Chhattisgarh Balod Veena Sahu becomes lieutenant: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के छोटे से गांव जमरूवा की रहने वाली वीना साहू का चयन भारतीय सेना की स्पेशल ब्रांच मिलिट्री नर्सिंग सर्विस में लेफ्टिनेंट के पद पर हुआ है। फिलहाल वे अंबाला के मिलिट्री हॉस्पिटल में तैनात हैं। इस उपलब्धि पर राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी लेफ्टिनेंट वीना को बधाई दी है।
इस बीच लेफ्टिनेंट वीना जब तीन महीने की ड्यूटी के बाद अपने गांव लौटीं तो गांव वालों ने उनका भव्य स्वागत किया। इस मौके पर उनके माता-पिता की आंखें नम थीं। वीना ने एक साधारण लड़की से अफसर बनने तक के अपने सफर की पूरी कहानी हमसे साझा की।
मैंने तय कर लिया था कि मैं औरों की तरह शादी नहीं करूंगी
वीना बताती हैं कि उनकी पांच बहनें हैं। पिता किसान हैं, उनके लिए पांचों बहनों को पढ़ाना आसान नहीं था। आमतौर पर गांव में 12वीं के बाद लड़कियों की शादी कर दी जाती है। चुनिंदा लड़कियां ही उच्च शिक्षा हासिल कर पाती हैं।
हमारे यहां भी पिता ने शुरू में 12वीं के बाद आगे की पढ़ाई के लिए मना कर दिया था। दरअसल, मैं नर्सिंग करना चाहती थी। मैं इस बात पर अड़ी थी कि मैं दूसरों की तरह 12वीं के बाद अपनी जान नहीं लूंगी। दूसरी तरफ मेरे पिता को चिंता थी कि वे मेरी नर्सिंग की पढ़ाई का खर्च कैसे उठाएंगे?
पहले ही प्रयास में अफसर बन गईं
लेकिन वीना की लगन और समर्पण ने उनके पिता का हौसला बढ़ाया। पिता चेतन ने तय किया कि वे उसे पढ़ाएंगे। इसके बाद वीना ने एक नर्सिंग संस्थान में एडमिशन ले लिया। इसी बीच उन्होंने एम्स नर्सिंग ऑफिसर की तैयारी भी शुरू कर दी। कोचिंग के दौरान उन्हें पता चला कि वे मिलिट्री नर्सिंग सर्विस के जरिए अफसर बनकर सेना में भर्ती हो सकती हैं।
यह पहली बार था जब उन्होंने भारतीय सेना में शामिल होने के बारे में सोचा। इसके बाद वीना ने मिलिट्री नर्सिंग सर्विस की परीक्षा दी। उन्होंने अपने पहले प्रयास में ही लिखित, साक्षात्कार और मेडिकल टेस्ट पास कर लिया। इस तरह वीना ने न सिर्फ अपना सपना पूरा किया, बल्कि आज वे गांव की दूसरी लड़कियों के लिए भी मिसाल हैं।
गांव का नाम रोशन किया
वीना खुद को रूढ़िवादी सोच में नहीं बांधना चाहती थीं। वे शुरू से ही कुछ ऐसा करना चाहती थीं, जिससे पूरे गांव का नाम रोशन हो। वीना कहती हैं कि उन्होंने जो सोचा था, उसे हासिल कर लिया है। उन्हें खुशी है कि आज उनके साथ-साथ उनके माता-पिता, परिवार और गांव का भी नाम रोशन हुआ है।
चेतन दूसरी बेटियों को भी पढ़ा रहे हैं
अब वीना के पिता चेतन साहू का मानना है कि सभी माता-पिता को अपनी बेटियों को खूब पढ़ाना चाहिए। उनकी दूसरी बेटियां भी पुलिस, फॉरेस्ट गार्ड और परीक्षा की तैयारी कर रही हैं। पिता कहते हैं कि संघर्ष तो है ही। लोग कहते थे कि बेटियों की शादी कर दो। लेकिन लोगों की बातों को अनसुना कर आज वे अपनी बेटियों को पढ़ा रहे हैं।
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