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हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: पीड़िता का चरित्र खराब है, यह कहकर रेप के आरोपी को नहीं छोड़ सकते

नई दिल्ली। रेप के मामले पर अपना फैसला सुनाते हुए केरल हाईकोर्ट ने कहा कि रेप के आरोपी को इसलिए छोड़ा नहीं जा सकता क्योंकि पीड़िता सेक्स की आदि थी या फिर चरित्र ठीक नहीं था. अदालत ने मामले की सुनाई करते हुए अदालत ने कहा कि एक पिता द्वारा अपनी ही बेटी के साथ बलात्कार करने से बड़ा और जघन्य अपराध कोई नहीं हो सकता.

अपनी 16 साल की बेटी के साथ बलात्कार कर उसे गर्भवती करने वाले पिता दोषी करार करते हुए जस्टिस आर नारायण ने कहा कि बलात्कार पीड़िता की गवाही की विश्वसनीयता इस बात से प्रभावित नहीं होगी कि उसने किसी अन्य व्यक्ति के के साथ यौन संबंध बनाए हैं. आरोपी की और से दलील दी गई है कि पीड़िता ने किसी और के साथ संबंध बनाए थे.

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आरोपी की दलील को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने अपने 11 अक्टूबर के फैसले में कहा कि अगर किसी लड़की का चरित्र खराब है या उसे यौन संबंध बनाने की आदत है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि रेप के आरोपी को छोड़ दिया जाए. अगर यह मान भी लिया जाए कि पीड़िता पहले यौन संबंध बना चुकी है, तो यह निर्णायक सवाल नहीं है.

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इसके उलट सवाल यह है कि क्या आरोपी ने पीड़िता के साथ रेप किया है, यह ट्रायल आरोपी का है, पीड़िता का नहीं. अदालत ने कहा कि इससे बड़ा अपराध कोई नहीं हो सकता है कि एक पिता ही अपनी बेटी का रेप करे.

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