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छत्तीसगढ़ के 54 BJP नेताओं के केस होंगे वापस: मंत्री और विधायकों का भी नाम शामिल, दंगा भड़काने समेत कई आरोप, जानिए क्या बोली कांग्रेस ?

Cases of 54 BJP leaders of Chhattisgarh will be withdrawn: छत्तीसगढ़ में भाजपा नेताओं के खिलाफ दर्ज राजनीतिक मामलों को साय सरकार खत्म करने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस कार्यकाल में भाजपा नेताओं पर दंगा भड़काने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, तोड़फोड़ करने और अफसरों से झगड़ा करने के आरोप में अलग-अलग जिलों में 134 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से 54 मामले खत्म किए जाएंगे।

साय कैबिनेट की बैठक में मंत्रिपरिषद की उपसमिति ने मामले खत्म करने की अनुशंसा की थी। जिन भाजपा नेताओं के मामले वापस लिए जाएंगे, उनमें मंत्री, विधायक, प्रदेश स्तर और जिला स्तर के नेता शामिल हैं। वहीं कांग्रेस ने कहा है कि सिर्फ बड़े नेताओं के मामले वापस लिए जा रहे हैं, कार्यकर्ताओं के मामले भी खत्म किए जाने चाहिए।

इन नेताओं को मिलेगी राहत

गृह विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिन नेताओं के मामले समाप्त किए जाएंगे, उनमें मंत्री दयालदास बघेल, शकुंतला पोर्ते, उद्देश्वरी पैकरा, सुशांत शुक्ला, कृष्णकांत चंद्रा, योगेश्वर राजू सिन्हा, गजेंद्र यादव, राकेश सेन और सौरभ सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं समेत 54 प्रदेश और जिला स्तर के नेता शामिल हैं।

पहले 54 मामले समाप्त किए जाएंगे

राजनीतिक मामले मंत्रिपरिषद द्वारा गठित उपसमिति के समक्ष आने से पहले गृह मंत्री कार्यालय में इन मामलों की समीक्षा की गई। समीक्षा बैठक में मंत्री राम विचार नेताम और मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े शामिल हुए और अधिकारियों से चर्चा की। पहले 54 मामले समाप्त किए जाएंगे।

भूपेश कार्यकाल में भाजपा नेताओं पर फर्जी एफआईआर

भाजपा प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कहा कि भूपेश सरकार में भ्रष्टाचार और प्रदेश की जनता के साथ धोखाधड़ी हो रही थी। जब भाजपा नेता तत्कालीन सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतरते थे, तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें धमकाया जाता था।

भाजपा सरकार आने के बाद जनता के लिए काम करने वाले भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं पर दर्ज झूठे मामलों को खत्म करने की प्रक्रिया चल रही है।

कांग्रेस कार्यकाल में भी खत्म हुए थे मामले

छत्तीसगढ़ में राजनीतिक मामले खत्म करने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले कांग्रेस कार्यकाल में तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल ने अपने मंत्रियों के साथ मिलकर ऐसा ही फैसला लिया था। कांग्रेस सरकार में तत्कालीन गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई थी।

समिति ने 21 राजनीतिक मामलों को खत्म करने की अनुशंसा की थी। फिर तत्कालीन सरकार ने कांग्रेस नेताओं के राजनीतिक मामले खत्म करवा दिए। सईद सरकार भी इसी की तैयारी में है।

100 से अधिक दागी नेताओं ने चुनाव लड़ा

एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, विधानसभा चुनाव 2023 में 100 से अधिक दागी नेताओं ने चुनाव लड़ा। इनमें से कांग्रेस से 13, भाजपा से 12, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ से 11, आम आदमी पार्टी से 12, बसपा से 2, जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी से 8, हमार राज पार्टी से 6, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से 5 नेता शामिल हैं।

इसके साथ ही सपा, जनता कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय युवा पार्टी, बहुजन मुक्ति पार्टी, आजाद जनता पार्टी, छत्तीसगढ़ महतारी पार्टी, बलिराज पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी, सीपीआई, छत्तीसगढ़ी समाज पार्टी, भारतीय सर्वजनहिताय समाज पार्टी और बहुजन समाज पार्टी से 1-1, गण सुरक्षा पार्टी से 2 और 16 निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा।

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