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बजट से पहले सियासत: कांग्रेस ने कहा- छत्तीसगढ़ की उपेक्षा, बीजेपी का जवाब- केंद्र से मिले करोड़ों रुपए कहां गए?

सुशील आनंद शुक्ला, अमित चिमनानी

सुशील आनंद शुक्ला, अमित चिमनानी
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज बुधवार को संसद में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आज आम पेश करेंगी। इससे पहले छत्तीसगढ़ में वित्त बजट को लेकर प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है। मामले में सत्तापक्ष कांग्रेस और विपक्ष बीजेपी दोनों हमलावर हैं। बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। 

बजट पर कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि आम बजट प्रावधानों में भ्रष्टाचार भाजपा के केंद्र बिंदु में रहता है। भाजपा का बजट प्रावधान कभी भी विकास का रास्ता तय नहीं कर सका। वहीं भाजपा ने कहा है कि राज्य के विकास के लिए केंद्र से भरपूर राशि मिल रही है। दूसरी ओर कांग्रेस का कहना है कि भाजपा के केंद्र बिंदु में सिर्फ कमीशनखोरी रहता है। भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने बजट पर  जवाब देते  हुए कहा है कि  मोदी पैसा जनता के लिए भेजते हैं पर वह कांग्रेस के खास अफसरों के घर से निकलता है।

‘केंद्र ने दिए इतने रुपए’

भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी चिमनानी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने 9 हजार करोड़ रुपया रेलवे के लिए अलग से दिया, 8 हजार करोड़ रुपया पूंजीगत व्यय के लिए अतिरिक्त दिया, 10 हजार करोड़ रुपया सड़कों के लिए अतिरिक्त दिया, अभी-अभी चुनिंदा राज्यों में कैंसर की मुफ्त वैक्सीन लगाने की घोषणा की है, जिसमें छत्तीसगढ़ को चुना गया है, 464 किलोमीटर का रायपुर से विशाखापट्टनम तक का एक्सप्रेस वे केंद्र सरकार ही बना रही है, मोदी जी ने तो 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपए दे दिए जबकि मनमोहन सिंह 10 वर्षों में केवल 85 हजार करोड़ रुपए दे सके थे।

‘कांग्रेस अपना राजनीतिक काला चश्मा उतारे’

भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने कहा कि कांग्रेस अपना राजनीतिक काला चश्मा उतारे, जिसमें उसे दिखता सब कुछ है लेकिन अंधे बनने का नाटक करती है। छत्तीसगढ़ हमेशा से मोदी की प्राथमिकता में रहा है और आगे भी रहेगा। यह राज्य भाजपा की अटलबिहारी वाजपेयी सरकार ने बनाया है। भाजपा की राज्य सरकार ने इसका विकास किया है। भाजपा की केंद्र सरकार इसे भरपूर राशि दे रही है।

11 लाख लोगों के आवास नहीं बनने दिए : बीजेपी

भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने मोदी सरकार द्वारा दिए 11 लाख लोगों के आवास नहीं बनने दिए , 24 लाख लोगों के घर नल नहीं लगने दिए, 5 लाख का मुफ्त इलाज लोगों को नहीं लेने दिया। मोदी जी पैसा छत्तीसगढ़ की जनता के लिए भेजते हैं और वह निकलता कांग्रेस के खास अधिकारियों के घर से है। यही नहीं छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार तो मोदी जी द्वारा भेजा गया गरीबों का चावल तक खा गई। कांग्रेस जनता को गुमराह करने जो अनर्गल प्रलाप कर रही है, छत्तीसगढ़ की जनता उसकी असलियत जानती है।

 

हर साल 2 करोड़ रोजगार के लिए बजट प्रावधान कब होगा? : अमित चिमनानी

आम बजट से पहले छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने कहा कि मोदी अपने सरकार के 9वें बजट में देश की जनता से किये वायदों को पूरा करें। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी ने 2014 के चुनाव में देश की जनता से चार प्रमुख वायदा किया था। पहला 100 दिन में महंगाई कम करने का, दूसरा हर साल 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का, तीसरा 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने का और चौथा विदेश से काला धन लाकर हर खाते में 15 लाख डालने का। मोदी अपने दूसरा कार्यकाल पूरा करने वाले ऐसे में अब वायदा नहीं निभायेंगेस तब कब वायदा पूरा करेंगे। देश की जनता की मांग है कि मोदी सरकार अपने वायदो को पूरा करने के लिये आम बजट में वित्तीय प्रावधान करें।

