलदेही में 300 से ज्यादा पर फ्लोराइड का असर

Chhattisgarh Gariaband Teeth Turn Yellow Due To Fluoride containing Water In 40 Villages: फ्लोराइड प्रभावित गांव में सबसे ऊपर नाम नांगलदेही का आता है। तीन साल पुरानी रिपोर्ट के मुताबिक यहां के सोर्स में मिनिमम 6 पीपीएम से लेकर अधिकतम 14 पीपीम तक फ्लोराइड होने की पुष्टि हुई है।

विकल्प का किसी ने इंतजाम नहीं किया

Chhattisgarh Gariaband Teeth Turn Yellow Due To Fluoride containing Water In 40 Villages: सामान्य सोर्स में 1.5 पीपीएम से कम तक मानव शरीर के लिए ठीक माना गया है। पिछले 6 साल से कमर टेढ़ा होने की बीमारी झेल रहे मधु सूदन नागेश बताते हैं कि बढ़े हुए फ्लोराइड की जानकारी सबको है, लेकिन विकल्प का किसी ने इंतजाम नहीं किया।

200 से ज्यादा लोगों के दांत पीले

कुंए के पानी में भी फ्लोराइड की 6 पीपीएम की मात्रा है। नागेश बताते हैं कि उनके तीन बच्चे हैं। तीनों के दांत पीले हैं। पूरे गांव में 200 से ज्यादा बच्चे, युवा दांत पीले होने के शिकार हो चुके हैं, जबकि मंचू यादव (58), इशो नेताम (39), टिकम नागेश (55), दयाराम पटेल (52), दया नेताम (53), वैदेही बाई (52) उनके पति उगरे (60) समेत 100 से ज्यादा लोगों को हड्डी की बीमारी है।

जवान बेटी-बेटों के पीले दांत देख रिश्ते ठुकरा दिए जाते हैं

दांत पीले होने के कारण नए रिश्ते बनाते समय अपमानित हो चुके मोतीलाल नेताम बताते हैं कि फ्लोराइड न केवल स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है, बल्कि नए रिश्ते में भी बाधा बन जाता है। दांत पीले होने के कारण कई बहन नापसंद का शिकार हो गए, जबकि बेटों को भी रिश्ते जोड़ने के समय जलील होना पड़ता है।

14.50 लाख प्रति प्लांट के दर से मंजूरी

Chhattisgarh Gariaband Teeth Turn Yellow Due To Fluoride containing Water In 40 Villages: स्कूल सोर्स के जांच रिपोर्ट के बाद पूर्वर्ती सरकार ने 14.50 लाख प्रति प्लांट के दर से 40 प्लांट की मंजूरी दे दी। जून 2021 में आशीष बागड़ी नाम के फर्म से अनुबंध कर कार्य आदेश भी जारी किया। फर्म को अफसरों ने आंख बंद कर काम करवाया। प्लांट शुरू होने से पहले भुगतान भी कर दिया। अब सारे प्लांट बंद हैं।

5 करोड़ 67 लाख रुपए का भुगतान

Chhattisgarh Gariaband Teeth Turn Yellow Due To Fluoride containing Water In 40 Villages: बताया जा रहा है कि 14.50 लाख प्रति प्लांट के दर से 40 प्लांट में करीब 5 करोड़ 67 लाख रुपए का भुगतान किया गया है, लेकिन अब ये सारे प्लांट कोई काम के नहीं रह गए हैं। फर्म को 6 प्रतिशत एक्ट्रा पेमेंट करने की बात भी सामने आई है। कुल मिलाकर करीब 7 करोड़ खर्च किए गए हैं। मेंटेनेस और देख-रेख पर भी ध्यान नहीं दिया गया।

फ्लोराइड रिमूवल प्लांट सफेद हाथी साबित हो रहा

2022 में काम पूरा होते होते ज्यादातर प्लांट बंद होते गए। नए अफसर आए तो मेंटेंनेंस की मंजूरी के लिए सरकार के पास फाइल बढ़ा दिया, लेकिन अब तक इसकी मंजूरी नहीं मिली है। करोड़ों के प्लांट अब सफेद हाथी साबित हो रहे हैं। नांगलदेही के अलावा कई स्कूल में भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर मुंबई से भी आर ओ वाटर प्लांट लगाए गए हैं, जिसकी भी सुध लेने वाला कोई नहीं है।

बेखबर है स्वास्थ्य विभाग

Chhattisgarh Gariaband Teeth Turn Yellow Due To Fluoride containing Water In 40 Villages: बीएमओ डॉक्टर सुनील रेड्डी ने बताया कि नांगलदेही में किसी भी ग्रामीण ने इलाज के लिए संपर्क नहीं किया है। अगर ऐसा है तो जांच कराते हैं। पीड़ित मिले तो आवश्यक उपचार कराए जाएंगे।

PHE को मेंटेनेंस की मंजूरी का इंतजार

Chhattisgarh Gariaband Teeth Turn Yellow Due To Fluoride containing Water In 40 Villages: PHE SDO सुरेश वर्मा ने बताया कि मेंटेनेंस के लिए अनुबंध की फाइल विधिवत आगे बढ़ाई गई है। मंजूरी मिलते ही सभी प्लांट को दुरुस्त किया जाएगा। कहीं बंद हैं तो उसे जांच कराई जाएगी।

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