
Chhattisgarh Ambikapur businessman Manish Gupta hanged: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के बस स्टैंड के पास स्थित एसआर होटल में एक युवा व्यवसायी का शव फंदे से लटकता मिला। व्यवसायी ने गुरुवार दोपहर होटल में चेक इन किया था। परिजनों ने उसकी तलाश की, लेकिन वह नहीं मिला। होटल मालिक की सूचना पर पुलिस और फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम मौके पर पहुंची और जांच की। मृतक ने सुसाइड नोट भी छोड़ा है।
जानकारी के अनुसार मूल रूप से सीतापुर निवासी मनीष गुप्ता (34 वर्ष) गुरुवार दोपहर बस स्टैंड के पास एसआर होटल पहुंचे और कमरा नंबर 103 बुक कराया। उन्होंने होटल संचालक से कहा कि उनके सीने में दर्द है और वह आराम करना चाहते हैं। शाम को होटल स्टाफ ने उन्हें खाने के लिए जगाने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। सुबह जब शव दिखा तो पुलिस को सूचना दी गई।
होटल संचालक ने बताया कि सुबह भी जब दरवाजा नहीं खुला तो उन्हें शक हुआ। बगल के कमरे के रोशनदान से अंदर झांका तो मनीष गुप्ता का शव फंदे से लटकता मिला। इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दी गई। सूचना पर फोरेंसिक एक्सपर्ट कुलदीप कुजूर और कोतवाली पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। मनीष गुप्ता द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट को भी पुलिस ने जब्त कर लिया है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया।
दुकानदार को पैसे आरटीजीएस करने निकला था
मनीष गुप्ता वर्तमान में गंगापुर में किराए के मकान में रह रहा था। उसने गंगापुर में ही कपड़े की दुकान खोल रखी थी। 17 अप्रैल को वह थोक कपड़ा दुकान मालिक को पैसे आरटीजीएस करने के नाम पर गंगापुर स्थित अपने घर से निकला था। वह दोपहर में दर्रीपारा स्थित अपने ससुराल भी गया था। वहां उसने पैसे आरटीजीएस करने की जानकारी दी और गंगापुर लौटने की बात कहकर निकला, लेकिन वह घर नहीं पहुंचा।
जब मनीष गुप्ता देर शाम तक घर नहीं पहुंचा तो उसकी पत्नी ने उसके भाई संजय साहू को फोन किया। जब उसने फोन नहीं उठाया तो वह भी कोतवाली थाने पहुंचा। पुलिस ने रात 11 बजे फोन ट्रेस करने का आश्वासन दिया। अगले दिन सुबह उसे थाने बुलाया गया। जब वे थाने पहुंचे तो उन्हें 10 मिनट के अंदर मनीष गुप्ता का शव मिलने की खबर मिली। बताया जा रहा है कि वह पिछले कुछ दिनों से मानसिक रूप से परेशान था। घरेलू विवाद की बात भी सामने आ रही है।
सुसाइड नोट के आधार पर जांच
मृतक के जीजा दर्रीपारा निवासी संजय साहू ने बताया कि सुसाइड नोट में उसने अपने आठ वर्षीय इकलौते बेटे के लिए लिखा है कि जो मैंने किया है, वह तुम मत करना। उसने कुछ पैसों के लेन-देन की बात भी लिखी है। उसने आत्महत्या के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराया है।
परिजनों ने बताया कि मनीष गुप्ता की सीतापुर में मोबाइल की दुकान थी। करीब दो साल पहले उसने परिवार के हिस्से में आई दुकान बेच दी थी। वह अंबिकापुर में किराए के मकान में रह रहा था। उसने अंबिकापुर में एक राइस मिल में भी काम किया था। उसने राइस मिल संचालक से पैसे भी उधार लिए थे, जिसे वह वापस नहीं कर पा रहा था।
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