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खून, झूठ और सैप्टिक टैंक में दफन लाश: कातिल पिता ने बेटे को मारकर गाड़ा, सड़ते कंकाल ने खोला जुर्म का मुंह

2018 की एक रात, जब पूरा गांव नींद में डूबा था, एक घर में एक दिल दहला देने वाली चीख गूंजी थी। किसी ने सुना नहीं… और जिसने सुना, उसने अनसुना कर दिया। और तब एक मासूम बेटा अपने ही पिता की हैवानियत का शिकार बन गया।गला घोंटा गया, सिर दीवार पर दे मारा गया और फिर उसे ज़िंदा इंसान से सिर्फ “कंकाल” बना दिया गया। कहानी छत्तीसगढ़ के धमतरी के भोयना गांव की है।

सात साल की चुप्पी, एक सौतेले बाप का खौफनाक झूठ

Chhattisgarh Dhamtari Father killed son and threw him in septic tank: गांव भोयना में नंदू सोनी नाम का 23 वर्षीय युवक अचानक लापता हो गया था। उसके दोस्त और गांव वाले पूछते रहे, खोजते रहे। लेकिन सौतेले पिता राममिलन ने हर बार एक नया झूठ रचा —“बेटा बाहर गया है…”“कोरोना में मर गया…”।

Chhattisgarh Dhamtari Father killed son and threw him in septic tank:…और गांव वाले मानते रहे। क्योंकि कभी कोरोना ने बहुत कुछ छीन लिया था, सबको लगने लगा कि शायद नंदू भी उसी भीड़ में कहीं खो गया। मगर नंदू कहीं नहीं गया था — वो तो वहीं था… एक सैप्टिक टैंक में गुमनाम दफन।

17 मई, 2025: सड़ते हुए कंकाल से टूटा सन्नाटा

गांव के एक पुराने बंद गोदाम की नाप-जोख हो रही थी। जमीन का मुआवजा तय हो रहा था। उसी दौरान जब मजदूरों ने सैप्टिक टैंक के पास खुदाई शुरू की, एक खोपड़ी बाहर झांकती दिखाई दी। चीख-पुकार मच गई। गांव में सनसनी फैल गई।

फोरेंसिक टीम ने टैंक से एक-एक कर 16 हड्डियां बाहर निकालीं। साथ ही मिला एक डॉट पेन, सीरीज इंजेक्शन, अंडरवियर का रबर, नायलॉन की रस्सी और साइकिल की ट्यूब — हर चीज जैसे हत्यारे के पाप की गवाही दे रही थी।

फीचर मोड़: एक मां की आंखों में ठहरी सच्चाई

Chhattisgarh Dhamtari Father killed son and threw him in septic tank: जब पुलिस ने नंदू की मां माया ध्रुव से पूछताछ की, तो उसकी आंखों से बहती चुप्पी बोल उठी। उसने बताया —“नंदू को मैंने आखिरी बार राममिलन के साथ जाते हुए देखा था…”

Chhattisgarh Dhamtari Father killed son and threw him in septic tank: बस, पुलिस को शक यकीन में बदलने लगा। आरोपी को हिरासत में लिया गया। 10 किलोमीटर का सफर, तीन घंटे की चुप्पी, चार बार चाय — फिर टूटा हैवान का घमंड। थाने पहुंचते ही राममिलन गोड़ ने जुर्म कबूल लिया।

हत्या की वो खौफनाक रात

Chhattisgarh Dhamtari Father killed son and threw him in septic tank: “रात के 11 बजे नंदू घर आया। खाने को लेकर बहस हुई। मैं गुस्से में था… उसका गला पकड़ लिया… फिर दीवार पर सिर दे मारा… मर गया।” – राममिलन गोड़ (आरोपी पिता)

Chhattisgarh Dhamtari Father killed son and threw him in septic tank: हत्या के बाद लाश को सीमेंट पोल से बांधा, साइकिल ट्यूब और रस्सी से खींचकर गोदाम ले गया। सुबह 4 बजे — अंधेरे में लाश को सैप्टिक टैंक में फेंक दिया… जैसे कोई कचरा फेंकता है।

राममिलन: इंसान की शक्ल में राक्षस गांव वालों की जुबां अब खुलने लगी है। नंदू का दोस्त नरोत्तम कहता है —“वो सबसे मदद करता था। बिना ना किए हर काम करता था। लेकिन उसका बाप… वो आदमी नहीं, कोई शैतान था।”

Chhattisgarh Dhamtari Father killed son and threw him in septic tank: कई बार नरोत्तम ने पूछा, लेकिन हर बार राममिलन ने झूठा जवाब दिया। उसकी आंखों में कभी पछतावा नहीं था — बस एक सफेद झूठ का साया था।

7 साल तक सड़ता रहा इंसाफ… अब टूटी है चुप्पी

यह कहानी सिर्फ एक मर्डर मिस्ट्री नहीं है, ये हमारी व्यवस्था की खामोशी पर एक तमाचा है। 7 साल तक न कोई एफआईआर न कोई पोस्टर न कोई तलाश। अगर उस गोदाम की जमीन का नाप नहीं होता, अगर वो खोपड़ी बाहर न आती, तो शायद नंदू हमेशा के लिए एक ‘गुम इंसान’ ही बना रहता।

अब क्या?

आरोपी राममिलन गोड़ को हत्या और शव छुपाने की धाराओं में गिरफ्तार कर लिया गया है। डीएनए टेस्ट और विस्तृत जांच की प्रक्रिया चल रही है। नंदू की मां और बहनों को पुलिस सुरक्षा में रखा गया है।

एक हत्या, जो सात साल तक सड़ती रही…

Chhattisgarh Dhamtari Father killed son and threw him in septic tank: धमतरी का यह मामला सिर्फ एक हत्याकांड नहीं, बल्कि सात साल तक सड़ती रही क्रूरता की कहानियों का दस्तावेज़ है। यह कहानी उन हत्यारों की भी है, जो खून कर के सात साल तक चाय पीते हैं… और समाज उन्हें “पिता” कहता है।

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