
Chhattisgarh B.Ed assistant teachers wrote a letter to CM with blood: छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी से निकाले गए बीएड सहायक शिक्षकों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को खून से पत्र लिखा है। उन्होंने सरकार से समायोजन की मांग की है। शिक्षकों का कहना है कि वे लंबे समय से शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे थे, लेकिन जब कोई समाधान नहीं निकला तो उन्होंने यह कदम उठाया।
दरअसल, रायपुर के टूटा धरना स्थल पर 2,897 बर्खास्त बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। वे अलग-अलग तरीकों से विरोध प्रदर्शन कर सरकार से अपनी मांगें मनवाने में लगे हुए हैं।
न नौकरी बची, न ही कोई सुनवाई
धरने पर बैठी शिक्षिका जितेश्वरी का कहना है कि सरकार ने हमारे लिए कमेटी बनाई है। लेकिन सरकार ने यह नहीं बताया कि यह कमेटी कब फैसला लेगी। हम यहां उस फैसले के इंतजार में बैठे हैं। हम मानसिक रूप से परेशान हैं। अब हमें सामाजिक प्रताड़ना भी झेलनी पड़ रही है। क्योंकि जहां भी जाते हैं, लोग पूछते हैं कि हमने तुम्हें नौकरी से क्यों निकाला।
हजारों की संख्या में शिक्षक धरना स्थल पर जुटे और सरकार से अपने भविष्य को सुरक्षित करने की अंतिम अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार को उन्हें समायोजित करने का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन अभी तक इस पर कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया है।
शिक्षकों ने साफ किया कि अगर जल्द ही कोई समाधान नहीं निकला तो वे आंदोलन को और उग्र करने पर मजबूर होंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री से जल्द से जल्द समायोजन प्रक्रिया शुरू करने की अपील की। ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।
निकाय चुनाव से पहले भी किया था आंदोलन
इससे पहले भी शिक्षकों ने 45 दिन से ज्यादा समय तक आंदोलन किया था, लेकिन निकाय चुनाव की आचार संहिता के चलते उन्हें अपना आंदोलन स्थगित करना पड़ा था। सरकार ने कमेटी तो बना दी है, लेकिन फैसला देने में सुस्ती दिखा रही है। यही वजह है कि शिक्षक अब कमेटी के लिए समय सीमा की मांग कर रहे हैं, ताकि फैसला लंबित न रहे।
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