Chhattisgarh Dantewada country’s first forest temple: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के आवराभाटा में 4.5 करोड़ रुपए की लागत से 18 एकड़ में देश का पहला वन मंदिर बनाया गया है, जहां अलग-अलग थीम पर 7 वन बनाए गए हैं, जिनमें राशियों, ग्रहों, नक्षत्रों के पौधे लगाए गए हैं।
गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए योग और औषधि (हर्बल प्लांट) की जानकारी है। इनमें सप्त ऋषि और पंचवटी वन भी शामिल हैं, जिसमें भगवान श्रीराम के वनवास काल का वर्णन है। यहां तितलियां, शेर, हाथी, भालू समेत कई जानवरों की 3डी पेंटिंग और पोस्टर भी हैं।
डिजाइन इस तरह से किया गया है कि ऐसा लगता है जैसे वे अपना परिचय खुद दे रहे हों। बच्चों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए आसान और सरल शब्दों में नारे लिखे गए हैं। अब अफसरों का दावा है कि यह देश का पहला वन मंदिर है। जहां शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य और संस्कृति से जुड़ी जानकारी मिलेगी। वन मंत्री केदार कश्यप 2 दिसंबर को इसका उद्घाटन करेंगे। यह वन मंदिर 3 दिसंबर से आम नागरिकों के लिए खुल जाएगा।
जंगल में जानवरों और उनकी प्रजातियों की पेंटिंग
वन विभाग की टीम ने वन मंदिर में जानवरों और उनकी प्रजातियों के बारे में भी जानकारी दी है। अफसरों का दावा है कि यहां 3डी पोस्टर में जिस तरह से जानवरों का जिक्र किया गया है, वैसा छत्तीसगढ़ में कहीं और नहीं है, जो बेहद आकर्षक है। इसके साथ ही बच्चों के मनोरंजन के लिए यहां चिल्ड्रन पार्क भी है।
कैफे में मिलेगा बस्तरिया खाना
वन मंदिर में आने वाले पर्यटकों को टिकट भी देना होगा। हालांकि, इसके लिए बेहद मामूली पैसे लिए जाएंगे। साथ ही यहां स्व-सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा। इसके अलावा कैफेटेरिया में बस्तरिया व्यंजन भी परोसे जाएंगे।
ये है भविष्य की योजना
दंतेवाड़ा डीएफओ की मानें तो यहां चिड़ियाघर बनाने की भी योजना बनाई जा रही है। अगर सब कुछ ठीक रहा और सरकार से सहयोग मिला तो इस पर भी काम किया जाएगा। साथ ही साहसिक खेलों के लिए भी काम किया जाएगा।
DFO सागर जाधव से सीधी बात…
सवाल- ये वन मंदिर क्या है? यहां ऐसा क्या नया किया जा रहा है जो पर्यटकों को यहां आने आकर्षित करेगा?
जवाब- ये ऐसा कॉन्सेप्ट है कि जिसमें हम 18 एकड़ में अलग-अलग प्लांटेशन किए हैं। जो एक संस्कृति को दर्शाता है। यहां प्रकृति एवं संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिलेगा। वन मंदिर का कॉन्सेप्ट हमें ऐसे आए की बहुत सारे लोग दंतेवाड़ा मंदिर में दर्शन करने आते हैं।
उन्हें वन और वन्य जीवों को लेकर कुछ इंफॉर्मेशन दे सकें, इसलिए हमने इस गार्डन का निर्माण किया है।
सवाल – इस वन मंदिर में वनों के कितने प्रकार हैं? कौन-कौन सी थीम पर काम किया गया है?
जवाब – वन मंदिर में हमने 7 थीम पर काम किया है। यहां आरोग्य वन, सप्त ऋषि वन, नवग्रह वन, नक्षत्र वन, पंचवटी समेत अन्य है। आरोग्य में योग और हर्बल प्लांट्स और मेडिसिनल प्लांट्स इसका एक अनूठा कॉम्बिनेशन किया गया है। आरोग्य वन में हमने 8 सेक्टर बनाए हुए हैं।
अपने बॉडी के अलग-अलग सिस्टम होते हैं। जैसे नर्वस सिस्टम, यूरिनरी सिस्टम, स्किन है। इसी के हिसाब से हमने पौधे लगाए हैं। यहां कोई जाता है तो उसे उस सिस्टम की जो-जो मेडिसिनल प्लांट्स है, वो देखने को मिलेगा। जो बीमारी है उसके लिए योगासन भी देखने को मिलेंगे। वहां पर कुछ हर्बल पौधे हैं।
सवाल – नवग्रह वन क्या है? इसका क्या फायदा मिलेगा?
जवाब – सूर्य, बुध, केतु, राहु इस टाइप के नवग्रह हैं। नवग्रह में अपने-अपने हिसाब से पौधा लगाया जाता है। जिस पर जो ग्रह है उन्हें उसके बेनिफिट्स मिलते हैं। जैसे आप देखेंगे तो हमारी संस्कृति में भी इसका बड़ा महत्व है। जो लोह ग्रहों के हिसाब से पौधे लगाते हैं उसका उन्हें लाभ भी मिलता है।
सवाल – ये सारे पौधे बाहर से लाए गए हैं या फिर बाहर से मंगवाए गए हैं?
जवाब – इनमें से बहुत से पौधे दंतेवाड़ा नर्सरी में थे। कुछ हर्बल पौधों को बाहर से मंगवाया गया है।
सवाल – पंचवटी में भगवान श्री राम की कलाकृति बनी है। धार्मिक रूप से भी लोगों को जोड़ेंगे?
जवाब – भगवान श्री राम जब वनवास में गए थे, तब ऋषि मुनियों ने उनको बताया था कि जहां पर पांच पेड़ जैसे बरगद, पीपल, आंवला, अशोक समेत 5 पेड़ होंगे वहां उन्हें नकुटी बनाना था। इसलिए वह पंचवटी कहलाया।
भगवान राम का जटायु के प्रति प्रेम था। हमने भी पेंटिंग के माध्यम से बताया है कि हमें भी वन्य प्राणियों की सुरक्षा करनी चाहिए।
सवाल – क्या कुछ लोगों को रोजगार भी दिया जाएगा?
जवाब – ये लगभग साढ़े चार करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट है। यहां करीब 20 से 30 लोगों को रोजगार दिया जाएगा। कैफेटेरिया में हर्बल फूड मिलेगा।
सवाल – स्वास्थ्य से जुड़ी हुई चीजें आप बता रहे हैं , क्या इससे पहले आप ने किसी डॉक्टर्स से या किसी विशेषज्ञों से बातचीत की थी?
जवाब – मेडिसिनल प्लांट बोर्ड से बातचीत की गई थी। उसी के आधार पर बनाया गया है।
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