महंगाई से कब मिलेगी निजात? : कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि 100 दिन में महंगाई कम करने का वायदा करने वाले मोदी के राज में महंगाई कम तो नहीं हुई और बढ़ गयी है। महंगाई से देश के नागरिको की कमर टूटती जा रही है। 2014 में जो गैस का सिलेंडर 410 रू. का था, आज वह 1150 रू. के पार है। पेट्रोल के दाम 70 रू. प्रति लीटर से बढ़कर 100 रू. प्रति लीटर के पार हो गये है जबकि डीजल के दाम 55 रू. प्रति लीटर से बढ़कर 90 रू. प्रति लीटर के करीब पहुंच गये है। खाने के तेल और दाल की कीमत 70 रू. और 60 रू. प्रति किलो थी, वह 200 रू. प्रति किलो को पार कर गई है।

‘हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा कब पूरा होगा?’

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वायदा मोदी ने किया था। उनको सरकार चलाते साढ़े 8 साल हो गये अभी तक 17 करोड़ युवाओ को रोजगार मिलना था। 17 करोड़ युवाओ को रोजगार जो नहीं मिला मोदी सरकार की गलत नीतियों नोटबंदी और जीएसटी के कारण ढाई करोड़ लोगो की नौकरियां चली गयी। देश में बेरोजगारी दर 50 साल के 1972 के बाद सबसे उंचे पायदान 8.76 प्रतिशत पर है। देश के युवा मोदी सरकार और वित्त मंत्री से अपेक्षा करते है कि आने वाले बजट में नये रोजगार सृजन के लिये प्रावधान किये जाए।

कब दोगुनी होगी किसानों की आय? : मोहन मरकाम

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने चुनावी वायदे में किसानों से कहा था देश के किसानों की आय 2022 तक दुगनी कर देंगे। 2022 को बीते एक माह हो गये किसानों की आय दुगनी तो नहीं हुई। मोदी सरकार की किसान विरोधी नीति के कारण कृषि का लागत मूल्य बढ़ गया। डीजल, उर्वरक, कीटनाशक के दाम बढ़ने से किसानों की आय घट गयी। मोदी का किसानो से किया वायदा भी गलत साबित हुआ है। कृषि सुधार के नाम पर किसानों को धोखा दिया जा रहा है। सिंचाई पर योजना और किसानों को प्रत्यक्ष सब्सिडी के बजाय चंद पूंजीपति मित्रों को उपकृत करने का षडयंत्र रचा जा रहा है। देश के किसानों की अपेक्षा है कि मोदी अपने अंतिम बजट में ही वायदा निभाये किसानों की आय बढ़ाने के लिये ठोस वित्तिय प्रावधान किए जाएं। 

8 सालों में किसान, मजदूर, युवा, बेरोजगार और महिलाओं को कुछ नहीं मिला :  सुरेंद्र वर्मा

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि विगत 8 वर्षों से केंद्रीय बजट में देश के किसान, मजदूर, युवा, बेरोजगार, महिलाओं और आम जनता को कुछ नहीं मिला, राहत केवल चंद पूंजीपति कारपोरेट मित्रों पर केंद्रित रहा है। मोदी सरकार जनकल्याण की योजनाओं के बजट आवंटन में लगातार कटौती कर रही है। खाद सब्सिडी, खाद्य सब्सिडी और मनरेगा जैसे जनकल्याणकारी मदों में विगत 3 बजट से 25 से 35 परसेंट तक की भारी कटौती लगातार जारी है। अमीरों से लिया जाने वाला वेल्थ टैक्स खत्म कर डीजल पर लगभग 10 गुना सेंट्रल एक्साइज बढ़ाना मंहगाई का सबसे बड़ा कारण है। रेपो दर चालू वित्त वर्ष में ही 5 बार बढ़ाए गए, लोन पर ब्याज दरें बढ़ गई लेकीन महंगाई नियंत्रण से बाहर है। शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, गैस सब्सिडी जैसे समाज कल्याण के कार्यक्रमों में बजटीय आवंटन लगातार घटाए जा रहे हैं। यही कारण है कि पूंजीवादी नीतियों के चलते मोदी राज में असमानता दिनों-दिन बढ़ रही है, मोदी के चंद मित्र हर मिनट ढाई करोड़ से अधिक कमा रहे हैं जबकि आम जनता की आय लगातार घट रही है। 

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