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‘ताजमहल प्रेम का प्रतीक नहीं, शाहजहां की न जाने कितनी बेगम थीं’; कुमार विश्वास बोले- वामपंथ पर चल रही पीढ़ी को राम के रास्ते पर लाओ

Chhattisgarh Bastar Kumar Vishwas said- Taj Mahal is not a symbol of love: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में ‘बस्तर के राम’ कार्यक्रम में कवि डॉ कुमार विश्वास ने कहा आगरा का ताज महल प्रेम का प्रतीक नहीं है। विदेशों से आने वाले लोगों को कब्र दिखाने न ले जाएं। शाहजहां की न जाने कितनी बेगम थी, कौन से नंबर की बेगम में लिए उन्होंने ताज महल बनवाया।

उन्होंने जिस बेगम के लिए ताज महल बनवाया था शाहजहां उसके दूसरे पति थे। पहले पति को युद्ध में मरवा दिया गया या मारा गया। प्रेम का प्रतीक तो दशरथ मांझी का हथौड़ा है। यदि प्रेम की कहानी सुनानी है तो दशरथ मांझी की सुनाएं। जिन्होंने अपनी पत्नी की याद में पहाड़ को चीर कर मार्ग बना दिया।

जिस पथ से मेरे राम गुजरे उस पथ की माटी को माथे पर लगाने का मुझे सौभाग्य मिला है यह कहते हुए कुमार विश्वास ने अपनी बात शुरू की। ‘बस्तर के राम’ कार्यक्रम में उन्होंने प्रभु श्री राम के वनवास काल के दौरान दंडकारण्य से श्रीराम के नाते पर बात कही। करीब 2 घंटे तक उन्होंने कार्यक्रम किया।

पश्चिमी सभ्यता पर भड़के

इस दौरान कुमार विश्वास पाश्चात्य संस्कृति पर भी भड़के। उन्होंने कहा कि पश्चिमी सभ्यता ने हमारे दिमाग में एक गंदगी भर दी है वो है सिविलाइजेशन। यानी तुम जो करते हो वो सिविल और दूसरा कोई करता है तो वो अन-सिविल है। उन्होंने कहा कि जीन्स-टीशर्ट नहीं धोती-कुर्ता हमारी संस्कृति है। माथे में बिंदी का श्रृंगार करती महिला अपनी बस्तर की संस्कृति को दर्शाती है।

माता से एक ही मुराद, वामपंथ पर जाती पीढ़ी को राम पथ पर लाए

दंतेवाड़ा आने के बाद मैं मां दंतेश्वरी के मंदिर गया। मां के चरणों में लेटा। लेकिन मैंने अपने लिए उनसे कुछ नहीं मांगा। मेरे मुख से कुछ निकला ही नहीं। लेकिन अब इस परिसर से मैं यही मुराद मांगता हूं कि मुझे इतना कौशल, सामर्थ्य, इतनी शक्ति दें कि वामपंथ पर जाने वाली पीढ़ी को मैं रामपथ पर ला सकूं।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में बस्तर को लेकर बहुत से लोग गलत बातें करते हैं। और ऐसे लोगों की एक अलग यूनिवर्सिटी बना दी गई है।

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झरने में नहाए, पहाड़ियों का लिया आनंद

कुमार विश्वास ने कहा कि जब मैं दिल्ली से दंतेवाड़ा के लिए आ रहा था, तब लोगों ने मुझसे कहा कि दंतेवाड़ा जा रहे हो। उन्हें आश्चर्य हुआ। अब मैं क्या बताऊं? मैं यहां के झरने में नहाया हूं। पहाड़ों में घुमा हूं। जिसकी वीडियो मैं कल पोस्ट करूंगा। जब मैं नदी में जा रहा था तो एक सुरक्षाकर्मी ने मुझसे कहा कि सर आप आगे मत जाएं। पानी ज्यादा है। तो मैंने उससे कहा डरो मत, ये इंद्रावती मां है और मां मुझे अपनी गोद में उठाकर ले जा रहीं हैं।

फ्लाइट शुरू करने कहूंगा

कुमार विश्वास ने कहा कि देश के उड्डयन मंत्री मेरे मित्र हैं। मैं अब जब उनसे मिलूंगा तो जगदलपुर और बिलासपुर में हवाई सेवा के विस्तार की बात करूंगा। यहां और फ्लाइट चलाई जाए। फ्लाइट बढ़ाई जाए। उन्होंने कहा कि इस मंच से मैं घोषणा कर रहा हूं कि अगली बार जगदलपुर आऊंगा और वहां अपने राम नाम से 5 दिनों का कार्यक्रम करूंगा।

बारिश की वजह से नहीं जुट पाई भीड़

दरअसल, कुमार विश्वास का कार्यक्रम शाम 6 बजे से होना था, लेकिन अचानक मौसम बदल गया था। जिससे ज्यादा भीड़ नहीं जुट पाई। जिसके बाद कार्यक्रम 7 से साढ़े 7 के बीच शुरू हुआ। भीड़ के पहुंचने तक कुमार विश्वास की टीम ने भजन-कीर्तन कर समां बांधने की कोशिश की। रात 8 बजकर 5 मिनट पर कुमार विश्वास मंच पर आए। उन्होंने करीब 2 घंटे तक अपनी प्रस्तुति दी।

गृहमंत्री, वन मंत्री रहे मौजूद

इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा समेत वन मंत्री केदार कश्यप भी मौजूद रहे। इसके अलावा बस्तर IG सुंदरराज पी समेत CRPF के अधिकारी और पड़ोसी जिलों के भी पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।

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