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CBI की रिमांड पर सोनवानी और गोयल: 7 दिन तक होगी पूछताछ, जानिए CGPSC घोटाले में कैसे फंसे Bajrang Power के डायरेक्टर SK ?

CGPSC scam Taman Sonwani and SK Goyal on CBI remand: सीजीपीएससी भर्ती विवाद में सीबीआई को टामन सोनवानी और श्रवण गोयल की रिमांड मिल गई है। सोमवार को सीबीआई ने सीजीपीएससी के पूर्व चीफ आईएएस अधिकारी टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार किया था।

दोनों आरोपियों को सीबीआई की विशेष कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 7 दिन की रिमांड पर सौंप दिया गया। आरोप है कि गोयल ने अपने बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका को नौकरी दिलाने के लिए चेयरमैन सोनवानी के करीबी सहयोगी के एनजीओ को सीएसआर फंड से 45 लाख रुपए दिए थे। यह रुपए सोनवानी के पास पहुंचे। इसकी पुष्टि होने के बाद कार्रवाई की गई।

सोनवानी और गोयल के वकील ने कहा- कोई व्यक्तिगत लेनदेन नहीं

सीबीआई टामन सोनवानी और श्रवण गोयल से 25 नवंबर तक पूछताछ करेगी। हालांकि रिमांड के दौरान घर से खाना उपलब्ध कराने की अनुमति दी गई है। साथ ही परिवार और वकील को भी आधे घंटे तक मिलने की अनुमति दी गई।

टामन सोनवानी के वकील गणेश गिरी गोस्वामी और गोयल के वकील फैजल रिजवी ने कहा कि यह गिरफ्तारी परेशान करने के लिए की गई है। जिन दो लेन-देन की बात की जा रही है, वे कंपनी ने एनजीओ को दिए हैं।

जिस एनजीओ की टामन सोनवानी की पत्नी अध्यक्ष हैं, उसे सीएसआर फंड से 45 लाख रुपए दिए गए हैं।किसी भी तरह का कोई व्यक्तिगत लेन-देन नहीं हुआ है।

वीआईपी लोगों के रिश्तेदारों के चयन का आरोप

सीबीआई के मुताबिक सोनवानी के कार्यकाल में पीएससी में हुई भर्तियों में बड़े पैमाने पर अनियमितता हुई है। आरोप है कि उन्होंने अपने कई करीबी रिश्तेदारों और कांग्रेस नेताओं और अधिकारियों के 18 रिश्तेदारों को नौकरी दिलाई है। जांच में पैसों के लेन-देन के पुख्ता सबूत मिले हैं।

आरोप यह भी है कि पैसे लेकर कुछ नेताओं और अधिकारियों के बच्चों को डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी जैसे पदों पर चयनित किया गया। विभागीय सूत्रों के मुताबिक टामन के अलावा सीबीआई आने वाले दिनों में कुछ और अधिकारियों को भी गिरफ्तार कर सकती है।

भर्ती घोटाले में सोनवानी-गोयल की भूमिका थी- सीबीआई

सीबीआई ने कहा है कि भर्ती घोटाले में टामन सोनवानी और श्रवण गोयल दोनों की भूमिका थी। चर्चा है कि गोयल ने अफसरों से बड़ी रकम का लेन-देन किया है। सीबीआई जल्द ही मामले में कई बड़े खुलासे कर सकती है।

सीबीआई ने क्या कहा

डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी समेत कई पदों के लिए वर्ष 2020 से 2022 के दौरान हुई परीक्षा/साक्षात्कार में कुछ वीआईपी लोगों के करीबी रिश्तेदारों के चयन पर सवाल उठे थे। इन्हीं आरोपों के आधार पर मामला दर्ज किया गया था। इस मामले की जांच चल रही है।

ये है विवाद

सीजीपीएससी की वर्ष 2019 से 2022 तक की भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों के चयन को लेकर विवाद है। ईओडब्ल्यू और अर्जुन्दा पुलिस ने भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप में मामला दर्ज किया है। पीएससी ने वर्ष 2020 में 175 और वर्ष 2021 में 171 पदों के लिए परीक्षा आयोजित की थी।

इन भर्तियों को लेकर विवाद ज्यादा है। आरोप है कि तत्कालीन अध्यक्ष सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेस नेताओं और नौकरशाहों के बच्चों की नौकरी लगवा दी है।

171 पदों के लिए हुई थी भर्ती परीक्षा

CGPSC परीक्षा 2021 में 171 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। 13 फरवरी 2022 को प्री परीक्षा हुई थी। इसमें 2 हजार 565 पास हुए। इसके बाद 26, 27, 28 और 29 मई 2022 को आयोजित मुख्य परीक्षा में 509 अभ्यर्थी पास हुए। साक्षात्कार के बाद 11 मई 2023 को 170 अभ्यर्थियों की चयन सूची जारी की गई।

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