अंबिकापुर के बलरामपुर जिले के ग्राम खजुरी में बीती रात ईंट भट्ठे के ऊपर सो रहे तीन ग्रामीणों की दम घुटने से मौत हो गई। मृतकों में जीजा-साला एवं उनका एक रिश्तेदार युवक शामिल है।
उनके साथ सो रहा एक अन्य ग्रामीण रात को नीचे गिर गया था और दूबारा नहीं चढ़ा, जिससे उसकी जान बच गई। चारों रात को नशे की हालत में थे। ठंड से बचने के लिए वे ईंट भट्ठे के ऊपर सो रहे थे। पुलिस ने तीनों मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
बलरामपुर एडिशनल एसपी सुशील नायक ने बताया कि ग्राम पंचायत खजुरी अंतर्गत कोटपाली निवासी राजदेव 28 वर्ष ने अपनी भूमि पर स्वयं के उपयोग के लिए ईंट बनवाया था। रविवार दोपहर को ईंट भट्ठे में आग लगाई गई थी।
बीती रात को राजदेव सहित उसका जीजा बनवा चेरवा (40) निवासी कोटपाली, अंबिकापुर के ग्राम असोला निवासी रिश्तेदार छोटू चेरवा (20) और गांव का ही युवक अजय चेरवा खाना खाने के बाद ईंट भट्ठे के पास सोने के लिए पहुंचे।
वे ईंट भट्ठे के ऊपर सीढ़ी से चढ़कर पहुंचे और भट्ठे के चौड़े मेड़ में कंबल ओढ़कर सो गए। चारों नशे की हालत में थे। रात को अजय चेरवा गर्मी लगने के बाद नशे की हालत में ही कंबल सहित 10 फुट नीचे गिर गया और नशा एवं नींद की हालत में वह ऊपर नहीं चढ़ पाया। वह भट्ठे के मेड़ के किनारे ही सो गया।
वहीं भठ्ठे की मेड़ में सो रहे राजदेव, बनवा चेरवा, एवं छोटू की रात को दम घुटने से मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने पर खजुरी में हड़कंप मच गया।
सूचना पर एडिशनल एसपी सुशील नायक, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि धीरज सिंहदेव पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। एएसपी नायक ने बताया कि तीनों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
लकड़ी से जलाया गया था भट्ठा, घुट गया दम- एएसपी सुशील नायक ने बताया कि राजदेव ने ईंट पकाने के लिए लकड़ी से भट्ठे में आग लगाई थी। कड़ाके की ठंड से बचने के लिए वे भट्ठे की मेड़ में चढ़ गए थे। रात को कंबल ओढ़कर सोने के कारण चारों का दम घुट गया। लकड़ी के धुएं के चलते आक्सीजन की कमी होने के कारण उनका दम घुटने की आशंका है।