
बिलासपुर। स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से शालेय खेल स्पर्धा कोरोना काल में बंद हो गई थी। इससे खिलाड़ियों का खेल पूरी तरह प्रभवित रहा। दो साल बाद कोरोना संक्रमण का प्रभाव कम होने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्पर्धा की शुरुआत की गई है। संभाग व राज्य स्तरीय खेल में शामिल होने के लिए प्रदेशभर के खिलाड़ी जोर लगा रहे हैं। खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
14, 17 व 19 आयु वर्ग के बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग प्रकार के खेलों का आयोजन किया जा रहा है। राज्य शासन ने अगस्त में खेल कैलेंडर जारी किया। साथ ही सभी सरकारी व निजी स्कूल संचालकों से खेल शुल्क लिया गया। टेनिस बाल क्रिकेट, ताइक्वांडो, बैडमिंटन, बाक्सिंग, स्पीड बाल, शतरंज, नेट बाल, थ्रो बाल, टेनिस वालीबाल, कराटे, कुश्ती, मलखंभ, क्रिकेट, राइफल शूटिंग, कैरम, पावर लिफ्टिंग, वेट लिफ्िटग, रोलर स्केटिंग, स्काय, योग एवं शूटिंग बाल समेत कई प्रकार के खेलों का आयोजन किया जा रहा है। बिलासपुर, मंुगेली, जांजगीर-चांपा, कोरबा, जीपीएम समेत प्रदेश के सभी जिलों के खिलाड़ी स्थानीय स्तर पर खेल का प्रदर्शन कर रहे हैं।
कुछ स्कूली बच्चे नेशनल गेम खेलने लिए पटना भी गए हैं। वहां कबड्डी स्पर्धा चल रही है। खेलों के आयोजन के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा खेल शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। मैदान तैयार करवाने से लेकर पूरी व्यवस्था खेल शुरू होने के एक दिन पहले होती है। बिलासपुर के सुनील साहू ने कहा कि कोरोना काल के दौरान खेल बंद होने से कई प्रकार के परेशानी का सामना करना पड़ा।
प्रैक्टिस पूरी तरह बंद हो चुकी थी। अब खेल शुरू होने पर राहत मिली है। प्रेमलता ने कहा कि कारोना काल में घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया था। दौड़ लगाना बंद हो गया था। जब स्थिति सामान्य हुई। तब प्रैक्टिस शुरू हुआ। अब स्कूल स्तरीय खेल में बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है।