Cash payment for Tendu leaves in Naxal areas of Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में सरकार लोगों को नकद पैसे देगी। यह पैसे तेंदू पत्ता संग्राहकों को दिए जाएंगे। अब तक खातों में राशि ट्रांसफर करने का नियम रहा है। इस बार सरकार लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए नकद भुगतान करने जा रही है। वन मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि इसके लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
वन मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में जिलों की बैंक शाखाएं गांवों से काफी दूर हैं। साथ ही नेटवर्क जैसी कई समस्याएं भी हैं। इसके चलते सरकार ने तेंदू पत्ता संग्राहकों को नकद भुगतान करने का फैसला किया है। सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिलों में नकद भुगतान किया जाएगा। भुगतान के लिए कैंप लगाए जाएंगे सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिलों के हाट-बाजारों में कैंप लगाकर संग्राहकों को नकद भुगतान किया जाएगा। हालांकि इन तीन जिलों के अलावा बाकी जिलों में संग्राहकों के खातों में राशि ट्रांसफर की जाएगी।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक वी श्रीनिवास राव ने बताया कि वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं। इस निर्देश में कहा गया है कि नगद भुगतान की समस्त कार्यवाही जिला कलेक्टर के नियंत्रण में होगी। कौन से संग्राहक नगद भुगतान के लिए पात्र होंगे, इसका निर्णय कलेक्टर द्वारा किया जाएगा।
15 दिन के भीतर भुगतान के आदेश
हर जिले में जिला कलेक्टर और वन मंडल अधिकारी, प्रबंध संचालक, जिला यूनियन के आपसी समन्वय से हाट बाजार या अन्य स्थानों पर शिविर लगाए जाएंगे। भुगतान के दौरान वीडियोग्राफी कराई जाएगी। शिविर के दौरान संग्राहकों को आधार कार्ड जारी करने, बैंक खाता खोलने का काम भी किया जाएगा। अधिकारियों को 15 दिन के भीतर भुगतान की प्रक्रिया पूरी करने को कहा गया है।
इस बार 5500 रुपए है दर
छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता को हरा सोना कहा जाता है। राज्य में तेंदूपत्ता संग्राहकों को अब पिछली सरकार से ज्यादा लाभ मिलने वाला है। तेंदू पत्ता विक्रेताओं को पिछली सरकार में 4000 रुपए प्रति मानक बोरा मिलता था, जिसे अब बढ़ाकर 5500 रुपए कर दिया गया है। तेंदू पत्ता भी अलग-अलग किस्म का होता है। टेंडर प्रक्रिया में सरकार पत्तों की बोली लगाती है।
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