Bleeding Eye Virus: दुनियाभर में बढ़ रहा ब्लीडिंग आई वायरस का खतरा, जानें लक्षण और बचाव
Bleeding Eye Virus: आज के समय में ब्लीडिंग आई वायरस पूरी दुनिया में फैल रहा है, यानी आंखों में खून आना या खून के थक्के जमना कोई आम बात नहीं है। हाल ही में मारबर्ग, एमपॉक्स और अराफांच जैसे कई देशों में फैलने के कारण यह वायरस तेजी से बढ़ रहा है।
Bleeding Eye Virus: रवांडा में भी इस वायरस की वजह से कई लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग इस वायरस के शिकार भी हो गए। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर यह वायरस क्या है, यह आंखों को कैसे नुकसान पहुंचाता है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
ब्लीडिंग आई वायरस क्या है?
Bleeding Eye Virus: ब्लीडिंग आई वायरस को वैज्ञानिक भाषा में हेमोरेजिक कंजंक्टिवाइटिस कहते हैं। यह एक तरह का वायरल इंफेक्शन है। इसके होने पर आंखों में खून बह सकता है। इसके अलावा आंखों के सफेद हिस्से में खून के थक्के जम जाते हैं और यह तेजी से फैलता है।
इस वायरस के लक्षण
Bleeding Eye Virus: मारबर्ग वायरस या ब्लीडिंग आई वायरस में 2 से 20 दिन तक लक्षण दिख सकते हैं। आंखों में तेज जलन और खुजली हो सकती है। इसके साथ ही आंखों के सफेद हिस्से में लालिमा या खून के थक्के भी हो सकते हैं।
Bleeding Eye Virus: धुंधला दिखाई देना, लगातार सिरदर्द, चक्कर आना, उल्टी और हल्का बुखार हो सकता है। ये सभी लक्षण दिखने पर डॉक्टर के पास जरूर जाएं, ताकि समय रहते आपका इलाज हो सके।
कैसे करें बचाव?
Bleeding Eye Virus: आंखों में वायरस के फैलने से बचने के लिए अपने हाथों को साफ रखें और साफ हाथों से ही अपनी आंखों को छुएं। गंदे हाथों से आंखों को छूने से यह बीमारी तेजी से फैल सकती है। आंखों और चेहरे को पोंछने के लिए साफ तौलिये और रूमाल का ही इस्तेमाल करें।
Bleeding Eye Virus: संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें, ताकि आपको यह बीमारी न हो। साथ ही डॉक्टर द्वारा सुझाए गए आई ड्रॉप या एंटीबायोटिक का ही इस्तेमाल करें। अगर आप कॉन्टैक्ट लेंस या चश्मा पहनते हैं, तो उन्हें नियमित रूप से साफ करते रहें।
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