
Publish Date: | Wed, 12 Oct 2022 05:08 PM (IST)
बिलासपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। करवा चौथ को लेकर सुहागिन महिलाओं में जबरदस्त उत्साह है। पर्व के एक दिन पहले बुधवार को खरीदारी करने बाजार में जबरदस्त भीड़ उमड़ी। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो 13 अक्टूबर को बिलासपुर में चंद्र उदय का समय रात्रि आठ बजकर सात मिनट से प्रारंभ होगा। जिसके बाद सुहागिनें चलनी की ओट से चांद के दर्शन कर पति का दीदार करेंगी।
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज तिवारी ने करवा चौथ की कथा बताया। उनका कहना है कि इंद्रप्रस्थ नगरी के वेदशर्मा नामक ब्राह्मण परिवार की पुत्री से जुड़ी है। सात भाइयों में अकेली बहन वीरावती का विवाह सुदर्शन नामक ब्राह्मण के साथ हुआ। वीरावती ने एक बार करवा चौथ का व्रत अपने मायके में किया। पूरे दिन निर्जल रहने के कारण वह निढाल हो गई। उसके भाइयों से उसकी यह दशा नहीं देखी गई। उन्होंने खेत में आग लगाकर समय से पहले ही नकली चांद उदय करा दिया। वीरावती की भाभियों ने उसे चांद निकलने की बात बताकर अर्घ्य दिलवा दिया। उसके बाद से वीरावती का पति लगातार बीमार रहने लगा। उसने इंद्र की पत्नी इंद्राणी का पूजन कर उनसे समाधान मांगा। उन्होंने व्रत के खंडित होने की बात बताई और पुन: विधि विधान से व्रत करने की सलाह दी। वीरावती ने वैसा ही किया। इससे उसका पति ठीक हो गया। उसी समय से यह व्रत लोक प्रचलन में आ गया। वहीं मान्यता है कि द्रौपदी ने भी भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर करवा चौथ का व्रत किया था। इसे विघ्ननाश या करक चतुर्थी व्रत भी कहते हैं। इस वजह से द्रौपदी की कथा का भी श्रवण करते हैं। बता दें कि इस पर्व को लेकर बिलासपुर में खासा उत्साह दिख रहा है। बुधवार को सुबह से बाजार में भीड़ रही। करवा खरीदने के साथ पूजन सामग्री की दुकानों में भीड़ जुटी रही। इसके साथ मेंहदी और ब्यूटी पार्लर सहित कपड़ा व सराफा बाजार में भीड़ रही।
Posted By: Yogeshwar Sharma