
गरियाबंद से गिरीश जगत की रिपोर्ट
Chhattisgarh Gariaband 217 plots of 12 illegal colonizers voided: गरियाबंद जिला मुख्यालय और उससे सटे चार पंचायत क्षेत्रों में पिछले एक दशक से चल रहे अवैध प्लॉटिंग के खेल पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। एसडीएम कार्यालय द्वारा जारी आदेश में मजरकट्टा, आमदी, पारागांव और केशोडार पंचायतों में 12 कॉलोनाइजरों द्वारा की गई अवैध प्लॉटिंग को नियम विरुद्ध ठहराते हुए कुल 217 प्लॉट्स को शून्य कर दिया गया है। इन सभी प्लॉटों को पंचायतों के अधीन कर दिया गया है।
यह सभी प्लॉट 50 एकड़ से अधिक कृषि भूमि में विकसित किए गए थे जिन्हें वर्गफुट के आधार पर बेचा गया था, लेकिन किसी प्रकार की डायवर्जन अथवा वैध कॉलोनी स्वीकृति नहीं ली गई थी।

एसडीएम के आदेश ने बदला भू-स्वामित्व
पूर्व एसडीएम ऋशा ठाकुर ने मई 2025 में पारित आदेश के तहत, पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 61(घ)(2) और अन्य प्रावधानों के उल्लंघन के चलते सभी 217 प्लॉट को अवैध घोषित कर संबंधित खरीदारों के स्वामित्व को समाप्त कर दिया है। साथ ही इन जमीनों को पंचायत के स्वामित्व में निहित कर दिया गया है।
मौजूदा एसडीएम प्रकाश राजपूत ने आदेश की पुष्टि करते हुए बताया कि सभी क्रेताओं को सुनवाई का अवसर दिया जा रहा है। आवश्यक अभ्यावेदन प्राप्त होने के बाद संबंधित प्रकरणों को नस्तीबद्ध किया जाएगा।

शहर सीमा में भी फंसे हैं कई प्लॉट
गरियाबंद नगर पालिका बनने के बाद पालिका सीमा से सटे कृषि भूमि पर डायवर्जन पर रोक लगाई गई थी। लेकिन नियमों की अनदेखी कर भू-माफिया ने इन कृषि भूमि को कम कीमत पर खरीदकर, बिना डायवर्जन कराए वर्गफुट में बेच दिया। इस प्रक्रिया से शासन को करोड़ों रुपये के राजस्व की क्षति हुई है।
नगर पालिका क्षेत्र में भी अवैध प्लॉटिंग के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें से 5 से अधिक प्रकरणों की सुनवाई एसडीएम कोर्ट में चल रही है। प्रशासन का कहना है कि शीघ्र ही इन पर भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।

कहां-कहां की गई कार्रवाई?
इन चार पंचायतों के जिन खसरों में प्लॉट अवैध घोषित किए गए हैं, उनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
आमदी पंचायत:
खसरा 491/1: 12 प्लॉट
खसरा 477: 13 प्लॉट
खसरा 500: 58 प्लॉट
खसरा 443: 8 प्लॉट
खसरा 486: 18 प्लॉट
मजरकट्टा पंचायत:
खसरा 1108, 780–784, 786, 790: 33 प्लॉट
केशोडार पंचायत (डोंगरी गांव):
खसरा 321: 11 प्लॉट
खसरा 41: 9 प्लॉट
खसरा 8: 24 प्लॉट
खसरा 29: 19 प्लॉट
पारागांव पंचायत:
खसरा 733: 12 प्लॉट
भू-माफिया फायदे में, क्रेता नुकसान में
इस अवैध प्लॉटिंग से कॉलोनाइजरों ने करोड़ों की कमाई की। प्रशासन ने मार्च 2025 में मात्र 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाकर भूमि स्वामियों को दंडित किया। लेकिन असल झटका उन खरीदारों को लगा है, जिन्होंने जीवनभर की जमा पूंजी लगाकर प्लॉट खरीदे थे। अब ये प्लॉट वैधानिक रूप से निरस्त माने जा रहे हैं।
हालांकि रजिस्ट्रियों को तकनीकी रूप से रद्द करने का अधिकार राजस्व न्यायालय के पास नहीं है, लेकिन राजस्व रिकॉर्ड, नामांतरण और कैफियत पर इसका सीधा असर पड़ा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती देने की स्थिति में भी राहत की संभावना बेहद कम है, क्योंकि कार्यवाही विधिसम्मत तरीके से की गई है।
सावधानी से करें निवेश
प्रशासन ने आम नागरिकों को आगाह किया है कि वे नगर निगम या सीमावर्ती पंचायत क्षेत्रों में प्लॉट खरीदने से पहले भूमि का वैधानिक परीक्षण अवश्य कराएं, अन्यथा वे भी भविष्य में इस तरह की कार्रवाई की चपेट में आ सकते हैं।
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