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जब आनंद बख्शी के गाने पर मचा बवाल, गरीबी से जूझ रहे हीरो की दांव पर थी किस्मत; डायरेक्टर की उड़ गई नींद फिर…

मुंबई: फिल्म बनाते समय फिल्ममेकर्स से अनजाने में ही कोई न कोई ऐसी चूक हो जाती है जो बवाल की वजह बन जाती है. 45 साल पहले आई फिल्म ‘धरम वीर’ (Dharam Veer) ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार कामयबी हासिल की थी, लेकिन मनमोहन देसाई से एक ऐसी चूक हो गई जो देश की महिला संगठनों को नागवार गुजरी और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था. हालात बदतर होते देख डायरेक्टर की नींद उड़ गई. इस फिल्म में धर्मेंद्र (Dharmendra), जीनत अमान (Zeenat Aman), जितेंद्र, नीतू सिंह लीड रोल में थे. इधर बवाल शुरू हुआ तो धर्मेंद्र घबरा गए, क्योंकि फिल्म से उनका सब कुछ दांव पर लगा हुआ था.

मनमोहन देसाई की 4 बड़ी हिट फिल्मों में ‘धरम वीर’ एक थी. इस फिल्म के गाने भी मेलोडियस थे, लेकिन जब भी इस फिल्म की चर्चा होती है तो इसके गाने को लेकर हुआ जबरदस्त विवाद याद आ जाता है. यूं तो इस फिल्म में धर्मेंद्र-जीनत अमान (Zeenat Aman) और जितेंद्र-नीतू सिंह की जोड़ी ने पर्दे पर धमाल मचा दिया था.

आनंद बख्शी के एक शब्द ने मचा दिया था बवाल
‘धरम वीर’ का म्यूजिक एल्बम जब रिलीज किया गया तो ऐसा हंगामा मचा जिसकी कल्पना ना तो मनमोहन देसाई ने की थी ना ही गाना लिखने वाले प्रसिद्ध गीतकार आनंद बख्शी ने. दरअसल, फिल्म के एक गाने सात अजूबे इस दुनिया में’ में एक शब्द पर महिला संगठनों को आपत्ति थी. गाने के दूसरे अंतरे में आनंद बख्शी साहब ने लिखा था ‘ये लड़की है या रेशम की डोर है,कितना गुस्सा है, कितनी मुंहजोर है, ढीला छोड़ न देना हंसके, रखना लगाम कसके, मुश्किल से काबू में आए लड़की हो घोड़ी’….बस इसी शब्द पर तो महिलाएं आग बबूला हो गईं.

दोबारा लिखा गया और रिकॉर्ड हुआ गाना
महिला संगठनों ने लड़की की तुलना घोड़ी से करने पर बवाल काट दिया. धरना प्रदर्शन होने लगा. जब विरोध ज्यादा बढ़ने लगा तो मनमोहन देसाई ने आनंद बख्शी से दूसरी लाइन लिखने को कहा और गाने को फिर से रिकॉर्ड करवाया फिर से रिलीज किया. इस गाने को धर्मेंद्र, जितेंद्र और जीनत अमान पर फिल्माया गया और गाने को मोहम्मद रफी और मुकेश ने आवाज दी थी.

धर्मेंद्र के मुफलिसी भरे दिन थे
ये तो रहा गाने का किस्सा, इस फिल्म की शूटिंग के दौरान धर्मेंद्र के हालात बेहतर नहीं थे. मीडिया रिपोर्ट की माने तो धर्मेंद्र के पास भरपेट खाने के लिए भी पैसे नहीं थे. कभी बड़ापाव खा लेते थे कभी होटल में उधार खा कर पेट भर लेते थे. एक दिन ‘धरम वीर’ की शूटिंग से देर रात धर्मेंद्र लौटे तो तेज भूख के मारे हालत खराब थी. जिस होटल में उधार चलता था वह भी बंद हो गया.धर्मेंद्र बिस्तर पर लेटे हुए थे, तभी उनकी नजर टेबल पर रखी कब्ज मिटाने वाली दवा इसबगोल के बोतल पर पड़ी, भूख से बेहाल धर्मेंद्र ने मजबूरी में पूरी बोतल पी ली. सुबह तक तबीयत बिगड़ी तो अस्पताल में भर्ती करवाया गया तो डॉक्टर ने कहां कि इन्हें दवा की नहीं भोजन की जरूरत है.

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‘धरम वीर’ फिल्म के हिट होते ही धर्मेंद्र की हालत भी सुधर गई, इसके बाद तो उन्हें पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा. आज भी शान से जी रहे हैं.

Tags: Dharmendra, Entertainment Special, Jeetendra, Neetu Singh, Zeenat aman

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