
Chhattisgarh Gariaband Friday Market Management Protest Retail Traders Hunger Strike: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद नगर में शुक्रवारी बाजार व्यवस्थापन को लेकर चल रहे विरोध में 30 घंटे से भूख हड़ताल पर बैठे फुटकर व्यापारियों का अनशन समाप्त हो गया। प्रशासन ने व्यापारियों की मांगों पर विचार करने का भरोसा दिया, जिसके बाद हड़ताल समाप्त हो गई।
प्रशासन ने स्पष्ट किया कि जब तक निर्माण कार्य पूरा नहीं होगा, तब तक कोई विस्थापन नहीं किया जाएगा। सोमवार को व्यापारियों का प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर से मिलेगा।

प्रशासन की टीम पहुंची धरना स्थल
शनिवार शाम को पालिका सीएमओ गिरीश चंद्रा, थाना प्रभारी ओमप्रकाश और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम गांधी मैदान स्थित धरना स्थल पहुंची। शुरुआत में व्यापारियों और प्रशासन के बीच बातचीत तल्ख रही, लेकिन कोतवाली प्रभारी के हस्तक्षेप और पार्षदों की मध्यस्थता के बाद मामला शांत हुआ।
सीएमओ ने दिया आश्वासन
सीएमओ गिरीश चंद्रा ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि जब तक निर्माण कार्य पूरी तरह से नहीं हो जाता, तब तक किसी भी फुटकर व्यापारी को विस्थापित नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, व्यापारियों की अन्य मांगों पर चर्चा करने के लिए सोमवार को एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर से मुलाकात करेगा।
पांच लोगों की बिगड़ी तबीयत, लेकिन नहीं लिया इलाज
भूख हड़ताल पर बैठे 9 व्यापारियों में से 5 की हालत शनिवार दोपहर तक बिगड़ने लगी थी। डॉक्टरों ने ग्लूकोज चढ़ाने की सलाह दी, लेकिन आंदोलनकारी इलाज लेने से इनकार करते रहे। बारिश में भी धरना जारी रहा, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई थी।
पार्षदों ने निभाई मध्यस्थ की भूमिका
पार्षद छगन यादव, पुना राम, निरंजन प्रधान और पार्वती ध्रुव ने व्यापारियों और प्रशासन के बीच समझौता कराने में अहम भूमिका निभाई। आखिर में थाना प्रभारी ओमप्रकाश ने अनशनकारियों को पानी पिलाकर भूख हड़ताल समाप्त करवाई।
जानिए क्या है पूरा मामला
शुक्रवारी बाजार में पिछले 15-20 वर्षों से व्यवसाय कर रहे 50 से अधिक फुटकर व्यापारी नगर पालिका द्वारा की जा रही नई व्यवस्थापन प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं। उनकी मांग है कि जब तक निर्माण कार्य पूरी तरह नहीं हो जाता, तब तक उन्हें उनकी पुरानी जगहों पर ही बैठने दिया जाए। साथ ही, वे लाटरी के जरिए किए गए नए आवंटन में भेदभाव का आरोप भी लगा रहे हैं।
पालिका अध्यक्ष ने दी सफाई
नगर पालिका अध्यक्ष रिखी राम यादव ने कहा कि बाजार को सुव्यवस्थित करने की दिशा में यह कदम उठाया गया है। अलग-अलग व्यवसायों को उनके अनुसार स्थान दिया जा रहा है, जिससे व्यापारी और ग्राहक दोनों को सहूलियत हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन स्थानों का निर्माण पूरा हो चुका है, वहीं केवल व्यवस्थापन होगा।
Read more- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanista Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS