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छत्तीसगढ़ में इन दिनों आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है। इसे लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी जारी है। ऐसे में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) ने सिविल सेवा के 189 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया है। हालांकि इस पर डीएसपी पद के लिए विज्ञापन नहीं है। जानकारों का कहना है कि ऐसा पहलनी बार हुआ है। वहीं भाजपा ने आरक्षण विवाद के बीच CGPSC के विज्ञापन जारी करने को कांग्रेस सरकार का युवाओं के साथ मजाक और षड्यंत्र बताया है।
20 दिसंबर तक आवेदन, 12 फरवरी को प्रारंभिक परीक्षा
सिविल सेवा परीक्षा 2023 में शामिल होने के लिए आवेदन एक से 20 दिसंबर तक किए जा सकते हैं। प्रारंभिक परीक्षा 12 फरवरी 2023 को होगी। आयोग की ओर से लगातार हर साल संविधान दिवस यानी 26 नवंबर को ही सिविल सेवा परीक्षा के लिए अधिसूचना जारी की जाती है, इस बार भी ऐसा ही किया गया है। हालांकि आयोग ने डीएसपी के एक भी पद को अपने भर्ती विज्ञापन में शामिल नहीं किया है, लेकिन इस बार क्लास-2 के पदों को भर्ती में जगह दी गई है।
इन पदों के लिए कर सकते हैं आवेदन
- डिप्टी कलेक्टर – 15
- राज्य वित्त सेवा अधिकारी- 4
- जेल अधीक्षक-16
- खाद्य अधिकारी सहायक संचालक- 2
- जिला आबकारी अधिकारी- 2
- जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी-5
- जिला पंजीयन- 1
- राज्य कर सहायक आयुक्त- 7
- अधीक्षक जिला जेल- 3
- रोजगार अधिकारी-1
- बाल विकास परियोजना अधिकारी- 9
- लोक सेवा अधिकारी-26
- आबकारी उपनिरीक्षक-11
- निरीक्षक-16
- सहायक जेल अधीक्षक-16
- नायब तहसीलदार- 70
पुलिस की तैयारी कर रहे युवाओं को निराशा
पुलिस विभाग में भर्ती के लिए तैयारी वाले युवाओं को आयोग ने झटका दिया है। सब इंस्पेक्टर की भर्ती की तैयारी करने वाले युवा आयोग की परीक्षा की भी तैयारी कर रहे हैं। जिससे वे डीएसपी पदों के लिए होने वाली भर्ती परीक्षा में शामिल हो सकें। अब डीएसपी भर्ती को विज्ञापन में ही जगह नहीं दी गई है। हालांकि दावा किया जा रहा है कि आने वाले समय में आवेदन से पहले इन पदों को भी शामिल किया जा सकता है।
भाजपा ने भर्ती विज्ञापन को लेकर साधा निशाना
भाजपा महामंत्री और पूर्व आईएएस ओपी चौधरी ने कहा कि, संविधान दिवस पर सीजीपीएसी की वेकेंसी को लेकर आवाज उठाई थी। इसके बाद कांग्रेस सरकार ने आनन-फानन में केवल राजनीति करने के लिए भर्ती निकाली। यह है कि पहली बार बिना आरक्षण रोस्टर के विज्ञापन निकाल दिया गया। मूल रूप से छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार षड्यंत्रों और साजिशों पर काम कर रही है। जिन लोगों ने आरक्षण के खिलाफ हाईकोर्ट में प्रिटिशन लगाया, उनको कैबिनेट मंत्री और राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है। यह स्पष्ट करता है कि ये षड्यंत्रों से काम कर रहे हैं।