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2 पूर्व विधायक की पत्नी, बहू और भाई हारे चुनाव: 2 आदिवासी चेहेरों ने रचा इतिहास, विधायक भी नहीं बचा सके अपनी साख, पढ़िए गरियाबंद की चुनावी कहानी

गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में पंचायत निकाय चुनाव में दो बड़े आदिवासी चेहरों ने जिला पंचायत की सीट बदल कर भी बड़ी जीत दर्ज की है। वहीं कई बड़े नेताओं के रिश्तेदार और करीबी हार गए। इसके अलावा एक विधायक भी अपने करीबियों को नहीं जिता पाए, जबकि उनके पक्ष में जोर-शोर से प्रचार किए थे।

दरअसल, गरियाबंद जिले में प्रथम चरण में गरियाबंद और मैनपुर ब्लॉक के 315 बूथों पर सफलता पूर्वक मतदान सम्पन्न हुआ। जिला पंचायत के 4 क्षेत्र के मतदान में दो भाजपा एक कांग्रेस अधिकृत प्रत्याशी के खाते में तो एक निर्दलीय के खाते में गया।

सीट बदल कर भी कायम रखा दबदबा

जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष संजय नेताम ने इस बार क्षेत्र क्रमांक 7 से चुनाव लड़ा।संजय को हराने कांग्रेस से ही दो पदाधिकारियों को मैदान में विरोधियों ने उतार दिया था, जिसका ज्यादा प्रभाव नहीं दिखा।

कांग्रेस अधिकृत संजय को कुल 14877 मत मिले, जबकि कांग्रेस के महिला कांग्रेस अध्यक्ष को 5719 मत मिले थे। अपने ही विरोधी बने प्रतिद्वंदी से संजय ने 9158 मतों से जीत दर्ज की। विरोधियों को पटकनी देने संजय के पुराने रणनीतिकार और उनके युवा टीम की भूमिका अहम रही।

लोकेश्वरी तीसरी बार बनी जिला पंचायत सदस्य

पिछली दो बार क्षेत्र क्रमांक 7 से चुनाव लड़ कर जीत दर्ज कराने वाली आदिवासी नेतृ लोकेश्वरी नेताम ने इस बार क्रमांक 8 से लड़कर अपनी बादशाहत कायम रखा।निर्दलीय लड़ने वाली लोकेश्वरी ने कुल 19293 मत हासिल किए, जबकि भाजपा की प्रयासी सूरती ध्रुवा को 6405 मत लेकर दूसरी ओर कांग्रेस की सरस्वती नेताम 6213 मत लेकर तीसरे स्थान पर रही।

भाजपा ने 2 सीट के साथ खाता खोला

पहली बार राजनीतिक मैदान में उतर 34 साल के युवा चेहरा गौरी शंकर कश्यप को क्षेत्र क्रमांक 9 से 7065 मतों के अंतर से जीत हासिल की। पार्टी के अधिकृत होने के बाद से गौरी को अपने ही पार्टी के कई बड़े नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ा था। संघ व विहिप ने मोर्चा संभाल कर गौरी की जीत पक्की कर दी।

गौरी एस सी केटेगिरी में आते हैं,ऐसे में कहा जा रहा है कि वे अध्यक्ष के प्रबल दावेदार हैं। क्षेत्र क्रमांक 6 से भाजपा की लालिमा ठाकुर मैदान में थी। 18746 मत हासिल किया, जबकि प्रतिद्वंदी सुरेखा नागेश 11622 मत हासिल कर सकी। 5500 मतों से लालिमा ने जीत दर्ज की है।

कई बड़े नेताओं के साख पर उठ गए सवाल

क्षेत्र क्रमांक 9 से जीत कर जिला पंचायत अध्यक्ष रही कांग्रेस की महिला नेता स्मृति ठाकुर ने इस बार यूथ कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष उमेश डोंगरे को मैदान में उतारा था, लेकिन उमेश को केवल 4124 मत मिले।

यहां भाजपा के बागी अरुण ठाकुर दूसरे स्थान पर रहे। पंचायत चुनाव में पूर्व विधायक डमरू धर पुजारी के भाई दशरथ उरमाल के सरपंच का चुनाव हार गए।इसी तरह पूर्व विधायक गोवर्धन मांझी की धर्मपत्नी सरपंच और बहू जनपद सदस्य का चुनाव हार गईं।

मैनपुर में भी विधायक जनक ध्रुव अपने कई करीबियों के लिए चुनाव प्रचार किया था, लेकिन उनमें से ज्यादातर को हार का सामना करना पड़ा। गरियाबंद जिला सरपंच संघ अध्यक्ष रहे बलदेव इस बार पंच की कुर्सी नहीं बचा पाए। कांदाडोंगर भाजपा मंडल अध्यक्ष नवीन मांझी भी चिखली ग्राम पंचायत सरपंच चुनाव हार गए।

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