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Chhattisgarh: भूपेश बघेल-टीएस बाबा की साथ लगी चौपाल; पहली भेंट-मुलाकात से कन्नी काट गए थे महाराज

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कवर्धा दौरे पर हैं। उनके साथ स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कवर्धा दौरे पर हैं। उनके साथ स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी हैं।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पहली बार ‘भेंट-मुलाकात’ कार्यक्रम में साथ-साथ दिखाई दिए। मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य सिंहदेव के बीच खींचतान लंबे समय से चल रहा है। सिंहदेव ने खींचतान और उनके मुताबिक पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग में काम न होने पर कुछ महीने विभाग ही छोड़ दिया था। खटास के बाद भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का साथ-साथ होना लोगों को चौंकाया।

CM सरगुजा पहुंचे, तो सिंहदेव बस्तर
दरअसल, CM बघेल ने इस साल 4 मई को भेंट-मुलाकात कार्यक्रम की शुरुआत सरगुजा संभाग के बलरामपुर जिले से की थी। सरगुजा के राजा सिंहदेव ही वहां नहीं पहुंचे। वे प्राइवेट हेलीकाप्टर लेकर लोगों से मिलने बस्तर संभाग पहुंच गए, लेकिन इस दौर के कई रंग दिखे। सिंहदेव से गिने-चुने कार्यकर्ता ही मिले। कलेक्टर-एसपी भी उनसे मिलने नहीं पहुंचे। इसके बाद वे स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की बैठक लेकर लौट गए। 

यह भी पढ़ें…Chhattisgarh: भूपेश बोले-देखने आया हूं, योजनाओं का लाभ पहुंच रहा है या नहीं; भेंट-मुलाकात में कवर्धा पहुंचे CM

जय-वीरू का साथ आना बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम
मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव का आज एक हेलीकाप्टर में कवर्धा जाने को बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है। कवर्धा विधानसभा से वन एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर विधायक हैं। टीएस सिंहदेव कवर्धा जिले के प्रभारी मंत्री हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भेंट मुलाक़ात कार्यक्रम में आमतौर से प्रभारी मंत्री रहते हैं।  शायद इस कारण से सिंहदेव को उनके साथ जाना पड़ा। लेकिन सरगुजा विजिट में उन्होंने कन्नी काट ली थी। कलेक्टर को चिट्टी लिखकर अनुपस्थित रहने की सूचना दी थी।

लोगों से सीधे मुलाकात के लिए चल रहा भेंट-मुलाकात
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में आमजनता, जनप्रतिनिधियों और समाज प्रमुखों से भेंट-मुलाकात’ के अभियान की शुरुआत  की है । मुख्यमंत्री अलग-अलग चरणों में राज्य के कई जिलों में रात्रि विश्राम कर लोगों से मिल चुके हैं और जमीनी हकीकत के मुताबिक फैसला भी कर रहे हैं।  राज्य में ख़राब सड़कों के लिए लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता को दोषी मानते हुए हटा दिया , वही कई अफसरों और कर्मचारियों पर भी एक्शन लिया है।

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पहली बार ‘भेंट-मुलाकात’ कार्यक्रम में साथ-साथ दिखाई दिए। मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य सिंहदेव के बीच खींचतान लंबे समय से चल रहा है। सिंहदेव ने खींचतान और उनके मुताबिक पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग में काम न होने पर कुछ महीने विभाग ही छोड़ दिया था। खटास के बाद भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का साथ-साथ होना लोगों को चौंकाया।

CM सरगुजा पहुंचे, तो सिंहदेव बस्तर

दरअसल, CM बघेल ने इस साल 4 मई को भेंट-मुलाकात कार्यक्रम की शुरुआत सरगुजा संभाग के बलरामपुर जिले से की थी। सरगुजा के राजा सिंहदेव ही वहां नहीं पहुंचे। वे प्राइवेट हेलीकाप्टर लेकर लोगों से मिलने बस्तर संभाग पहुंच गए, लेकिन इस दौर के कई रंग दिखे। सिंहदेव से गिने-चुने कार्यकर्ता ही मिले। कलेक्टर-एसपी भी उनसे मिलने नहीं पहुंचे। इसके बाद वे स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की बैठक लेकर लौट गए। 

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जय-वीरू का साथ आना बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम

मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव का आज एक हेलीकाप्टर में कवर्धा जाने को बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है। कवर्धा विधानसभा से वन एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर विधायक हैं। टीएस सिंहदेव कवर्धा जिले के प्रभारी मंत्री हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भेंट मुलाक़ात कार्यक्रम में आमतौर से प्रभारी मंत्री रहते हैं।  शायद इस कारण से सिंहदेव को उनके साथ जाना पड़ा। लेकिन सरगुजा विजिट में उन्होंने कन्नी काट ली थी। कलेक्टर को चिट्टी लिखकर अनुपस्थित रहने की सूचना दी थी।

लोगों से सीधे मुलाकात के लिए चल रहा भेंट-मुलाकात

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में आमजनता, जनप्रतिनिधियों और समाज प्रमुखों से भेंट-मुलाकात’ के अभियान की शुरुआत  की है । मुख्यमंत्री अलग-अलग चरणों में राज्य के कई जिलों में रात्रि विश्राम कर लोगों से मिल चुके हैं और जमीनी हकीकत के मुताबिक फैसला भी कर रहे हैं।  राज्य में ख़राब सड़कों के लिए लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता को दोषी मानते हुए हटा दिया , वही कई अफसरों और कर्मचारियों पर भी एक्शन लिया है।

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