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फिंगेश्वर में धड़ल्ले से चल रहा अवैध खनन का खेल: तालाब से 50-60 हाइवा रोज भर रहे मुरम, सड़कें टूटीं, खेतों में हाइवा दौड़ रहे, खनिज विभाग और प्रशासन मौन क्यों?

गरियाबंद से गिरीश जगत की रिपोर्ट

Chhattisgarh Gariaband Fingeshwar illegal murum excavation: गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर विकासखंड के ग्राम पंचायत भेंडरी के आश्रित ग्राम सरगोड़ में सूखा तालाब अवैध मुरम खनन का अड्डा बन चुका है। बीते 15 दिनों से राजनीतिक रसूखदार माफिया आधी रात को चेन माउंटेन और पोकलेन मशीनों से खुदाई कर रहे हैं। रोजाना 50 से 60 हाइवा मुरम निकल रही है।

ग्रामीणों से छल, लाखों का खेल

ग्रामीणों को तालाब चौड़ीकरण का लालच दिखाकर 20 हजार रुपए में सौदा किया गया। जबकि पर्दे के पीछे लाखों का खेल हुआ। जब विरोध शुरू हुआ तो माफिया ने रात के अंधेरे में खनन शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि माफिया अपने गुर्गे और लठैतों के सहारे ग्रामीणों को डराकर यह काम कर रहे हैं।

खनिज विभाग की टीम लौटी खाली हाथ

सूत्रों के मुताबिक 5 अगस्त को खनिज विभाग की टीम मौके पर पहुंची थी, लेकिन बिना कार्रवाई लौट गई। इसके बाद से अब तक किसी जिम्मेदार ने झांककर भी नहीं देखा। सवाल उठ रहा है कि जब रोजाना लाखों की मुरम निकल रही है तो प्रशासन और खनिज विभाग आंख मूंदे क्यों बैठे हैं?

पंचायत की अनुमति भी नहीं

सरपंच चुम्मन लाल सिन्हा का कहना है कि पंचायत से कोई अनुमति नहीं ली गई है। हालांकि ग्रामीणों की सहमति का हवाला दिया जा रहा है। सवाल यह है कि अगर पंचायत की भूमिका नहीं है तो आखिर कौन माफिया खुलेआम तालाब को खोद रहे हैं?

टास्क फोर्स की मौन स्वीकृति?

राजिम-नयापारा में एक हाइवा मुरम 10-15 हजार में बिक रही है। रॉयल्टी और जीएसटी की चोरी से माफिया रोज लाखों कमा रहे हैं। गाड़ियां फिंगेश्वर थाना और तहसील के सामने से गुजर रही हैं, लेकिन कोई जांच नहीं हो रही। कलेक्टर ने टीम बनाई है, लेकिन कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? क्या यह मौन स्वीकृति नहीं है?

सड़कें टूटीं, खेतों में हाइवा दौड़ रहे

गांव की डामर सड़कें पूरी तरह टूट चुकी हैं। माफिया ने किसानों के खेतों को रास्ता बना दिया है। धान की बुआई वाले खेत के बीच से हाईवा गुजर रही है। किसान डर के कारण खुलकर विरोध नहीं कर पा रहे।

कलेक्टर बोले- नहीं मिली शिकायत

कलेक्टर भगवान सिंह उइके ने कहा कि, “अवैध खनन की जानकारी या शिकायत नहीं आई है। टीम बनाई गई है, दिखवाता हूं, आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।”

बड़े सवाल

रोजाना 50-60 हाइवा मुरम निकल रही है, प्रशासन को क्यों नहीं दिख रहा?

खनिज विभाग की टीम कार्रवाई किए बिना क्यों लौट गई?

किसानों के खेत और गांव की सड़कें बर्बाद हो रही हैं, जिम्मेदार चुप क्यों?

क्या माफिया राजनीतिक रसूख के दम पर सब कुछ कर रहे हैं?

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