
बस ड्राइवर ने छोड़ी नौकरी, अब घोड़े से करता है सफर: गरियाबंद के बनुवापारा में सड़कें नहीं, कम आय से परेशान होकर अपनाया अनोखा तरीका
Chhattisgarh Gariaband bus driver’s horse riding
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Chhattisgarh Gariaband bus driver’s horse riding: गरियाबंद के मैनपुर ब्लॉक के बनुवापारा में रहने वाले 48 वर्षीय नकुल बीसी की घुड़सवारी की वजह किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। पिछले 10 साल से नकुल या उसका परिवार कहीं भी आवाजाही करना हो तो वे घोड़े की सवारी से करते हैं। घर में 4 घोड़े थे अब तीन रह गए हैं।
20 साल की उम्र से बस की कंडक्टरी, फिर सड़कों पर यात्री बसों को चलाने वाले नकुल की वाहनों से दूरी के पीछे की वजह भी रोचक है। जिस बनुवा पारा में नकुल रहता है वहां से मुख्यालय आने सड़के नहीं थी। 10 हजार के मामूली तनख्वाह में दो बच्चे और पत्नी के भरण पोषण के अलावा सड़को में तेज रफ्तार से जान का खतरा भी बना रहता था।
10 साल पहले नकुल ने इन सबसे दूरी बनाने की ठान लिया। मक्के की खेती से हुई आमदनी से पहले एक घोड़ा खरीद लिया। सड़कें, रोजगार और व्यवस्था के खिलाफ लगातार पत्राचार से काम नहीं चला तो घोड़े से यात्रा को अपने दिन चर्या में शामिल कर लिया। किसानी कार्य के बाद समय निकले तो घुडसवारी और मसखरी कर अतरिक्त आमदनी हासिल कर ले रहा है।