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भाई को बनाया स्टार, फिर दिग्गज डायरेक्टर ने भांजी से रचाई थी शादी, दिमाग हिला देगी वजह

मुंबई. विजय आनंद (Vijay Anand) ने अपनी फिल्मों की बदौलत दर्शकों के दिल में एक खास जगह बनाई थी. वे एक जबरदस्त एक्टर भी थे. 22 जनवरी को बॉलीवुड के दिग्गज निर्माता और निर्देशक विजय आनंद उर्फ गोल्डी की बर्थ एनिवर्सरी थी. उन्होंने दुनिया को ‘काला बाजार’, ‘तेरे घर के सामने’, ‘गाइड’, ‘ज्वेल थीफ’, ‘जॉनी मेरा नाम’, ‘तेरे मेरे सपने’ ‘कोरा कागज’ जैसी कई सुपरहिट फिल्में दी. अपने भाई देव आनंद के शानदारी करियर के पिछे भी विजय थे. फिल्मी करियर के अलावा गोल्डी की निजी जिंदगी भी काफी चर्चा में रही. खास उनकी शादी बेहद विवादों में थी. 23 फरवरी 2004 को विजय ने इस दुनिया को अलविदा कहा. आज वो अपनी फिल्मों के जरिए दर्शकों दे दिल में जिंदा हैं.

विजय जब 7 साल के थे तब उनकी मां का निधन हो गया था. फिर उनके बड़े भाई और भाभी ने उनकी देखभाल की. जब विजय स्कूल में थे तब उनके बड़े भाई देव आनंद और चेतन आनंद ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में खूब नाम कमा चुके थे. फिर पढ़ाई करने के बाद विजय भी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ गए. बताते हैं कि विजय जब कॉलेज में थे तब उन्होंने अपनी भाभी के साथ मिलकर एक स्क्रिप्ट लिखी थी. इसी पर आगे चलकर ‘टैक्सी ड्राइवर’ नाम पर फिल्म बनी. इस फिल्म के देव आनंद थे. बॉक्स ऑफिस पर मूवी ने अच्छा प्रदर्शन किया था. इसके बाद विजय आनंद का नाम फिल्म इंडस्ट्री में होने लगा.

विवादों से भरी थी निजी जिंदगी

विजय आनंद ने अपने करियर में रोमांटिक, कॉमेडी, फैमिली ड्रामा, थ्रिलर हर तरह की फिल्म बनाई. ठीक इसी तरह उनकी रियल लाइफ भी काफी उतार चढ़ाव से भरी थी.

22 जनवरी 1934 को पंजाब के गुरदासपुर में जन्मे विजय आनंद को गोल्डी आनंद के नाम से भी जाना जात था उन्होंने लीक से हटकर फिल्में बनाईं और फिल्म इंडस्ट्री में मशहूर निर्देशक के रूप में पहचान स्थापित की. गाइड की सफलता के बाद इन्होंने एक फिल्म तेरे मेरे सपने (1971) बनाई जो नहीं चली. विजय आंनद को गहरा धक्का लगा और वो डिप्रेशन में आ गए. विजय आनंद, ओशो की शरण में चले गए. अपना नाम स्वामी विजय आंनद भारती रख लिया. भगवा कपड़े और गले में बड़ी माला पहनने लगे थे. यहां तक कि अपने स्टुडियो में प्रवचन भी देने लगे थे. हालांकि जल्द ही उनका ओशो से मोह भंग हो गया और फिर से सांसारिक जिंदगी में लौट आए.

1978 में विजय आनंद ने सुषमा कोहली से दूसरी शादी की. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि सुषमा रिश्ते में उनकी भांजी लगती थीं. एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में सुषमा ने अपनी शादी को लेकर कई किस्से शेयर किए थे. उन्होंने खुद बताया था कि विजय और मेरी शादी साल 1978 में फिल्म ‘राम बलराम’ की शूटिंग के दौरान हुई थी. सुषमा का कहना था कि विजय को उनकी सादगी काफी पसंद आई थी.

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विजय आनंद ने ‘हकीकत, ‘कोरा कागज’, ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’ जैसी फिल्मों में अभिनय किया. एक दौरान ऐसा भी आया जब विजय आनंद तनाव का शिकार हो गए थे. फिर वे आध्यात्म की ओर चले गए थे. 2004 में दिल का दौरा पड़ने से विजय आनंद का निधन हो गया था.

Tags: Bollywood news, Dev Anand, Entertainment news.

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