गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में करप्शन को लेकर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। जनपद सदस्य को पद के दुरुपयोग करने के आरोप में धारा 40 के तहत बर्खास्त कर दिया गया है। कलेक्टर गरियाबंद न्यायालय ने 10 जून को आदेश पारित कर गरियाबंद जनपद पंचायत में मालगांव जनपद सदस्य मो. सफीक खान को पद से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया गया है ।
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Chhattisgarh Gariaband Bore Mining And Casing Scam Case: जनपद सदस्य ने खनिज न्यास मद से विभिन्न पंचायतों में कराए गए बोर खनन में तय मापदंड का पालन नहीं किया जाना पाया गया। इसके अलावा केजीएन ट्रांसपोर्ट, विक्की टेंट हाउस और डीजे के नाम पर वर्ष 2021 से अप्रैल 2022 से 5 बार अलग अलग कारण बताकर जनपद से कुल 2 लाख 33 हजार का भुगतान लिया गया।
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राजिम पुन्नी मेला के नाम पर भी झोलझाल
Chhattisgarh Gariaband Bore Mining And Casing Scam Case: राजिम पुन्नी मेला के नाम पर भी इसी अवधि में भुगतान का जिक्र है। गड़बड़ी की जांच के लिए जिला पंचायत द्वारा कमेटी बनाई गई थी। 7 फरवरी 2024को जिला पंचायत गरियाबंद द्वारा मामले का प्रतिवेदन बनाया था, जिसमें सफीक खान पर पद का दुरुपयोग कर बगैर धनादेश के भुगतान लेने की पुष्टि की गई थी।
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जनपद सदस्य पर बर्खास्त की कार्रवाई
Chhattisgarh Gariaband Bore Mining And Casing Scam Case: मामले में कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने न्यालय में धारा 40 दर्ज कर जनपद सदस्य से जवाब मांगा था। जवाब संतोष प्रद नहीं होने के कारण 10 जून 2024 को पदच्युत का आदेश पारित कर दिया है। किसी भी जनपद सदस्य पर बर्खास्त की कार्रवाई का यह पहला मामला है।
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बिल पास कराने डिप्टी कलेक्टर रिश्वत लेते धरे गए थे
Chhattisgarh Gariaband Bore Mining And Casing Scam Case: साल भर पहले मोहम्मद सफीक की शिकायत पर ACB ने गरियाबंद जनपद में छापेमारी कर तत्कालीन जनपद CEO डिप्टी कलेक्टर करुन डहारिया को 20 हजार रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा था। तब आरोप लगा था कि सफीक खान द्वारा कराए गए बोर खनन का बिल पास करने सीईओ ने रिश्वत की मांग की थी। जिला पंचायत के जांच में बोर खनन के सभी कार्य मापदंड में नहीं पाए गए हैं।
कराए गए सभी बोर की जांच हुई तो कई निपटेंगे
Chhattisgarh Gariaband Bore Mining And Casing Scam Case: सफीक खान पर हुई कार्रवाई के आदेश में खनिज न्यास के बोर खनन में हुई अनियमितता की विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है। केवल मापदंड में नहीं पाना बताया गया है। वर्ष 2022-23 में खनिज न्यास से बोर खनन की आड़ में तब के सत्ता में प्रभाव रखने वाले बड़े बड़े जन प्रतिनिधियों ने जमकर बंदरबांट किया है। आदिवासी ब्लॉक में जल उपलब्धता का दिखावा कर 100 से भी ज्यादा बोर खोदे गए।
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कई बड़े नेताओं के नाम आएंगे सामने ?
Chhattisgarh Gariaband Bore Mining And Casing Scam Case: बताया जाता है कि इसमें फेल हुए बोरवेल का भी भारी भरकम बिलिंग करा ली गई है, जबकि नियम से चालू बोर के एवज में बिल का भुगतान कराना था। यहां तक बोर की गहराई और लगाए गए केसिंग के माप में भी खेलकर अनियमितता बरती गई है। सूत्रों का दावा है कि मामले की जांच हुई तो, इस खेल में कांग्रेस सरकार में राजनीतिक बड़े ओहदे के कई बड़े नेताओं के नाम सामने आएंगे।
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