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छत्तीसगढ़ के नवगठित जिले सक्ती में 13 साल की दिव्यांग बच्ची से दुष्कर्म करने वाले को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई है। साथ ही अर्थदंड भी लगाया है। वारदात के दौरान लड़की घर में अकेली थी। तभी दुष्कर्मी घुस आया। लड़की को नहाने के दौरान उठा ले गया और उससे दुष्कर्म किया। फैसला जस्टिस यशवंत कुमार सारथी की कोर्ट ने सुनाया है। मामला सक्ती थाना क्षेत्र का है।
अभियोजन विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने बताया कि सक्ती क्षेत्र के एक गांव की 13 साल की लड़की शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं। वह घर में अकेली थी। उसी समय गांव का ही रहने वाला हेमंत कुमार घर में घुस आया। कुछ देर बाद लड़की का भाई पहुंचा तो हेमंत उसे धक्का मारकर भाग निकला। बहन की हालत देख उसने अपनी मां को जानकारी दी। इसके बाद लड़की से दुष्कर्म होने का पता चला।
लड़की ने अपनी मां को बताया कि जब वह नहा रही थी, तभी हेमंत आ गया। हेमंत उसे उठाकर कमरे में ले गया और दुष्कर्म किया। भाई की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज कर हेमंत को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में गया। जहां कोर्ट ने सुनवाई के बाद हेमंत को पांच साल की सजा व एक हजार रुपये जुर्माना, पॉक्सो के तहत 20 साल की सजा और 10 हजार जुर्माने की सजा सुनाई। दोनों सजा साथ चलेंगी।