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झीरम कांड पर तकरार: बीजेपी के बयान पर सीएम भूपेश बोले- नार्को टेस्ट को तैयार; रमन, मुकेश और लखमा की भी हो जांच

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छत्तीसगढ़ में झीरम कांड को लेकर  प्रदेश की सियासत एकबार फिर गरमाई हुई है। मामले में बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक दूसरे को घेरने में लगे हैं। बीजेपी जहां इस मामले में तंज साध रही है तो कांग्रेस भी जमकर पलटवार करते हुए निशाना साध रही है। 

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता और राज्य शासन के पूर्व वरिष्ठ मंत्री अजय चंद्राकर ने झीरम घाटी कांड न्यायिक जांच आयोग का कार्यकाल 6 माह बढ़ाए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि झीरम का सच सबके सामने है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जांच आयोग बनाने की कोई जरूरत नहीं थी। झीरम कांड के प्रत्यक्षदर्शी कवासी लखमा तो उनकी सरकार में मंत्री हैं। भूपेश बघेल उनसे पूछ लें। वे जिसका नाम लें, भूपेश उसे फांसी पर लटकवा दें। कवासी लखमा से तो रोज पूछताछ होनी चाहिए। झीरम के पीड़ितों को चार साल में क्या मिला?

मंत्री कवासी लखमा प्रत्यक्षदर्शी: अजय चंद्राकर

उन्होंने कहा कि मंत्री कवासी लखमा को सब जानकारी है। लखमा घटना के प्रत्यक्षदर्शी हैं। झीरम नक्सल कांड पर पीड़ित परिवार को अब तक न्याय नहीं मिला है। लखमा जिसे भी दोषी बताए उसे फांसी पर चढ़ा देना चाहिए। मुझे दोषी बताएं तो मुझे फांसी पर चढ़ा दो। प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि जांच आयोग बनाने की जरूरत नहीं थी, लेकिन कांग्रेस को राजनीति करनी है। यदि जांच रिपोर्ट समय पर आएगी तो कांग्रेस इस मुद्दे पर क्या राजनीति करेगी। 

कमेटियों पर दागे सवाल

उन्होंने भूपेश बघेल सरकार द्वारा बनाई गई कमेटियों के औचित्य पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इतनी कमेटी बनाई, कई जांच आयोग बनाए, उनमें से किसी की भी जांच रिपोर्ट नहीं आई। क्या शराबबंदी कमेटियों की रिपोर्ट आई, क्या स्काईवॉक कमेटियों की रिपोर्ट आई, क्या भूपेश बघेल सरकार द्वारा गठित झीरम जांच आयोग की रिपोर्ट आई? जब प्रत्यक्षदर्शी कांग्रेस सरकार में मंत्री है तो उनसे ही पूछ लें कि सच क्या है। हो गई जांच और क्या। नाटक बंद करना चाहिए।

रमन ने कसा तंज

वहीं पूर्व सीएम रमन सिहं ने ट्वीट कर कहा कि चुनाव से पहले तो दाऊ @bhupeshbaghel की जेब में झीरम के सारे सबूत थे, लेकिन 4 सालों में उसी जेब में कोयला और माफिया की इतनी काली कमाई भर ली है कि अब सबूत नहीं मिल रहे। यदि उनके पास एक भी तथ्य है तो सामने लाये अन्यथा तथ्य छुपाने के अपराध पर भूपेश बघेल के विरुद्ध केस चलना चाहिए।

हम नार्को टेस्ट को तैयार : भूपेश

दूसरी ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अजय चंद्राकर के इस बयान पर कहा कि वह जांच को तैयार हैं, यदि वह जांच कराना चाहते हैं तो एनआईए की जांच वापस करा दें। जांच चाहते है तो हो जाएं, हम जांच को तैयार हैं। जांच सही में चाहते हैं तो एनआईए की जांच हमें वापस करा दें। यहां पर गृहमंत्री आए थे तो हमनें मांग किया। नार्को टेस्ट हो जाए रमन सिंह का, पूर्व आईजी मुकेश गुप्ता का, मंत्रियों का और कवासी लखमा का भी टेस्ट होगा। कोई दिक्कत नहीं है मगर तैयार तो हों जांच के लिए।

भाजपा के बयानबाजी को अवांक्षित और अमर्यादित : सुशील

कांग्रेस ने जीरम न्यायिक आयोग के कार्यकाल को बढ़ाए जाने के निर्णय पर भाजपा के बयानबाजी को अवांक्षित और अमर्यादित बताया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा जांच को बाधित करना चाहती है। जीरम न्यायिक आयोग की जांच पर रोक का पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक स्टे लेकर रखे हैं। 

‘भाजपा डरती है’

उन्होंने कहा कि भाजपा डरती है जीरम का सच सामने आ जायेगा तो वह बेनकाब हो जाएगी। रमन सिंह से बड़ा क्रूर शासक आजाद भारत में आज तक नहीं हुआ। एक साथ विपक्ष के 32 नेताओं की हत्या हो गयी और तत्कालीन सरकार सच सामने आने देने से रोकने में पूरी ताकत लगा रखी थी। भाजपा के बड़े नेता जीरम की जांच को रोकने लगातार कोशिशें कर रहे उसमें साफ हो रहा जीरम के पीछे तत्कालीन भाजपा सरकार की भूमिका संदिग्ध है। जीरम आयोग के कार्यकाल बढ़ाने पर भाजपा तिलमिला क्यो रही है? 

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष ने कहा कि जैसे ही झीरम घाटी कांड की जांच की बात आती है पता नहीं क्यों भाजपा के बड़े-बड़े नेता घबराने लगते है, किसी न किसी प्रकार से वे इसकी जांच को बाधित करने में जुट जाते हैं, कभी बयानबाजी करते हैं, कभी आंदोलन करते हैं, कभी कोर्ट की शरण में जाते हैं, पीआईएल दायर करते हैं। यानी किसी भी प्रकार से भाजपा झीरम घाटी की जांच को होने ही नहीं देना चाहती है। भाजपा के नेता इस बात से डरते हैं कि झीरम घाटी कांड की जांच से ऐसा कोई सच निकलकर आ जायेगा जिससे तत्कालीन भाजपा सरकार के किसी कुत्सित चेहरे पर से नकाब उठा जायेगा? भाजपाई इस बात से डरते हैं कि उनके आका, तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सरकार की नाकामी, उनके द्वारा कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा को सुरक्षा मुहैया करवाने में बरती गई घोर लापरवाही सामने आ जायेगी? भाजपा किस बात से डर रही है? क्या श्री धरमलाल कौशिक इस बात से डरते हैं कि इस नक्सली घटना के पीछे की किसी बड़ी साजिश का पर्दाफाश हो जायेगा जिसका प्रभाव इनकी पूरी पार्टी पर पड़ सकता है? 

‘सीबीआई की जांच नहीं होने दे रहे थे’

उन्होंने कहा कि सीबीआई की जांच नहीं होने दे रहे थे, एनआईए की जांच रोक दिया था। एसआईटी की जांच नहीं होने देना चाहते थे। अब न्यायिक जांच आयोग की जांच को रोकने याचिका लगाई गयी। आज भी छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा को घोर नक्सल इलाके में ही क्यो हटाया गया था ? झीरम नर संहार भाजपा के लिए उसकी तत्कालीन सरकार द्वारा की गई चूक मात्र हो सकती है। उसकी तत्कालीन सरकार द्वारा किया गया एक षड्यंत्र मात्र हो सकता है 

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