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आंगनबाड़ी केंद्र ढहा: बच्चे बाहर निकले और गिर गया भवन, पार्षद बोले- प्रशासन को पता था जर्जर है इमारत

छत्तीसगढ़ के कोरबा में शुक्रवार शाम एक आंगनबाड़ी केंद्र गिर गया। हादसे से ठीक पहले ही बच्चों की छुट्टी हुई थी। वह जैसे ही इमारत से बाहर निकले, पूरा केंद्र ताश के पत्तों की तरह भरभराकर भरभराकर ढह गया। हादसा होते देख बच्चे और कर्मचारी दहशत में आ गए। वहीं स्थानीय पार्षद का कहना है कि जर्जर इमारत को लेकर प्रशासन को जानकारी थी, लेकिन शिकायत के बाद भी उन्होंने कुछ नहीं किया। 

दरअसल, रिसदी क्षेत्र के वार्ड- 32 में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या एक का भवन बेहद जर्जर था। इसके बावजूद यहां पर बच्चों की जान जोखिम में डाल उनकी पढ़ाई और महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाएं संचालित हो रही थीं। शुक्रवार को भी रोज की तरह बच्चों की पढ़ाई हो रही थी। शाम को बच्चों की छुट्टी हुई और वह घर जाने के लिए इमारत से बाहर निकले। तभी पूरा आंगनबाड़ी भवन गिर गया। 

जिस समय हादसा हुआ, उससे ठीक पहले भवन में 19 बच्चे मौजूद थे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता फ्लोविया एक्का ने बताया कि वहां 25 बच्चे पढ़ते हैं। उन्होंने बताया कि वे छुट्टी होने के बाद बच्चों को छोड़ने के लिए भवन के बाहर आई हुई थी, नहीं तो वो इस हादसे का शिकार हो सकती थी। जर्जर भवन के बारे में अधिकारियों को कई बार बताया गया था, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। न तो भवन की मरम्मत कराई गई और न तो कोई वैकल्पिक व्यवस्था ही की गई। 

आंगनबाड़ी भवन के गिरने की जानकारी पर पार्षद अजय गौड़ मौके पर पहुंचे। पार्षद ने बताया कि वार्ड में और भी जर्जर आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं, जिसके चलते दुर्घटना का खतरा बना हुआ है। उन्होंने बताया कि जर्जर भवन और इससे जुड़े खतरे की जानकारी प्रशासन और आईसीडीएस के अधिकारियों को कई बार दी, लेकिन कुछ नहीं किया गया। आईसीडीएस के डीडब्ल्यूसीडीओ गजेंद्र देव सिंह ने स्वीकार किया कि कई केंद्रों की स्थिति वाकई अच्छी नहीं है। इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।

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