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120 करोड़ का सड़क भ्रष्टाचार…PWD के 5 अधिकारी गिरफ्तार: इसमें 2 रिटायर्ड, EE-SDO और सब-इंजीनियर शामिल, इसे उजागर करने पर पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हुई थी हत्या

Chhattisgarh Bijapur road corruption journalist Mukesh Chandrakar murder PWD 5 officials arrested: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में गंगालूर से मिरतुर तक सड़क निर्माण में घोटाला हुआ। इस मामले में पुलिस ने PWD के 5 अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो रिटायर्ड, एक वर्तमान EE, SDO और सब इंजीनियर भी शामिल हैं।

इसी सड़क निर्माण के भ्रष्टाचार की खबर बनाने के मामले में 1 जनवरी 2025 को पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी गई थी। 3 जनवरी को ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के बाड़ा में सेप्टिक टैंक में शव मिला था। हत्या के आरोप में 4 आरोपी जेल में बंद हैं।

बीजापुर ASP चंद्रकांत गवर्णा का कहना है कि, रविवार को 2 अफसरों को रायपुर से, एक को सुकमा, एक को जगदलपुर और एक को बीजापुर जिले से गिरफ्तार किया गया है। सोमवार को सभी को जेल भेज दिया गया है। हालांकि बुधवार को सभी को जमानत मिल गई है।

इनकी हुई गिरफ्तारी

आर. साहू- सेवानिवृत्त कार्यपालन अभियंता
वी.के. चौहान- सेवानिवृत्त कार्यपालन अभियंता
एच.एन. पात्र- तत्कालीन कार्यपालन अभियंता सुकमा
प्रमोद सिंह कंवर- SDO बीजापुर
संतोष दास- उप अभियंता, जगदलपुर

अब जानिए कैसे 4 लोगों को मिला टेंडर ?

बता दें कि, सड़क निर्माण का ठेका 4 फर्मों को मिला था। हर 2 किमी की सड़क निर्माण के लिए अलग-अलग टेंडर जारी किया गया। 32 किमी के काम को 16 भागों में बांटा गया और अनुबंध किया गया। ये काम ठेकेदार सुरेश चंद्राकर कर रहा था।

52 किलोमीटर की सड़क को टुकड़ों में बनाया गया है। लगभग 12 से 15 किमी तक डामर बिछाया गया, लेकिन क्वॉलिटी इतनी घटिया थी कि कुछ ही दिन में सड़क उखड़ने लगी। इसके अलावा बीच-बीच में गिट्टी और मुरुम डाल दिया गया है, जो चलने लायक भी नहीं है।

56 करोड़ रुपए का काम कैसे हुआ 120 करोड़ का ?

दरअसल, 15 साल पहले यानी 2009 में भारत सरकार ने सड़क आवश्यकता योजना स्पेशल प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी, 2009 के प्रोजेक्ट का 2015 में एग्रीमेंट हुआ था। जिसके तहत सड़क के लिए लगभग 56 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए थे। इन 15 सालों में सड़क की दूरी उतनी ही है, जितनी पहले थी, लेकिन जब 56 करोड़ रुपए में बननी थी तो 120 करोड़ रुपए कैसे हुई?

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