
Chhattisgarh Balrampur Elephants crushed 7 people to death in 17 days: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में बुधवार को महुआ बीनने गई एक महिला को हाथी ने कुचलकर मार डाला, जबकि कई महिलाएं खुद को बचाने के लिए भाग निकलीं। महिलाएं महुआ बीनने गई थीं, तभी हाथी ने हमला कर दिया। घटना वाड्रफनगर थाना क्षेत्र के पोकली जंगल में हुई।
मिली जानकारी के अनुसार मरने वाली महिला का नाम यशोदा दास (58) है। वह वाड्रफनगर ब्लॉक के सहया गांव की रहने वाली थी। ये दोनों हाथी जशपुर और झारखंड क्षेत्र से घुसे हैं। झारखंड से घुसे हाथी ने 5 लोगों और जशपुर से घुसे हाथी ने 2 लोगों को मार डाला है।
अब जानिए हाथियों ने महिला को कैसे मारा?
दरअसल, यशोदा दास हमेशा की तरह बुधवार की सुबह भी अपनी महिला साथियों के साथ महुआ बीनने पोकली महुआ जंगल गई थीं। वह महुआ बीनने के लिए जंगल के अंदर करीब 7 किलोमीटर तक गई थीं। इस इलाके में हाथियों का डेरा रहता है।
ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार, यशोदा महुआ बीन रही थी, तभी हाथी वहां पहुंच गया। इस दौरान अन्य महिलाएं भाग गईं, लेकिन यशोदा भाग नहीं सकी। हाथी ने उसके पीछे दौड़कर उसे सूंड से उठाकर पटक दिया और कुचल दिया।
आसपास के गांवों में अलर्ट
घटना की सूचना मिलने पर वाड्रफनगर वन एसडीओ अनिल सिंह पैकरा रेंजर और वनकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे। महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। एसडीओ अनिल सिंह पैकरा ने बताया कि यह हाथी झारखंड से बलरामपुर जिले में प्रवेश कर गया है।
यह हाथी रामानुजगंज वन परिक्षेत्र से होते हुए वाड्रफनगर वन परिक्षेत्र में विचरण कर रहा है। मंगलवार को भी वन अमले ने स्याही, रजखेता, वाड्रफनगर, कोटराही, करमडीहा समेत आसपास के गांवों में मुनादी कराकर हाथी की मौजूदगी की सूचना दी थी।
वे उसे महुआ बीनने के लिए बाइक पर छोड़कर चले गए थे। एसडीओ पैकरा ने बताया कि घोषणा के बावजूद यशोदा दास का बेटा बुधवार सुबह उसे बाइक पर बैठाकर जंगल ले गया। घटना स्थल से यशोदा का घर करीब 7 किमी दूर है। महुआ और तेंदू पत्ता सीजन में सरगुजा संभाग में हाथियों के हमले में मौतों की संख्या बढ़ जाती है।
17 दिनों में हाथियों के हमले में 7 मौतें
31 मार्च: झारखंड से आए हाथी ने रामानुजगंज क्षेत्र के फुलवार गांव में उस्मान अंसारी (50) और असमीना अंसारी (45) पर हमला कर दिया। पत्नी असमीना की देर रात अंबिकापुर के मिशन अस्पताल में मौत हो गई। पति उस्मान की भी इलाज के दौरान मौत हो गई।
1 अप्रैल: रामानुजगंज वन परिक्षेत्र के रामपुर में महुआ बीनने गए दुर्गा प्रसाद (48) को हाथी ने कुचल दिया। वे अंबिकापुर कमिश्नर कार्यालय में चपरासी थे। हाथी के हमले में दुर्गा प्रसाद की मौके पर ही मौत हो गई।
2 अप्रैल: शंकरगढ़ क्षेत्र में महुआ बीनने गए गिद्दी कोरवा (50) को हाथी ने मार डाला। हालांकि, इस घटना में जशपुर से बलरामपुर जिले में घुसा दूसरा हाथी शामिल था।
3 अप्रैल: बलरामपुर जिले के घाघरा में खेतों में पानी देने गए युवक को जशपुर से घुसे हाथी ने कुचल दिया।
8 अप्रैल: रामानुजगंज के चाकी में झारखंड से आए हाथी ने देवलाल को दौड़ाकर पकड़ लिया और फेंक दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
16 अप्रैल: पोकली महुआ जंगल में महुआ बीनने गई महिला को झारखंड से आए हाथी ने कुचलकर मार डाला।
Read More- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanista Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS