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CG में B.Ed शिक्षकों की कौन सुनेगा गुहार ? नौकरी बचाने रो रहीं महिला टीचर्स, बोलीं- नौकरी दीजिए या इच्छामृत्यु दे दीजिए

Chhattisgarh B.Ed Teacher Hunger Strike Video | B.Ed Teacher Recruitment High Court Verdict Update: रायपुर के तूता स्थित धरना स्थल पर बीएड सहायक शिक्षकों की हड़ताल का आज पांचवा दिन है। हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने का आदेश दिया है। अब ये शिक्षक नौकरी जाने की चिंता में रो रहे हैं। वे कह रहे हैं, मुझे नौकरी दो या इच्छामृत्यु दो।

Chhattisgarh B.Ed Teacher Hunger Strike Video | B.Ed Teacher Recruitment High Court Verdict Update: प्रदर्शन के लिए जशपुर से राजधानी पहुंची शिक्षिका ने रोते हुए कहा कि उनके पिता नहीं रहे और दो बहनें पढ़ाई कर रही हैं। परिवार चलाने के लिए यही नौकरी एकमात्र सहारा है। अगर यह भी छिन गई तो पता नहीं मैं क्या करूंगी।

Chhattisgarh B.Ed Teacher Hunger Strike Video | B.Ed Teacher Recruitment High Court Verdict Update: दरअसल, रविवार को सहायक शिक्षकों ने रक्तदान कर मुआवजे की मांग की। इसके पहले सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए तेलीबांधा तालाब के आसपास सफाई अभियान और काली बाड़ी में नारेबाजी कर अपनी नौकरी बचाने की अपील की है।

भूख हड़ताल की चेतावनी दी

तूता धरना स्थल पर धरना दे रहे सहायक शिक्षकों ने कहा कि हमारी मांगों को लेकर सरकार की ओर से कोई ठोस पहल नजर नहीं आ रही है। शिक्षकों ने कहा कि सरकार हमारी नौकरी सुरक्षित करे। अन्यथा आने वाले समय में हम भूख हड़ताल करेंगे।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, 10 दिसंबर 2024 को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 2 सप्ताह के भीतर डीएड डिग्री धारकों को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति देने का आदेश दिया था। बीएड डिग्री धारकों की नियुक्ति को रद्द करने को कहा था। जिससे बीएड डिग्री धारक सहायक शिक्षकों की नौकरी खतरे में आ गई है।

Chhattisgarh B.Ed Teacher Hunger Strike Video | B.Ed Teacher Recruitment High Court Verdict Update: कोर्ट ने सख्त निर्देश दिए थे कि 15 दिन के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूरी करनी है। कोर्ट ने डीएड डिग्री धारकों को ही सहायक शिक्षक के पद के लिए उपयुक्त माना है।

अभ्यर्थियों की मांग

  • बीएड धारक शिक्षकों का समायोजन सुनिश्चित किया जाए।
  • सेवा समाप्ति के अन्यायपूर्ण आदेश पर तत्काल रोक लगाई जाए।
  • सभी शिक्षकों को उचित अवसर और सम्मान दिया जाए।

अन्य संगठन भी समर्थन में उतरे

आंदोलनकारी शिक्षकों के समर्थन में अन्य शिक्षक संगठन भी आगे आ रहे हैं। इसके साथ ही राजपत्रित अधिकारियों ने भी इन शिक्षकों का समर्थन किया है। शुक्रवार को शिक्षक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे और राजपत्रित अधिकारी संघ के अध्यक्ष कमल वर्मा ने धरना स्थल पर पहुंचकर इन अभ्यर्थियों को उनकी योग्यता के अनुसार समायोजित करने की मांग की।

वीरेंद्र दुबे ने कहा कि बीएड धारक शिक्षक आज अपने हक और सेवा सुरक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह संघर्ष इस बात का प्रमाण है कि जब योग्यता और मेहनत के साथ अन्याय होता है तो लोग संगठित होकर न्याय की मांग करते हैं। हम आपके संघर्ष का समर्थन करते हैं और सरकार से समाधान की उम्मीद करते हैं।

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