छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक फैसला सुनाते हुए नागरिक आपूर्ति निगम के खिलाफ आदेश जारी कर निविदाकार को 7.26 करोड़ की अमानत राशि वापस करने का निर्देश दिया है। साथ ही निविदाकार इंडस्ट्री को ब्लैक लिस्ट से भी बाहर करने को कहा है। निगम ने निविदा खुलने के बाद भी बिड स्वीकार नहीं की और बाद में मना करने पर अमानत राशि जब्त कर ली थी। मामले की सुनवाई जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी जस्टिस और अरविंद सिंह चंदेल की डिवीजन बेंच में हुई।
दरअसल, नागरिक आपूर्ति निगम ने सात फरवरी 2022 को वित्तीय वर्ष 2022-23 में चना खरीदने के लिए चार टेंडर निकाले थे। इसमें अंबे इंस्ट्रीज ने भी हिस्सा लिया था। उसने दो निविदाओं में 4. 45 करोड़ और 2.81 करोड़ कुल 7.26 करोड़ रुपय अमानत राशि के रूप में जमा किए थे। विभाग की ओर से निविदा नौ मार्च 2022 को खोली गई। जब 30 मार्च तक भी बिड स्वीकार नहीं हुई तो अंबे इंडस्ट्रीज ने 31 मार्च को अपना ऑफर वापस ले लिया।
नागरिक आपूर्ति निगम ने उसके बाद बिड स्वीकार कर निविदाकार को अनुबंध करने का निर्देश दिया। इंडस्ट्री की ओर से मना करने और अनुबंध नहीं करने पर उनकी अमानत राशि जब्त कर ली गई। इसके विरुद्ध निविदाकार ने रिट याचिका दायर कर हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी तथ्यो का निरक्षण किया। साथ ही आदेश पारित किया कि नागरिक आपूर्ति निगम का कृत्य पूरी तरीके से ग़लत है।