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छत्तीसगढ़ में लाश दफनाने को लेकर बवाल: ईसाई और आदिवासी समाज भिड़ा, कांग्रेस नेता बोले-क्या श्मशान घाट में शव दफनाना जुर्म है ?

CG Jagdalpur Christian Woman Death Dispute | Jagdalpur: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले में ईसाई महिला की मौत के बाद शव को दफनाने को लेकर विवाद हो गया। बताया जा रहा है कि मारपीट में सरपंच गंगाराम समेत 8 ग्रामीण घायल हो गए हैं। गांव में बड़ी संख्या में पुलिस तैनात है। मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मामला बड़ेबोदल गांव का है।

CG Jagdalpur Christian Woman Death Dispute | Jagdalpur: दो समुदायों के बीच मारपीट में बीच-बचाव करने सरपंच पहुंचे थे। इस दौरान उनके साथ भी मारपीट की गई। घायलों का इलाज जगदलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है। बताया जा रहा है कि शव को दफनाने के समय ईसाई समुदाय के लोगों की संख्या अधिक थी।

ईसाई समुदाय के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई

CG Jagdalpur Christian Woman Death Dispute | Jagdalpur: ईसाई समुदाय के युवा मंच के अध्यक्ष नरेंद्र भवानी ने प्रशासन और सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि क्या कानूनी तौर पर सार्वजनिक श्मशान घाट में शव को दफनाना अपराध है। ग्राम पंचायत बोदल में दोनों पक्षों के बीच मारपीट हुई है, लेकिन एकतरफा कार्रवाई की जा रही है।

CG Jagdalpur Christian Woman Death Dispute | Jagdalpur: बोदल सरपंच और उसके साथी कई महीनों से ईसाई समुदाय के अनुयायियों को परेशान कर रहे थे। गाली-गलौज और धमकी दे रहे थे। उनके साथ बुरा व्यवहार किया जाता था। इस बारे में कई बार शिकायत भी की गई, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

शव को दफना भी दिया तो क्या अपराध है?

CG Jagdalpur Christian Woman Death Dispute | Jagdalpur: युवा मंच के अध्यक्ष नरेंद्र भवानी ने कहा कि अगर परिवार के लोग अपने समुदाय के लोगों के साथ शव को दफना भी दें तो क्या अपराध है?

CG Jagdalpur Christian Woman Death Dispute | Jagdalpur: अगर यह अपराध नहीं है तो फिर गांव के सरपंच और उसके साथी किस अधिकार से पीड़ित परिवार के पास यह पूछने गए कि आपको शव दफनाने का अधिकार किसने दिया, शव दफनाने से पहले आपने किससे पूछा।

ईसा मसीह को मानने वाले अपराधी नहीं

CG Jagdalpur Christian Woman Death Dispute | Jagdalpur: भवानी ने कहा कि घटना के बाद 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, ईसा मसीह को मानने वाले अपराधी नहीं हैं। सभी निर्दोष लोग मजबूर परिस्थितियों के शिकार हैं। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें अपराधी बना दिया गया है। पहले मामले की जांच होनी चाहिए। उसके बाद कार्रवाई होनी चाहिए।

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