मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अन्य राज्यों के सीएम के साथ केंद्रीय वित्तमंत्री की बैठक में शामिल हुए।
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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बजट से पहले एक बार फिर एनपीएस की राशि और जीएसटी क्षतिपूर्ति देने की मांग की है। उन्होंने कोल रॉयल्टी की राशि की मांग सहित मुद्दे भी केंद्रीय वित्त मंत्री के सामने रखे। साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आम बजट 2023-24 को लेकर कई प्रस्ताव और सुझाव दिए। इसके बाद शनिवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लकार्जुन खरगे से भी मुलाकात की और उन्हें राज्य की योजनाओं के बारे में बताया। मुख्यमंत्री बघेल पांच दिवसीय दौरे पर दिल्ली पहुंचे हैं।
एनएसडीएल के पास जमका 17240 करोड़ वापस मांगे
इससे पहले दिल्ली के मानेक शॉ सेंटर में शुक्रवार को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में सीएम बघेल शाामिल हुए थे। सीएम ने कहा कि, हमने पुरानी पेंशन योजना लागू की है। एनएसडीएल के पास 31 मार्च तक जमा 17240 करोड़ की राशि वापस की जाए, जिससे कर्मचारियों के पीएफ फंडे में डाला जा सके। राज्य शासन का अंश पृथक पेंशन निधि में जमा रखा जाएगा। जिसका उपयोग भविष्य में पेंशनरी दायित्वों को पूरा करने के लिए किया जाएगा।
जमा राशि का उपयोग कर्मचारी पेंशन में होगा
मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि उस राशि का इस्तेमाल इसके साथ ही भारत सरकार व राज्य सरकार की प्रतिभूतियों में निवेश के लिए होगा। बैठक में जीएसटी क्षतिपूर्ति की 1875 करोड़ की राशि की मांग करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा हमने जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान की व्यवस्था को जून 2022 के बाद आगामी पांच सालों के लिए जारी रखने का अनुरोध किया था, लेकिन इसमें वृद्धि नहीं की गई। इसके साथ ही उन्होंने कोल रॉयल्टी की 4140 करोड़ की राशि राज्य को जल्द ट्रांसफर करने का आग्रह किया।
केंद्रीय बलों पर खर्च किए 313 करोड़ भी लौटाने को कहा
उन्होंने केंद्रीय सुरक्षा बलों पर व्यय 1288 करोड़ की राशि और राज्य में तैनात चार विशेष व भारत रक्षित वाहिनियों पर राज्य सरकार की ओर से खर्च किए गए 313 करोड़ रुपये जल्द देने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने इसके अलावा मुख्य खनिजों की रॉयल्टी दरों में संशोधन, बेहतर वित्तीय प्रबंधन वाले राज्यों को प्रोत्साहन अनुदान, विशेष सहायता योजना को जारी रखने सहित रायपुर में इंटरनेशनल कार्गो टर्मिनल शुरू करने, केंद्रीय योजनाओं में केंद्रांश बढ़ाने संबंधी सुझाव भी दिए।
कोदो और कुटकी का समर्थन मूल्य घोषित करें
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी और रागी (मिलेट्स) की खेती प्रमुखता से की जाती है। संयुक्त राष्ट्र की ओर से भी साल 2023 को ‘इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट’ घोषित किया गया है। उन्होंने केंद्र से आग्रह किया कि मिलेट्स फसलों को बढ़ावा देने के लिए कोदो और कुटकी फसल की न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सी-मार्ट की तर्ज पर विपणन केंद्रों की स्थापना की मांग की ताकि कृषि, हस्तशिल्प, लघु वनोपज उत्पादों को बढ़ावा मिल सके।