
गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के देवभोग क्षेत्र के 40 गांवों के ग्रामीण फ्लोराइड युक्त पानी पीने को मजबूर हैं। जल शक्ति बोर्ड के वैज्ञानिकों ने यहां के पानी की जांच की, जिसमें पता चला कि 90 पेयजल स्रोतों में फ्लोराइड की मात्रा तय मानक से ज्यादा है।
CG Gariaband Villages Water Issues Update | Fluoride: इन गांवों में डेंटल और स्केलेटल फ्लोरोसिस के 100 से ज्यादा मरीज मिले हैं। प्रभावित लोगों के दांत पीले पड़ गए हैं और हड्डियां टेढ़ी हो गई हैं। वहीं किडनी के मरीजों के गांव के नाम से मशहूर सुपेबेड़ा में भी जांच की गई, जहां फ्लोराइड की मात्रा कम पाई गई।
CG Gariaband Villages Water Issues Update | Fluoride: 4 साल पहले पानी में फ्लोराइड की पुष्टि हुई थी। इस समस्या को देखते हुए 40 स्कूलों में फ्लोराइड रिमूवल प्लांट लगाए गए थे। लेकिन जागरूकता के अभाव में स्कूली बच्चे और ग्रामीण इनका उपयोग नहीं कर रहे हैं। 17 गांवों में फ्लोराइड पाया गया
CG Gariaband Villages Water Issues Update | Fluoride: पिछले 1 साल में देवभोग क्षेत्र के 94 गांवों के 175 पानी के नमूनों की जांच की गई। इनमें नांगलदेही, सीतालीजोर, खुटगांव, करचिया, चिचिया और मुड़ागांव समेत 17 गांवों के 51 जल स्रोतों में फ्लोराइड की मात्रा सबसे ज्यादा है।
6 करोड़ खर्च कर लगाए गए फ्लोराइड रिमूवल प्लांट
CG Gariaband Villages Water Issues Update | Fluoride: स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में पता चला कि वर्ष 2015 में 1500 से ज्यादा स्कूली बच्चों के दांत पीले थे। जिसके बाद भूजल स्रोतों की जांच में फ्लोराइड की मौजूदगी पाई गई।
CG Gariaband Villages Water Issues Update | Fluoride: प्रशासन ने 6 करोड़ खर्च कर 40 प्रभावित स्कूलों में फ्लोराइड रिमूवल प्लांट लगाए थे। लेकिन जागरूकता के अभाव में स्कूली बच्चे और ग्रामीण इनका उपयोग नहीं करते थे।
स्वास्थ्य विभाग ने की औपचारिकता
स्कूली बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करने वाली चिरायु टीम ने 2015 में अकेले देवभोग ब्लॉक में 2500 से अधिक स्कूली बच्चों के दांत पीले होने का खुलासा किया था। जून 2024 में जब हाईकोर्ट ने फ्लोराइड का संज्ञान लिया तो स्वास्थ्य विभाग ने फिर से जांच शुरू की।
फ्लोरोसिस कार्यक्रम के तहत गांव में जांच शिविर लगाकर 335 लोगों की जांच की गई और बताया गया कि सिर्फ 59 बच्चों में डेंटल फ्लोरोसिस के लक्षण हैं, जबकि जल शक्ति मंत्रालय के वैज्ञानिक प्रभावितों की संख्या सैकड़ों में बता रहे हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2019 में 155 की जांच की गई और 31 मिले। 2020 में 158 की जांच की गई और 23 मिले। 2021 में 147 की जांच की गई और 21 डेंटल फ्लोरोसिस के मरीज मिले।
हाईकोर्ट के संज्ञान के बाद सुधार
जुलाई 2024 में हाईकोर्ट ने फ्लोराइड मामले का संज्ञान लिया, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और पीएचई विभाग ने बंद पड़े 41 रिमूवल प्लांट को तत्काल चालू कर दिया।
जिले भर में 300 से अधिक स्रोतों की जांच की गई। जिले के देवभोग ब्लॉक के अलावा मैनपुर और गरियाबंद ब्लॉक के 50 से अधिक गांवों के पेयजल स्रोतों में फ्लोराइड की मात्रा अधिक है।
सुपेबेड़ा के पानी में फ्लोराइड नहीं
गुर्दा रोगियों के गांव के नाम से मशहूर सुपेबेड़ा को लेकर जल शक्ति बोर्ड के वैज्ञानिकों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने 4 चरणों में यहां के सभी स्रोतों की जांच की है, लेकिन यहां के स्रोतों में समानुपातिक मात्रा में फ्लोराइड पाया गया है।
सुपेबेड़ा के जिन स्रोतों में फ्लोराइड रिमूवल प्लांट लगाए गए हैं, वहां भी फ्लोराइड की अधिकता नहीं पाई गई है। जल शक्ति मंत्रालय ने आर्सेनिक और अन्य भारी धातुओं की जांच के लिए नमूने एकत्र किए हैं। इसकी रिपोर्ट मार्च के अंत तक आ जाएगी।
एक्टिवेटेड एल्युमिना और टेरापीट फिल्टर
CG Gariaband Villages Water Issues Update | Fluoride: उप निदेशक वरुण जैन का कहना है कि मुंबई के इको सॉल्यूशन नामक एनजीओ के प्रमुख मैकेनिक इंजीनियर यतेंद्र अग्रवाल ने एक्टिवेटेड एल्युमिना और टेरापीट फिल्टर बनाया है, जिसकी मदद से फ्लोराइड की मात्रा को पीने योग्य बनाया जाता है।
CG Gariaband Villages Water Issues Update | Fluoride: इसकी एक किट की कीमत मात्र 1000 रुपये है। इसे प्रभावित गांव के सभी प्रभावित परिवारों को वितरित किया जाएगा। ग्रामीण इसका उपयोग बिना बिजली के भी आसानी से कर सकेंगे। इसके लिए वन सुरक्षा समिति और कर्मियों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा चुका है। एक-दो दिन में इसका वितरण शुरू कर दिया जाएगा।
CG Gariaband Villages Water Issues Update | Fluoride: इस यंत्र का प्रयोग वैज्ञानिकों ने उदंती सीता नदी अभ्यारण्य के गांव में किया। वैज्ञानिक मुकेश आनंद और प्रमोद साहू ने बताया कि इसके प्रयोग से अतिरिक्त फ्लोराइड निकल रहा है। पानी आसानी से पीने योग्य बन रहा है। वैकल्पिक उपयोग के लिए यह सुझाव प्रशासन के पास रखा जाएगा।
CG Gariaband Villages Water Issues Update | Fluoride: 5 नए फ्लोराइड रिमूवल प्लांट लगेंगे कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने बारीगांव, नांगलदेही, झाखरपारा, करचिया और कटपदर गांव में 5 नए रिमूवल प्लांट स्वीकृत किए हैं। साथ ही स्वास्थ्य और पीएचई विभाग को जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।
CG Gariaband Villages Water Issues Update | Fluoride: मॉनिटरिंग के लिए एक कर्मचारी की नियुक्ति की गई है। वहीं स्कूलों में लगाए गए प्लांट को भी अपडेट किया जाएगा। जल शक्ति मंत्रालय की टीम 22 मार्च को अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन से साझा करेगी।
CG Gariaband Villages Water Issues Update | Fluoride: क्षेत्रीय निदेशक डॉ. प्रबीर कुमार नायक के मार्गदर्शन में वैज्ञानिक मुकेश आनंद और प्रमोद साहू की टीम लगातार पानी के सैंपल की जांच कर रही है। बैठक में गांवों की स्थिति और समाधान पर चर्चा की जाएगी।
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