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4 दिन में हाथी ने 4 लोगों की ली जान: खेत में पानी लगाने गए युवक को कुचला, दो लोगों ने भागकर बचाई जान

Chhattisgarh Balrampur Elephant killed 4 people in 4 days: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में गुरुवार की सुबह हाथी ने एक युवक को कुचलकर मार डाला। जबकि दो युवकों ने भागकर अपनी बचाई। हालांकि वो गिरकर घायल हो गए हैं। जिले में पिछले चार दिन में 4 लोगों को हाथी ने मौत के घाट उतार दिया है। घटना सेमरसोत अभ्यारण के ग्राम पंचायत घाघरा की है।

जानकारी के मुताबिक, कोदौरा रेंज के घाघरा गांव के रहने वाले दिनेश पोया (35) अपने दो साथियों रामकरण गोंड़ (40) और रोहित नागवंशी (24) के साथ मक्के की फसल में पानी देने के लिए सुबह करीब 5 बजे खेत में गए थे। मक्के के खेत में तड़के तीन बजे से एक हाथी घुसा हुआ था।

​​​​​​एक को कुचला, दो युवक गिरकर जख्मी

दिनेश पोया को खेत में हलचल का ऐहसास हुआ, तो वो मक्के के खेत में घुसा, जहां हाथी ने उसे पटक-पटककर मार डाला। शोर सुनकर उसके साथी रामकरण और रोहित भाग निकले। उन्होंने गांव में ग्रामीणों को इसकी सूचना दी। जिसके बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे, तब तक दिनेश पोया की मौत हो गई थी।

पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया शव

घटना की सूचना मिलने पर कोदौरा रेंजर, वनकर्मी और कोदौरा पुलिस मौके पर पहुंची। दिनेश पोया के शव को पंचनामा के बाद पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। दिनेश पोया शादीशुदा था, उसके 2 बच्चे भी है। वह परिवार का इकलौता कमाऊ सदस्य था। हालांकि, वन विभाग ने परिजनों को तत्कालीन सहायता राशि 25 हजार दी है।

वन विभाग ने लोगों को जंगल की ओर न जाने की सलाह भी दी है। हाथी पास के जंगल में मौजूद है, जिससे लोग दहशत में हैं।

बलरामपुर में चार दिनों में चौथी मौत

बता दें कि, बलरामपुर जिले में हाथी के हमले में 4 दिन में यह चौथी मौत है। रामानुजगंज वन परिक्षेत्र के ग्राम फुलवार में सोमवार शाम हाथी ने दंपत्ति पर हमला कर दिया था। हाथी ने महिला अस्मीना अंसारी के हाथ उखाड़ दिए थे। जिसकी अंबिकापुर में मौत हो गई। उसका पति उस्मान अंसारी घायल है।

वहीं, फुलवार में हमले के बाद हाथी रामपुर पहुंच गया। तड़के करीब 3 बजे महुआ बीनने के लिए खेत में गए दुर्गा प्रसाद (48) को पटक-पटककर मार डाला। दुर्गा प्रसाद अंबिकापुर कमिश्नर आफिस का प्यून था।

जबकि, बुधवार को एक जंगली हाथी ने महुआ बीनने गई पहाड़ी कोरवा महिला गिद्दी कोरवा (50) को मार डाला था। वो अपने पति सुखू लाल कोरवा और ग्रामीणों के साथ जंगल महुआ बीनने गई थी।

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