कमरे में सुबह मिला था शव
जानकारी के मुताबिक, इंदु चौक निवासी पीटर सिंह दिव्यांग है। वह चौक के पास ही फास्ट फूड का ठेला लगाता है। करीब तीन साल पहले उसकी शादी सत्या सिंह (21) से हुई थी। घर में उसकी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्य रहते थे। सत्या गर्भवती थी। सोमवार रात पीटर नागपुर चला गया था। कमरे में सत्या थी। अगले दिन सुबह जब कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो परिजन देखने पहुंचे। वहां बेड पर सत्या का शव पड़ा हुआ था।
पुलिस को पति पर था, राजनांदगांव से उसे पकड़ा
वारदात की रात ही पीटर सिंह के नागपुर जाने की बात को लेकर पुलिस को उस पर संदेह था। इस पर पुलिस ने उसे झांसा दिया और वापस लौटने को कहा। पीटर जैसे ही राजनांदगांव पहुंचा, पहले से इंतजार में लगी पुलिस टीम ने उसे पकड़ लिया। पूछताछ की गई तो पीटर ने बताया कि वह कृत्रिम पैर लगवाने के लिए जा रहा था। तभी उसे रास्ते में इस घटना की जानकारी हुई। इस पर वह लौट रहा था। पुलिस उसे साथ ही लेकर मौके पर पहुंची।
भांजे ने खोला हत्या का राज, फिर पकड़ में आया जेठ
वारदात के बाद पुलिस घर के सभी सदस्यों से पूछताछ कर रही थी। इस दौरान पीटर के भांजे बंटी ने बताया कि उसकी मामी रात को कमरे में सो रही थीं। तभी बड़ा मामा प्रकाश सिंह कमरे में आया। शराब के नशे में वह मामी से जबरदस्ती करने लगा। मामी ने विरोध किया, मैंने भी उन्हें समझाया, लेकिन नहीं मान रहे थे। इसलिए वह कमरे से बाहर निकल गया और दूसरी जगह जाकर सो गया। उसके बाद कि जानकारी उसे नहीं है।
पीटर के जाने के बाद कमरे में घुसा आरोपी
पुलिस ने जेठ प्रकाश सिंह को हिरासत में ले लिया। उससे पूछताछ की गई तो पहले टाल-मटोल करता रहा। इस पर पुलिस ने सख्ती से पूछा तो प्रकाश ने हत्या करना स्वीकार कर लिया। उसने पुलिस को बताया कि पीटर के जाने के बाद सत्या ने अंदर से कमरा बंद कर लिया था। पीटर के निकलने के बाद वह सत्या के कमरे में पहुंचा। उसने सत्या से दुष्कर्म का प्रयास किया, तो वह विरोध करने लगी। इस पर उसने घूंसे से मारा, गला दबा दिया।