Chhattisgarh Bilaspur quack doctor treatment death grave corpse: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक अधेड़ की मौत के 15 दिन बाद गुरुवार को उसका शव कब्र से निकाला गया। परिजनों का आरोप है कि झोलाछाप डॉक्टर द्वारा दिए गए इंजेक्शन से उसकी मौत हुई है। इस संबंध में कलेक्टर और आईजी से शिकायत की गई थी। मामला कोनी थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के अनुसार ग्राम सेमरताल निवासी दयालदास खरे (48) सत्या पावर प्लांट में काम करता था। 6 जुलाई को जब वह प्लांट से लौटा तो उसकी तबीयत खराब हो गई और उसे बुखार आ गया। इस पर परिजन उसे गांव के ही कथित डॉक्टर जय भारद्वाज के पास ले गए।
इंजेक्शन लगाते ही तबीयत बिगड़ गई
दयालदास की पत्नी सुभद्रा का आरोप है कि डॉक्टर ने बुखार होने की बात कही और कहा कि इंजेक्शन लगाने के बाद तबीयत ठीक हो जाएगी। इसके बाद 2 इंजेक्शन लगाए। दूसरा इंजेक्शन लगाते ही तबीयत ज्यादा खराब हो गई। परिजनों ने डॉक्टर से पूछा तो उसने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है।
पत्नी बोली- कथित डॉक्टर ने गुमराह किया
हालांकि, दयालदास की तबीयत बिगड़ती जा रही थी। यह देख परिजन उसे लेकर सिम्स पहुंचे। वहां डॉक्टरों ने दयालदास को मृत घोषित कर दिया। पत्नी ने यह भी बताया कि कथित डॉक्टर जय भारद्वाज ने उन्हें गुमराह किया। उसने यह भी कहा कि सिम्स में इंजेक्शन के बारे में मत बताना, नहीं तो इलाज नहीं होगा।
शव को गांव लाकर दफना दिया
सुभद्रा ने बताया कि मौत के बाद वे दयालदास का शव लेकर गांव लौटे और दफना दिया। इसके बाद पति की मौत की शिकायत की। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने कोनी थाने को जांच के निर्देश दिए। इसके बाद एसडीएम से अनुमति लेकर पुलिस ने शव को कब्र से बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
एएसपी बोले- रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई
एडिशनल एसपी सिटी उमेश कश्यप ने बताया कि शव 15 दिन बाद खोदकर निकाला गया है। इसलिए रायपुर में फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम से पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
Periods leave in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में पीरियड्स लीव में घोषणा, जानिए कब से होगा लागू ?
वहीं, सीएमएचओ डॉ. प्रभात श्रीवास्तव ने कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं है। ऐसी संदिग्ध मौतों पर पोस्टमार्टम किया जाता है। हम झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। खबर प्रकाशित होने के बाद कई लोग अपने क्लीनिक बंद कर भाग गए हैं।
Read more- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanista Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS