Indore News: मैच के चार दिन पहले किए थेे पिच में बदलाव, पांच दिन का मैच सवा दो दिन में खत्म


होलकर स्टेेडियम के पिच पर उठ रहे सवाल।
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इंदौर मेें अभी तक तीन टेस्ट मैच हो चुका है और यह पहला मौका है जब भारतीय टीम इंदौर में कोई टेस्ट मैच हारी है। इसके लिए पिच को जिम्मेदार माना जा रहा है। दरअसल जल्दबाजी में पिच पर किया गया बदलाव भारी पड़ा। मैच शुरू होने के चार दिन पहले ही पिच मेें बदलाव शुरू किए थे और जिस दिन भारतीय बल्लेबाज बल्लेबाजी करने उतरे, तो पिच की नमी के कारण स्पीनरों को मदद मिली और मैैच शुरू होने के एक घंटे के भीतर आधी टीम पाॅवेलियन लौट गई थी। इंदौर के खेेलप्रेमियों को उम्मीद थी कि पांच दिन तक टेस्ट मैच देखने को मिलेगा, लेकिन खराब पिच के कारण मैच सवा दो दिन मेें ही सिमट गया।
चाहेे टेस्ट हो या वन डे, होलकर स्टेडियम का इतिहास रहा है कि हमेेशा यहा हाई स्कोरिंग मैच हुए है, लेकिन भारत और आस्ट्रेलिया के तीसरे टेस्ट मैच मेें टीम प्रबंधन की मंशा के अनुसार इस तरह का पिच तैयार किया गया कि पहले दिन से ही गेेंद पिच पर टप्पा खाने के बाद टर्न लेने लगी और भारतीय टीम पिच पर लड़खड़ाती नजर आई। बीसीसीआई ने एक माह पहले ही इंदौर में टेस्ट मैच खेेले जाने की घोषणा की थी। तब स्टेडियम में लाल मिट्टी का पिच तैयार किया जाने लगा था।
पहले दो टेस्ट मैच के बाद अचानक पिच में बदलाव करने की कवायद शुरू हुई और पिच को ढंका जाने लगा। सूत्रों के अनुसार पिच में दानेदार काली मिट्टी और हल्की रेत का इस्तेमाल किया गया, लेकिन उसे सेटल होने में समय चाहिए था। मैच शुरू होने के पहले ही दिन स्पीनरों को अच्छा टर्न मिला और जल्दी जल्दी विकेट गिरे। पिच को लेकर हो रही किरकिरी के मामले में एमपीसीए पदाधिकारियों का कहना है कि पिच बीसीसीआई के निर्देश पर बोर्ड केे क्यूरेटर की निगरानी मेें ही तैयार होते हैै।
दिल्ली और नागपुर मेें भी जल्दी खत्म हुए मैच
इंदौर केे होलकर स्टेडियम का नए सिरे से पिच तैयार करने में दिल्ली और नागपुर स्टेेडियम मेें बने पिच की होड़ की गई। इसी वजह से खेल बिगड़ा। दिल्ली और नागपुर में खेला गया मैच तीन-तीन दिन मेें खत्म हो गया था, जबकि इंदौर में तीसरा टेस्ट मैच सवा दो दिन मेें ही खत्म हो गया।